home page

बीज व पेस्टीसाइड कपंनियों के बहकावे में न आएं डीलर: लखविंद्र सिंह औलख

 | 
Dealers should not be misled by seed and pesticide companies: Lakhwinder Singh Aulakh
mahendra india news, new delhi

हरियाणा के सिरसा में बीकेई अध्यक्ष लखविंद्र सिंह औलख ने कहा कि सीड एवं इनसेक्टिसाइड एक्ट में किए जा रहे संशोधन का जो दुकानदार भाई विरोध कर रहे हंै, उनकी हम कड़े शब्दों में निंदा करते हंै। क्योंकि इसमें किसानों के साथ-साथ सही काम करने वाले दुकानदारों का भी फायदा होगा। बीकेई अध्यक्ष लखविंद्र सिंह औलख ने सोमवार को मीडिया से बातचीत करते हुए कही। 


किसान नेता ने कहा कि हरियाणा में चुनाव से पहले बीजेपी ने किसानों से वायदा किया था कि सीड, पेस्टीसाइड व फर्टिलाइजर का गलत काम करने वाले लोगों के खिलाफ स त कानून लेकर आएंगे। हमारी इस विषय में सरकार व सरकार के उच्चाधिकारियों के साथ कई दौर की मीटिंगें हुई। पिछले 11 सालों से हरियाणा की सत्त्ता में स्थापित बीजेपी ने किसानों के हक में पहली बार अच्छा काम किया है। हालांकि हम इस कानून को और स त बनाने के हक में हंै, जिससे कि किसान व किसानी की हो रही बर्बादी को रोका जा सके। इस संशोधन से किसान को जो राहत मिलेगी, उसके लिए हम सरकार का आभार प्रकट करते हंै। हैरानी की बात तो ये है कि पेस्टीसाइड सीड व फर्टिलाइजर माफिया इतना हावी हो चुका है कि वह सरेआम सरकार को चेतावनी दे रहा है कि हम गलत काम भी करेंगे और अपने खिलाफ कार्रवाई भी नहीं होने देंगे। 

जिस विषय को लेकर रविवार को कुरुक्षेत्र में बड़ी-बड़ी सीड व पेस्टीसाइड कंपनियों के मालिकों ने हरियाणा भर के डीलरों की मीटिंग बुलाई। उनकी अच्छी खातिरदारी की गई और उनको इस कानून के संशोधन को वापस करवाने के लिए उकसाया गया।
हम हमारे डीलर व रिटेलर भाइयों से कहना चाहते हंै कि एक तरफ तो आप यह कह रहे हंै कि हम सीलबंद पैकिंग में सीड व फर्टिलाइजर खरीदते हंै और उसे सीलबंद ही किसान को बेचते हंै। इसलिए उस उत्पाद की गुणवत्त्ता की जि मेदार निर्माता कंपनी होनी चाहिए और दूसरी तरफ प्रदेश के वही डीलर बंधु उन कंपनी वालों के प्रतिभोज में शामिल होकर उन्हीं की भाषा बोल रहे हंै। जो लोग 30 से 35 रुपए प्रति किलो धान किसान से खरीदते हंै और उससे 10 गुणा ज्यादा रेटों में 300 से 350 रुपए प्रति किलो बीज के नाम पर किसानों को लूटते हंै। कुछ कंपनियां तो 400 ग्राम कपास के बीज का दाम 1610 रुपए तक वसूल करती है, जिसका मतलब 4 लाख रुपए प्रति क्विंटल उनका बिनौला बिक रहा है। जो पूसा यूनिवर्सिटी की बासमती की किस्में हंै, उनका सरकारी व सहकारी बिक्री केंद्रों पर 70 से 90 रुपए प्रकि किलो किसानों के लिए रेट रखा गया है। दूसरी तरफ यह बड़ी-बड़ी बीज कंपनियां 250 से लेकन 350 रुपए प्रति किलो उन्हीं बासमती की किस्मों को किसानों को बेचकर लूट रही है। हमें दुख हुआ कि हमारे डीलर व रिटेलर भाई उन्हीं लुटेरों का साथ देकर कानून में संशोधन का विरोध कर रहे हंै। हम यह भी कहेंगे कि पिछले 5 सालों से नरमे की फसल गुलाबी सूंडी व अन्य बिमारियों के कारण बर्बाद हो रही है, लेकिन किसी भी किसान ने अपने रिटेलर के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करवाई है। औलख ने कहा कि बीटी बीज कंपनियों द्वारा 864 रुपए प्रति पैकेट का रेट 901 रुपए सरकार से तय करवाकर 37 रुपए प्रति पैकेट बढ़ाया है। 

WhatsApp Group Join Now

जिससे कई करोड़ रुपए किसानों को नुकसान होगा। फर्टिलाइजर कंपनियां डिस्ट्रीब्यूटरों को यूरिया व डीएपी के साथ टैगिंग करके अन्य उत्पाद जबरदस्ती बिल करती है। उसके खिलाफ डीलर बंधुओं ने एकत्रित होकर कभी आवाज नहीं उठाई। किसानों को नि न स्तर के बीज, पेस्टीसाइड व खाद की वजह से क उपज मिलती है, जिसके कारण वह बैंकों व साहूकारों से लिया कर्जा भी नहीं चुका पाते हंै, मजबूरन उन्हें खुदकुशी जैसे कदम उठाने पड़ते हंै, जिसके जि मेदार भी ये लुटेरे लोग हंै। जिनका आज हमारे पेस्टीसाइड रिटेलर भाई साथ दे रहे हंै। हम दावे के साथ कह सकते हैं कि इस कानून में संशोधन से अच्छे काम करने वाले दुकानदारों व कंपनियों को फायदा होगा। किसान की बर्बादी पर अंकुश लगेगा। गलत काम करने वाले इस बाजार से हट जाएंगे। इसलिए इस कानून में संशोधन होना अति आवश्यक है। बल्कि इससे भी ज्यादा स त कानून बनाया जाना चाहिए। कंपनी वालों को सबसे ज्यादा पीड़ा इस बात की है कि पहले जब भी कोई कार्रवाई होती थी तो उनके लैब टैक्निशियन जो उत्पादों की क्वालिटी देखता है, उसको पार्टी बनाया जाता था, लेकिन अब नए संशोधन में मालिक व उसके पार्टनरों को भी इसमें शामिल किया जाएगा। जो गलत काम करने वाले इस बात का विरोध कर रहे हंै, हम पुन: अपने डीलर भाइयों से निवेदन करते हंै कि किसान के साथ सही व्यापार करने वालों के हम साथ हंै, किसान को लूटने वाले के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई करवाते रहेंगे। जल्द ही इस संबंध में हरियाणा के सभी संगठनों से मिलकर आगे की रणनीति तय की जाएगी। हमारी सरकार को ाी चेतावनी है कि सभी सरकारी व सहकारी बिक्री केंद्रों पर बीज, खाद व पेस्टीसाइड की बिक्री सुनिश्चित करवाई जाए, ताकि किसान को किसी प्रकार की दिक्कत न आए। इस मौके पर गुरपिंद्र सिंह काहलों, संदीप बिश्नोई, नायब सिंह, भादर बिश्नोई, विनोद बिश्नोई, महावीर उपस्थित रहे।