हरियाणा की पहली महिला बस ड्राइवर राजबाला सिंह ने बताया अपना संघर्ष, ऐसे बनी चालक

चौपटा क्षेत्र के गांव बकरियांवाली स्थित प्रजापिता ब्रहमाकुमारीज ईश्वरीय विश्वविद्यालय शिव शक्ति भवन में विश्व महिला दिवस पर कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में हरियाणा की पहली महिला चालक राजबाला मुख्यातिथि, स्पर्श थरेपी डा. वीना, समाजसेवी सुनीता सहारण ने शिरक्तकी। कार्यक्रम में ब्रहमाकुमारी वर्षा ने सभी का स्वागत किया। उन्होंने महिला दिवस का महत्व बताते हुए कहा कि इस दुनिया की शान नारी, शक्तिका अवतार नारी, घर आंगन की मुस्कान नारी, ईश्वर के समान है नारी।
सपना बनाया और एक उड़ान के लिए चल पड़ी
हरियाणा की पहली महिला बस ड्राइवर राजबाला सिंह रूढ़िवादिता के चलते यह इतना आसान तो नहीं था लेकिन जब हौसला बना लिया ऊंची उड़ान का तो फिर क्या कद देखना आसमान का बस इसी जिद को अपना सपना बनाया और एक उड़ान के लिए चल पड़ी बीच में बहुत सारे ब्रेकर थे उन्हें पर करना आसान तो नहीं था लेकिन जब हौसला था तोपर कर लिए पहले लर्निंग का लाइसेंस बनवाया फिर उसे लाइट करने के लिए एक लड़ाई लड़ी और फिर रोडवेज की ट्रेनिंग के लिए एक लंबी लड़ाई लड़ी यहां तक तो पर कर लिया लेकिन सामंतवादी सोच के चलते इस पुरुष प्रधान समाज में एक महिला यहां तक पहुंच जाए समाज को मंजूर नहीं था तो उन्होंने अपने सारे दांव पेंच लगा दिए मैं भी हार नहीं मानी और बस ड्राइवर बनने का सपना पूरा करके दिखाया और दिखाए की जिद करो और दुनिया बदलो आज मैं बहुत सारी महिलाओं को ड्राइविंग करते देखती हूं चाहे वह गाड़ी चला रही है चाहे वह मोटरसाइकिल चला रही हैं मुझे बहुत अच्छा लगता है अब तो बहुत सर बहुत सारी महिलाएं इस फील्ड में आ गई।