Delhi Jaipur Electric Highway: हरियाणा से होकर गुजरेगा दिल्ली-जयुपर इलैक्ट्रिक हाईवे, जानिये कैसे होगी चलती गाड़ियां चार्जिंग?
नैशनल हाइवे फॉर इलेक्ट्रिक वीइकल्स ने इस साल वर्ल्ड ईवी डे 2022 के मौके पर दिल्ली से जयपुर ई-हाइवे के दूसरे और अंतिम फेज के ट्रायल रन की शुरुआत की, जिसमें 278 किलोमीटर के दौरान इलेक्ट्रिक बस और कार को महीने भर के लिए लगे चार्जर और तकनीक के साथ ट्रायल किया जाएगा।
इस प्रोजेक्ट के डाइरेक्टर अभिजीत सिन्हा ने इसी साल दस सितंबर को इंडिया गेट से ट्रायल रन को हरी झंडी दिखाते हुए कहा कि दिल्ली से आगरा के पिछले 210 किलोमीटर के तकनीकी ट्रायल के बाद आज 278 किलोमीटर के इस कॉमर्शियल ट्रायल से देश के पहले 500 किलोमीटर के इलेक्ट्रिक हाइवे बनने का रास्ता साफ जो जाएगा।
गौरतलब है कि नैशनल हाइवे फॉर इलेक्ट्रिकल वीइकल्स (एनएचईवी) पायलट प्रोजेक्ट के अंतर्गत 500 किलोमीटर के देश के पहले अंतर-राज्यीय इलेक्ट्रिक हाइवे का 210 किलोमीटर का पहला चरण दिल्ली से आगरा तक 2020-2021 में पूरा किया गया था, जिसके ट्रायल रन की शुरुआत भी दिल्ली के इंडिया गेट से हुई थी।
500 किलोमीटर का यह इलेक्ट्रिक हाइवे उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा, और राजस्थान से गुजरेगा, जिसके लिए 20 चार्जिंग स्टेशन और 10 इन्फ्रा डिपो बनाए जाने हैं। इस ट्रायल में जहां इनके लिए प्रस्तावित जगहों पर सहमति के लिए वाहनों की रेंज और तकनीकी आकड़ों का इस्तेमाल होगा, वहीं 30 दिनों तक चलने वाले इस ट्रायल से रोड की वास्तविक स्थिति में इलेक्ट्रिक वीइकल्स का प्रदर्शन, जाम और बारिश जैसी विकट परिस्थितियों में समय और रेंज को सुनिश्चित करके महीने भर में ज्यादातर रिले ट्रिप की संख्या भी निकाली जाएगी।
क्या होते हैं इलेक्ट्रिक हाईवे?
वहीं इलेक्ट्रिक हाईवे ऐसे हाईवे होते हैं, जिनमें कुछ इक्विपमेंट्स के जरिए ऐसा सिस्टम होता है, जिससे उनसे गुजरने वाली गाड़ियां बिना रुके ही अपनी बैटरी चार्ज कर सकती हैं। इसके लिए हाईवे पर ओवरहेड वायर या रोड के नीचे से ही इलेक्ट्रिक फ्लो करने का सिस्टम बना होता है।
इलेक्ट्रिक हाईवे से केवल इलेक्ट्रिक गाड़ियां ही चार्ज हो सकती हैं। इससे पेट्रोल-डीजल वाली गाड़ियां नहीं चार्ज होती। इनसे हाइब्रिड गाड़ियां भी चार्ज हो सकती हैं। हाइब्रिड गाड़ियों में इलेक्ट्रिक के साथ-साथ पेट्रोल-डीजल से चलने की भी सुविधा होती है।
यानी इलेक्ट्रिक हाईवे इलेक्ट्रिक सुविधा से लैस ऐसे हाइवे होते हैं, जहां उनके ऊपर से गुजरती गाड़ियों को चार्ज किया जा सकता है।