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Chandrayaan 3: चंद्रयान को लेकर बड़ी खबर, शिवशक्तिपर सुबह से बड़ी उम्मीद क्या फिर से कार्य करना शुरू करेंगे विक्रम प्रज्ञान

चांद के दक्षिणी ध्रुव पर रोशनी अब अगले 14 से 15 दिन तक रहने वाली है
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चांद के दक्षिणी ध्रुव पर रोशनी अब अगले 14 से 15 दिन तक रहने वाली है

mahendra india news, new delhi

चंद्रयान 3 की चांद पर कामयाबी के बाद अब फिर से बड़ी खबर आ रही है। जिसका हर किसी को बेसब्री से इंतजार है कि क्या एक बार विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर कार्य करना शुरू कर देंगे। दरअसल चांद के दक्षिणी ध्रुव पर सुबह होने वाली है। अब विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर को सूर्य की गर्मी से ऊर्जा मिलने लगेगी।


इसरो के मुताबिक अगर पर्याप्त मात्रा में सूर्य की रोशनी दोनों के सोलर पैनल पर पड़ेगा तो वह जाग जाएंगे और ऐसा होने पर वो कार्य करना शुरू करेंगे। विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर के रिसीवर ऑन मोड में है हालांकि दूसरे उपकरण बंद रखे गए हैं। बता दें कि 22 सितंबर को विक्रम से संपर्क साधने की कोशिश होगी क्योंकि तब तक सोलर पैनल चार्ज हो जाएंगे। चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर रोशनी अब अगले 14 से 15 दिन तक रहने वाली है। 

4 सितंबर से स्लीपिंग मोड में विक्रम लैंडरविक्रम लैंडर को 4 सितंबर को स्लीपिंग मोड में यानी सुलाया गया था. उसके पेलोड्स बंद किए गए थे. हालांकि रिसीवर को ऑन रखा गया था. खास बात यह है स्लीपिंग मोड में जाने से पहले विक्रम लैंडर अपनी जगह (ह्यद्धद्ब1ह्यद्धड्डद्मह्लद्ब श्चशद्बठ्ठह्ल) से उछला और जिस जगह पर उतरा था वहां से करीब 40 मीटर दूर लैंड किया गया. इस सफल लैंडिंग से आगे के रास्ते भी खुले मसलन यदि किसी मिशन को चांद की सतह पर उतारा जाता है तो उसकी वापसी भी हो सकती है.चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास स्पेसक्राफ्ट को उतराने वाला भारत पहला देश है..इस मिशन का पहला उद्देश्य चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र का पता लगाना है, जिसके बारे में माना जाता है कि इसमें पर्याप्त मात्रा में जमा हुआ पानी मौजूद है, स्लीप मोड में जाने से पहले विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर ने चांद की सतह और मिट्टी पर अलग-अलग प्रयोग किए और कई रहस्यों को बेपर्दा किया, सूर्योदय का होना इस वजह से जरूरी

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चंद्रयान 3 मिशन के लिए सूर्य उदय एक महत्वपूर्ण क्षण है क्योंकि यह लैंडर और रोवर को कार्य करने के लिए आवश्यक गर्मी प्रदान करने का कार्य करेंगे। इसरो ने बताया है कि 22 सितंबर को संचार प्रयास शुरू करने से पहले तापमान के एक निश्चित स्तर से ऊपर बढऩे का इंतजार करेंगे। 14 जुलाई, 2023 को लॉन्च किया गया चंद्रयान-3 मिशन पहले पहले ही महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल कर चुका है। 

इसने इंडिया को चंद्रमा पर सफलतापूर्वक उतरने वाला 4 देश और चांदके दक्षिणी ध्रुव के पास ऐसा करने वाला प्रथम देश बना दिया। मिशन का प्राथमिक उद्देश्य इस वैज्ञानिक रूप से पेचीदा क्षेत्र का पता करना है, जिसके बारे में बताया जाता है कि इसमें पर्याप्त मात्रा में जमा हुआ पानी मौजूद है।