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सिरसा शाह सतनाम जी गर्ल्स स्कूल में फेयरवेल का आयोजन, प्रियल बनी मिस फेयरवेल, प्रधानाचार्या ने पहनाया ताज

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Farewell organized in Sirsa Shah Satnam Ji Girls School, Priyal became Miss Farewell, Principal wore the crown
mahendra india news, new delhi

हरियाणा के सिरसा में शाह सतनाम जी गर्ल्स स्कूल में बारहवीं कक्षा की छात्राओं के लिए विदाई समारोह का आयोजन किया गया। जिसमें 11वीं कक्षा की छात्राओं ने 12वीं कक्षा की छात्राओं को भव्य विदाई दी। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में स्कूल की प्रधानाचार्या डा. शीला पूनिया इन्सां ने शिरकत की। सर्वप्रथम 11वीं कक्षा की छात्राओं ने 12वीं कक्षा की छात्राओं का तिलक लगाकर उनका पंडाल में स्वागत किया। तत्पश्चात उनके लिए स्वागत गीत गाया। 


इसके पश्चात छात्राओं ने साड़ी, लहंगा, पंजाबी सूट, वेस्टर्न ड्रेस और गाउन पहनकर रैंप पर कैटवॉक किया। कैटवॉक के लिए अलग-अलग राउंड हुए। जिसमें से मिस प्लस टू को चुना गया। इससे पूर्व कैटवॉक करने वाली छात्राओं में से प्रथम राउंड में 40 छात्रों का चयन किया गया। द्वितीय चरण में कैटवॉक करने वाली छात्राओं में से 20 का चयन किया गया और बाद में 5 छात्राओं का चयन किया गया। कैटवॉक करने वाली छात्राओं को टोकन ऑफ  लव देकर सम्मानित किया गया। इस दौरान 12वीं कक्षा की छात्रा प्रियल को मिस प्लस टू व मिस फेयरवेल चुना गया। 


मिस फेयरवेल चुनी गई प्रियल को स्कूल प्रधानाचार्या डा. शीला पूनिया व उप प्रधानाचार्या सीमा छाबड़ा इन्सां की ओर से मिस प्लस टू का ताज पहनाया गया। इसके अलावा रहमत को मिस इव,संजम को क्राउनिंग ग्लोरी, सुखप्रीत को सिंपल सोबर, ट्रेडिशनल एंड ट्रेंडी कैटेगरी में पलक, हुसन प्रीत को मिस क्लासिक, नैना को मिस रेडियस, हर्षजोत को हाई हील, इश्मीत को स्वीट स्माइल, प्रिया को मिस ज्वैलरी, प्रिंसेस को मिस कैटवॉक व महक को मिस हेयरस्टाइल चुना गया। इन सभी छात्राओं को शैसे पहनाकर सम्मानित किया गया। वहीं सांस्कृतिक कार्यक्रम की श्रृंखला में छात्राओं ने वेस्टर्न संगीत, पंजाबी गीत व हरियाणवी डांस की शानदार प्रस्तुति देकर सबका मन मोह लिया। शाह सतनाम जी गर्ल्स स्कूल की प्रधानाचार्या डा. शीला पूनिया इन्सां ने कहा कि स्कूल में 12वीं की छात्राओं के लिए फेयरवेल का आयोजन किया गया है। हम चाहते है छात्राएं पूज्य गुरु संत डा. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां की शिक्षाओं पर चलते हुए छात्राएं अपने-अपने फील्ड में उच्च मुकाम हासिल करके अपने माता-पिता, स्कूल व पूज्य गुरु जी का नाम रोशन करें। 

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आज के समय बच्चों में संस्कार होना बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि स्कूल बच्चों को शिक्षा देता है और इन्हीं शिक्षाओं पर चलकर एक दिन बच्चे अलग-अलग मुकाम हासिल करते है। इन सबके पीछे पूज्य गुरु जी की शिक्षाएं और उनका आशीर्वाद बहुत काम आता है। उन्होंने कहा कि जब बच्चे स्कूली शिक्षा पूरी करके जाते है तो एक शिक्षक को उनकी याद जरूर आती है, उनकी कमी महसूस होती है, लेकिन शिक्षक एक त्याग की मूर्ति होता है और वो अपने बच्चों को बुलंदियों पर देखना चाहता है।