एसकेएम गैर राजनीतिक (भारत) से जुड़े हुए किसान 24 दिसंबर को पहुंचेंगे टिब्बी: सुभाष झोरड़ बचेर
mahendra india news, new delhi
भारतीय किसान एकता बीकेई से सुभाष झोरड़ ने बताया कि बुधवार, 24 दिसंबर को हरियाणा व पंजाब से मोर्चे से जुड़ी हुई किसान जथेबंदियां टिब्बी में चल रहे इथेनॉल फैक्ट्री हटाओ क्षेत्र बचाओ मोर्चे में पहुंचकर उन्हें समर्थन देंगी। झोरड़ ने बताया कि 24 दिसंबर को सुबह 11 बजे सभी रतनपुरा (संगरिया) एकत्रित होंगे,
वहां से काफिले के साथ टिब्बी में चल रहे मोर्चे में पहुंचेंगे। सभी किसान मजदूर साथियों से अपील है कि ज्यादा से ज्यादा संख्या में 24 दिसंबर सुबह 11 बजे रतनपुरा पहुंचें। सुभाष झोरड़ ने इस संबंधी रविवार को गांव बचेर, मतुवाला, नाथोर, सादेवाला, कालूआना, मतड़ में किसानों से संपर्क किया।
इस मौके पर बीकेई अध्यक्ष लखविंद्र सिंह औलख ने कहा कि राजस्थान सरकार इथेनॉल फैक्ट्री मालिकों की कटठपुतली बनकर काम कर रही है पूरा क्षेत्र फैक्ट्री के विरोध में है की सबसे ज्यादा उपजाऊ क्षेत्र में एशिया की सबसे बड़ी इथेनॉल फैक्ट्री लगाकर किसानों को उजाड़ा जाएगा और इसके प्रदूषण से पूरा क्षेत्र तबाह हो जाएगा।
धरती का पानी भी दूषित हो जाएगा, 16 महीने से राठीखेड़ा (टिब्बी) में लगने वाली इस फैक्ट्री के विरोध में क्रांतिकारी किसान नेता महंगा सिद्धू व पूरे क्षेत्र के लोगों द्वारा आंदोलन शुरू किया गया। बार-बार राजस्थान सरकार द्वारा आंदोलन को कुचलने के प्रयास किए गए, फिर एक दिन ऐसा आया, जब पुलिस प्रशासन द्वारा 16 महीनों से शांतमई चल रहे धरने को भारी पुलिस बल के साथ रातों-रात उठा दिया गया। महंगा सिद्धू व कई अन्य नौजवानों और किसानों पर झूठे मुकदमे दर्ज करके उन्हें जेलों में भेज दिया गया।
आंदोलनकारियों को डराने के लिए महंगा सिद्धू पर 307 जैसी संगीन धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज करके जेल भेज दिया गया, जिसे लोगों के दबाव के चलते सरकार को रिहा करना पड़ा। बुधवार, 24 दिसंबर को एसकेएम गैर राजनीतिक से इंद्रजीत सिंह कोटबुढा, सुखजीत सिंह हरदोझंडे लखविंदर सिंह औलख, अक्षय नरवाल, सुखजिंदर सिंह खोसा, गुरिंदर सिंह भंगू, बचित्र सिंह कोटला व गुरसेवक सिंह धालीवाल अपने किसान साथियों के साथ टिब्बी (हनुमानगढ़) में इथेनॉल फैक्ट्री के खिलाफ चल रहे मोर्चे में पहुंचेंगे। इस मौके पर रघुवीर झोरड़, सुरजीत झोरड़, सुरेंद्र झोरड़, सुभाष झोरड़, रंजीत झोरड़ आदि किसान मौजूद रहे।
