सीडीएलयू SIRSA में यूनिवर्सल ह्यूमन वैल्यूज़ पर फैकेल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम का शुभारंभ हुआ
चौधरी देवीलाल विश्वविद्यालय, सिरसा में विश्वविद्यालय के यूनिवर्सल हुमन वैल्यूज सेल, आईक्यूएसी, यूकोप तथा एआईसीटीई के बैनर तले "यूनिवर्सल ह्यूमन वैल्यूज़" विषय पर तीन दिवसीय फैकेल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम का शुभारंभ वीरवार को विश्वविद्यालय के टैगोर भवन के एक्सटेंशन हाल में हुआ।
कार्यक्रम का शुभारंभ शहर के जाने माने समाज सेवी डॉ. सुरेंद्र मल्होत्रा द्वारा किया गया। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि आज के बदलते सामाजिक और शैक्षणिक परिदृश्य में मानव मूल्यों का संरक्षण और संवर्धन ही सच्ची शिक्षा का आधार है। उन्होंने कहा कि अध्यापक यदि विद्यार्थियों के जीवन में मानवता, सत्यनिष्ठा और सहिष्णुता जैसे गुणों का संचार करें, तो समाज स्वतः ही समृद्धि और शांति की ओर अग्रसर होगा।
उन्होंने अपने जीवन से संबंधित अनेक जीवंत उदाहरण देकर अध्यापक और शिष्य परंपरा, शिक्षा के मानवीय मूल्यों के समावेश पर प्रकाश डाला। उन्होंने भारतीय संस्कृति को विश्व की सर्वश्रेष्ठ संस्कृति बताया और कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रम युवाओं में जागरूकता फैलाने का काम करते हैं। उन्होंने कहा कि कहीं ना कहीं सोशल मीडिया भी हमें आभासी दुनिया की तरफ धकेल कर वास्तविकता से दूर ले जा रहा है। इसलिए इस मीडिया का भी संयमित उपयोग हमें करना चाहिए।
उद्धघाट्नीय सत्र की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर विजय कुमार ने की और उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा केवल रोजगारपरक नहीं होनी चाहिए, बल्कि जीवनपरक होनी चाहिए। कुलपति ने कहा कि यूनिवर्सल ह्यूमन वैल्यूज़ विद्यार्थियों को एक सशक्त चरित्र, सकारात्मक सोच और सामंजस्यपूर्ण जीवन जीने की दिशा प्रदान करते हैं। उन्होंने संकाय सदस्यों से आह्वान किया कि वे कक्षा-कक्ष में इन मूल्यों को व्यवहारिक रूप में अपनाकर विद्यार्थियों के समग्र व्यक्तित्व विकास में योगदान दें।
कार्यक्रम में बतौर रिसोर्स पर्सन जयपुर से पहुँचे प्रो. बी.के. शर्मा तथा गुरु जम्बेश्वर विश्वविद्यालय, हिसार से डॉ चरणजीत मदान ने तीन दिवसीय कार्यक्रम के उद्देश्यों से अवगत करवाया जबकि विश्वविद्यालय के यूनिवर्सल ह्यूमन सेल के एडवाइजर डॉ श्याम लाल फूटेला ने कार्यक्रम के बारे में विस्तारपूर्वक बताया।
इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रोफेसर अशोक शर्मा, प्रोफेसर सत्यवान दलाल, प्रोफेसर राजकुमार, प्रोफेसर काशिफ किदवई, प्रोफेसर विष्णु भगवन, प्रोफेसर राजकुमार सिवाच, प्रोफेसर राम मेहर दीक्षित, प्रोफेसर सुल्तान ढांडा, डॉ सुमन, डॉ रघुविंदर सहित अनेक प्राध्यापकों, विभिन्न महाविद्यालयों से प्राचार्य व फैकल्टी मेंबर्स और शोधार्थियों ने भाग लिया। मेहमानों का स्वागत यूनिवर्सल ह्यूमन वैल्यूज सेल के कोऑर्डिनेटर डॉ रविंदर द्वारा किया गया और धन्यवाद ज्ञापन प्रोफेसर मोहम्मद काशिफ किदवई द्वारा प्रस्तुत किया गया।
विश्वविद्यालय में चल रहे फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम के दौरान विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर विजय कुमार के निर्देशन में विश्वविद्यालय को प्लास्टिक मुक्त बनाने के उद्देश्य से बर्तन बैंक बनाने का फैसला भी लिया गया और इसी फैसले के तहत कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ सुरेंद्र मल्होत्रा की गरिमामई उपस्थिति में पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ रविंदर ढिल्लों द्वारा भेंट किए गए स्टील के 100 गिलास तथा 100 मग उपहार के रूप में विश्वविद्यालय के बर्तन बैंक को समर्पित किए गए।
