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हरियाणा पुुलिस की तरफ से पंजाब हरियाणा के प्रमुख रोड पर ट्रैफिक एडवाइजारी जारी, ये की गई ट्रैफिक एडवाइजरी जारी

हरियाणा सरकार की तरफ से प्रदेश के 7 जिलों में इंटरनेट सेवाओं पर रोक लगाई
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हरियाणा सरकार की तरफ से प्रदेश के 7 जिलों में इंटरनेट सेवाओं पर रोक लगाई

mahendra india news, new delhi

हरियाणा में किसानों के आंदोलन को लेकर लगातार सख्ती बढ़ती जा रही हैं। हर जगह पर चौकसी बरती जा रही है। हरियाणा में बॉर्डर को सील करने के साथ-साथ ट्रैफिक एडवाइजरी भी जारी की है। बता दें हिक हरियाणा पुलिस की तरफ से पंजाब और हरियाणा के प्रमुख मार्गों पर संभावित यातायात व्यवधान की आशंका को देखते ट्रैफिक एडवाइजरी जारी हुई है।  हालांकि, प्रदेशों में अन्य सभी मार्गों पर यातायात की आवाजाही जारी रहेगी, बता दें कि ऐसे में प्रशासन ने आमजन से अपील करते हुए कहा कि वे इस दौरान अनावश्यक रूप से ना निकले यदि संभव हो तो यात्रा करने से बचें। 


हरियाणा में इंटरनेट सेवाएं बंद, पंजाब हरियाणा सीमाओं को सील किया, धारा 144 लागू
हरियाणा में किसान आंदोलन को लेकर लगातार सख्ती बढ़ती जा रही हैं। हर जगह पर चौकसी बरती जा रही है। एक तरफ जहां हरियाणा सरकार की तरफ से प्रदेश के 7 जिलों में इंटरनेट सेवाओं पर रोक लगाई है। अंबाला, जींद, कुरूक्षेत्र, हिसार, कैथल, फतेहाबाद और सिरसा जिले में इंटरनेट सेवाओं पर रोक लगाईर् हुई है। वहीं अब चंडीगढ़ से सटे पंचकुला में धारा 144 लागू कर दी गई है। 


आपको बता दें कि पंचकुला डीसीपी सुमेर सिंह प्रताप ने बताया है कि पैदल या ट्रैक्टर ट्रॉली और अन्य वाहनों के साथ जुलूस, प्रदर्शन, मार्च पास्ट निकालने और किसी भी तरह की लाठी, रॉड या हथियार ले जाने पर रोक लगाया गया है.

आपको बता दें कि किसान संगठनों के 13 फरवरी को दिल्ली कूच के फैसले के बाद राजधानी की ओर जाने से रोकने के लिए पंजाब-हरियाणा सीमा क्षेत्रों पर सुरक्षा बढ़ाई हुई है. पंजाब-हरियाणा सीमाओं को सील किया है. सीमाओं पर बैरिकेड्स, बोल्डर, मिट्टी के बैग, रेत से भरे टिप्पर और कंटीले तार लगाकर बंद किया गया है

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इंटरनेट कब से कब तक रहेगा बंद

एक आधिकारिक आदेश के मुताबिक रविवार को सुबह 6 बजे से 13 फरवरी को रात्रि 11.30 बजे तक जींद, हिसार, फतेहाबाद  अंबाला, कुरुक्षेत्र, कैथल, और सिरसा जिलों में मोबाइल फोन इंटरनेट सेवाएं बंध रहेंग। 

 
बता दें कि एमएसपी के लिए कानूनी गारंटी, स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने, कृषि लोन माफी, किसानों पर दर्ज केसों को वापस लेना, लखीमपुर खीरी हिंसा के पीड़ितों के लिए न्याय किसानों की मुख्य डिमांड  है. इसी को लेकर हरियाणा, पंजाब और उत्तर प्रदेश के कई किसान संगठनों ने प्रदर्शन की चेतावनी दी है।