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गांव पनिहारी के किसान रणजीत सिंह ने पराली को बनाया आय का जरिया, कंपनी बनाकर आज 400 से ज्यादा लोगों को दे रहे रोजगार

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Farmer Ranjeet Singh of village Panihari has made stubble a source of income, by forming a company he is providing employment to more than 400 people today
Mahendra india news, new delhi

जिला के प्रगतिशील किसानों ने पराली को आय व रोजगार सृजन का माध्यम बना लिया है। गांव पनिहारी निवासी किसान रणजीत सिंह 10 लाख क्विंटल पराली का प्रबंधन कर 400 से अधिक लोगों को न केवल रोजगार दे रहे हैं बल्कि खुद की कंपनी भी खड़ी कर दी है, जिसका टर्नओवर 100 करोड़ से अधिक का है। रणजीत सिंह का मानना है कि पराली से रोजगार की अपार संभावनाएं है, बेशर्त सही दिशा में लगन से काम किया जाए।


किसान रणजीत सिंह ने 2017 में पराली प्रबंधन का कार्य शुरू किया। सरकार की नीतियों व कृषि विभाग के सहयोग के चलते उन्होंने 2019 में एक बेलर खरीदा। इसके बाद वे लगातार पराली प्रबंधन को रोजगार से जोड़ते हुए काम कर रहे हैं। स्नातक पास रणजीत सिंह बताते है कि उन्होंने पराली से प्रोडक्ट बनाकर बेचने की सोच रखी थी। आरंभ में ही उन्हें इस कार्य में मुनाफा नजर आया, अब उनकी कंपनी सिरसा जिला के किसानों से लगातार पराली ले रही है। अब वे 10 हजार एकड़ की पराली का उठान करते हैं। धीरे-धीरे साल दर साल अपने काम को बढा रहे हैं। इस वर्ष अबतक वे ढाई लाख क्विंटल से ज्यादा पराली का प्रबंधन कर चुके हैं।


पराली को रखने के लिए 30 एकड़ जमीन भी ठेके पर लेते हैं
रणजीत सिंह के अनुसार उनके पास 20 एकड़ जमीन है, 40 एकड़ धान की बुवाई के लिए ठेके पर लेते हैं तथा प्रतिवर्ष 30 एकड़ भूमि उन्हें पराली व पराली से बने प्रोडक्ट रखने के लिए अतिरिक्त रूप से चाहिए। इसलिए वे 30 एकड़ भूमि को ठेके पर लेते हैं। उन्होंने बताया कि पराली से तूड़ी बनाने का कार्य नहीं करते बल्कि पराली से अन्य प्रोडक्ट बना रहे है।

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पावर प्लांट में भेजते हैं पराली से बने पेलेट
रणजीत सिंह ने बताया कि उन्होंने पराली व अन्य फसली अवशेष को मिलाकर पेलेट बनाने का काम शुरू कर रखा है। बड़ी मात्रा में पेलेट तैयार कर उन्हें पावर प्लांटों में भेजते हैं, जहां इनका प्रयोग इंधन के रूप होता है। उन्होंने कहा कि यह एक अच्छा रोजगार है और इसी के सहारे उन्होंने 400 अन्य लोगों को रोजगार दे रखा है, जो खेत से पराली उठाने के साथ ही पेलेट बनाने के काम में लगे हैं। उन्होंने कहा कि पर्यावरण संरक्षण के लिए पराली का प्रबंधन करना बहुत जरूरी है