CM के आदेशों के बावजूद नहीं बन रहे हैं जाति प्रमाणपत्र, CET परीक्षा में आवदेन की अंतिम तिथि 12 जून है, प्रमाणपत्र न बनने के कारण हजारों आवेदक रह सकते हैं वंचित

हरियाणा प्रदेश सरकार द्वारा CET परीक्षा के लिए आगामी 12 जून तक आवेदन मांगे गए हैं लेकिन पिछड़ा वर्ग तथा अनुसूचित जाति, जन जाति से जुड़े प्रार्थी अपने फार्म ही नहीं भर पा रहे हैं। हजारों की संख्या में बीसी-एससी आवेदकों के जाति प्रमाणपत्र ही नहीं बने हैं। राज्य सरकार ने सीईटी परीक्षा के लिए अप्रैल 2025 के बाद बने जाति एवं आय प्रमाणपत्र मांगे हैं। इस मामले में स्वयं CM नायब सिंह सैनी ने भी विभागीय अधिकारियों को आदेश दिये थे कि सीईटी आवेदकों को किसी तरह की परेशानी न आए परंतु सरकार के सरल पोर्टल में प्रमाणपत्रों के लिए ऑनलाइन आवेदन करने वाले आवेदकों के प्रमाणपत्र अभी तक बने नहीं है। नोहरिया बाजार निवासी अंकिता ने बताया कि उसने 28 मई को जाति प्रमाणपत्र के लिए अप्लाई किया था परंतु अभी तक उसका प्रमाणपत्र नहीं बना है जबकि पहले 24 घंटे में ही प्रमाणपत्र बन जाता था। उसने बताया कि जाति प्रमाणपत्र के लिए उसे 9 जून तक प्रमाणपत्र बनने के संबंध में ऑनलाइन जानकारी मिली थी परंतु सोमवार को भी प्रमाणपत्र नहीं बना है। जबकि सीईटी फार्म भरने के लिए महज अब तीन दिन ही बचे हैं। अगर आवेदक बीसी-एससी के प्रमाणपत्र नहीं लगाते हैं तो जहां उन्हें दोगुणी फीस देनी होगी वहीं उनको जातिगत आरक्षण का भी लाभ नहीं मिलेगा। उन्होंने इस संदर्भ में प्रदेश के मुख्यमंत्री नायब सैनी जोकि बीसी जाति से संबंध रखते हैं तथा सिरसा की सांसद कुमारी सैलजा जोकि एससी जाति से है, दोनों से गुहार लगाई है कि इस संदर्भ में त्वरित कार्रवाई करवाए ताकि हजारों युवा सीईटी परीक्षा दे सकें।