हरियाणा की नायब सरकार ने डिफाल्टर बिल्डरों को राहत, वन टाइम सेटलमेंट योजना की डेट बढ़ाई; इस दिन तक जमा कर सकेंगे

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हरियाणा की नायब सरकार ने डिफाल्टर बिल्डरों को राहतली हैं।
mahendra india news, new delhi

हरियाणा प्रदेश के सीएम समय समय पर अनेक घोषणा करते हैं। जिससे आमजन को फायदा मिल सके। अब इसी कड़ी में प्रदेश की सैनी सरकार ने प्रदेश के डिफाल्टर बिल्डरों को राहत दी है। मुख्यमंत्री ने बकाया भुगतान न करने वाले बिल्डरों को राहत देते हुए, लंबित ईडीसी (बाह्य विकास शुल्क) के लिए वन टाइम सेटलमेंट स्कीम की समय सीमा 30 सितंबर तक बढ़ोतरी कर दी है। यह विस्तार समाधान से विकास योजना के अंतर्गत दिया गया है, जिसके तहत डिफॉल्टर बिल्डरों को उनके लंबे वक्त से लंबित ईडीसी बकाया का भुगतान करने के लिए 4 माह का अतिरिक्त समय दिया गया है, जो कई वर्षों से जमा हो रहा है।

आपको बता दें कि नगर एवं ग्राम नियोजन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव एके सिंह ने एक सरकारी आदेश में कहा, लाइसेंस मामलों और भूमि उपयोग परिवर्तन मामलों के संबंध में लंबे समय से लंबित ईडीसी बकाया की वसूली के लिए सरकार ने यह फैसला किया है।


योजना की संशोधित शर्तों के तहत, बिल्डर अब दो निपटान विकल्पों में से चुन सकते हैं। पहले विकल्प के तहत, वे 100फीसद मूल राशि के साथ 56 फीसद बकाया ब्याज और 15 मार्च 2025 तक की गणना के अनुसार दंडात्मक ब्याज का भुगतान कर सकते हैं। 15 अप्रैल के बाद किए गए भुगतान पर यह ब्याज हर माह 1 फीसद बढ़ेगा, जिससे यह 57 फीसद हो जाएगा और उसके बाद मासिक आधार पर बढ़ता रहेगा।

दूसरा: मूल राशि के साथ 81 फीसद ब्याज दे सकते हैं
आपको बता दें कि दूसरे विकल्प के तहत, वे 15 मार्च 2025 तक मूल राशि का 50फीसद, 81फीसद बकाया ब्याज और दंडात्मक ब्याज का भुगतान कर सकते हैं। यहां, 15 अप्रैल के बाद ब्याज हर महीने एक फीसद बढ़ता है, जिससे यह 82 फीसद हो जाता है और उसके बाद मासिक रूप से बढ़ता रहता है।इन लचीले विकल्पों का उद्देश्य बिल्डरों को अपना बकाया चुकाने के लिए प्रोत्साहित करना तथा शहरी बुनियादी ढांचे के विकास को सुगम बनाना है।

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क्या होता है बाह्य विकास शुल्क
आपको बता दें कि बाह्य विकास शुल्क एक स्थानीय सरकार या विकास प्राधिकरण द्वारा रियल एस्टेट डेवलपर पर उनकी स्कीमों के आसपास बाहरी बुनियादी ढांचे के विकास के लिए लगाए जाने वाला शुल्क होता है। यह शुल्क उन बुनियादी ढांचे की लागत को कवर करता है, जो परियोजना को व्यापक शहरी सेवाओं से जोड़ता है, जैसे सड़कें, जल आपूर्ति, सीवरेज सिस्टम, और बिजली हैं।

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