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शिक्षा मंत्रालय की गाइडलाइंस, अब कोचिंग के नाम पर नहीं चलेंगी दुकानें, ये नियम जरूरी

माता पिता भी समझ लें पूरी बात हो सकता है
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file photo

mahendra india news, new delhi

शिक्षा मंत्रालय की गाइडलाइंस ने कोचिंग सेंटर संचालन करने वालों के लिए गाइडलाइंस निर्धारित की है। इसके बाद अब कोचिंग के नाम पर दुकानें नहीं चलने वाली हैं। शिक्षा मंत्रालय ने नई गाइडलाइंस जारी की है, इसके तहत कोचिंग संस्थान 16 वर्ष से कम आयु के छात्रों का अपने यहां एडिमशन नहीं कर सकेंगे। 


आपको बता देें कि कोचिंग संस्थानों को कानूनी दायरे में लाने के लिए ऐसा किया गया है, देश के कई शहरों में कोचिंग संस्थान काफी संख्या में तेजी से बढ़ रहे है, ये कहे कि एक तरह का रैकेट कार्य करने लगा है। कम आयु से ही बच्चों पर प्रेशर बढ़ रहा है और वे जल्दी निराश होकर सुसाइड जैसा खौफनाक कदम उठा रहे है। इस पर अंकुश लगाने के लिए सरकार ने माोटा फैसला लिया है।

जाल में तो नहीं फंस रहे माता पिता 
आपको बता दें कि मंत्रालय ने कहा है कि छात्रों की आत्महत्या के बढ़ते मामलों, आग की घटनाओं, कोचिंग संस्थानों में सुविधाओं की कमी, व उनकी शिक्षण पद्धतियों के बारे में मिली शिकायतों के बाद गाइडलाइंस तैयार की गई है। इसके बाद ही सरकार ने अपना कार्य किया है। अब अभिभावकों को यह समझने की जरूरत है कि कहीं कोचिंग संस्थानों के जाल में आप फंस तो नहीं रहे। आपको बता दें कि पिछले वर्ष कोटा में रिकॉर्ड संख्या में छात्रों की आत्महत्या के मामले सामने आए, ऐसा फिर न हो, शिक्षा मंत्रालय की पूरी गाइडलाइंस पढ़ लीजिए 

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ये कहते हैं नियम 
छात्रों का एडमिशन दसवीं की परीक्षा के बाद ही होना चाहिए. 
कोई भी कोचिंग इंस्टिट्यूट स्नातक से कम योग्यता वाले टीचरों को नियुक्त नहीं करेगा. 
छात्रों का एडमिशन कराने के लिए कोचिंग संस्थान अभिभावकों को किसी भी तरह के भ्रामक वादे, अच्छी रैंक या अच्छे अंक की गारंटी नहीं दे सकते हैं


वहंीं अब 16 वर्ष से कम आयु के छात्रों का कोचिंग संस्थान एडमिशन नहीं कर सकते. 
गुणवत्ता, सुविधाओं या संस्थान में पढ़े स्टूडेंट्स के रिजल्ट को लेकर कोचिंग संस्थान प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से किसी भी दावे को लेकर भ्रामक विज्ञापन नहीं दे सकते हैं. 


कोचिंग संस्थान किसी भी टीचर या ऐसे व्यक्ति की सेवाएं नहीं ले सकते, जो नैतिक कदाचार से जुड़े अपराध के लिए दोषी ठहराया हुआ हो
कोई भी संस्थान तब तक रजिस्टर नहीं होगा जब तक उसके पास इन दिशानिर्देशों की आवश्यकता के मुताबिक परामर्श प्रणाली न हो. 
कोचिंग संस्थानों की वेबसाइट होगी, इसमें पढ़ाने वाले ट्यूटर्स की योग्यता, पाठ्यक्रम, पूरा होने की अवधि, छात्रावास सुविधाएं और शुल्क को लेकर अपडेट जानकारी होगी
छात्रों पर कड़ी प्रतिस्पर्धा और शैक्षणिक दबाव के कारण कोचिंग संस्थानों को उन्हें तनाव से बचाने के लिए कदम उठाने चाहिए और अनावश्यक दबाव नहीं डाल सकते हैं
कोचिंग संस्थानों को संकट और तनावपूर्ण स्थितियों में छात्रों को सहायता करने के लिए तत्काल हस्तक्षेप वाली व्यवस्था बनानी चाहिए 


सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए जाए 
सेंटर में सीसीटीवी लगाए जाने जरूरी 
विभिन्न पाठ्यक्रमों का शुल्क पारदर्शी और तार्किक होना चाहिए और वसूले जाने वाले शुल्क की रसीद दी जाए
छात्र बीच में पाठ्यक्रम छोड़ता है तो उसकी बची अवधि की फीस लौटाई जाए

कोचिंग संस्थनों पर दिशानिर्देशों का उल्लंघन करने पर एक लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जाना चाहिए या ज्यादा फीस लेने पर पंजीकरण रद्द कर किया जाएगा
सरकार ने दिशानिर्देश के प्रभावी होने के 3 मर िके भीतर नए और मौजूदा कोचिंग संस्थानों का पंजीकरण करने का प्रस्ताव किया है
प्रदेश सरकार कोचिंग संस्थान की गतिविधियों की निगरानी के लिए जिम्मेदार होगी