ICAR ने मक्का की कई नई किस्में विकसित की, 77 हाइब्रिड किस्में भी हैं- शिवराज सिंह

 | 
ICAR has developed many new varieties of maize, including 77 hybrid varieties - Shivraj Singh
mahendra india news, new delhi

INDIA केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने आज DELHI में भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग महासंघ (फिक्की) द्वारा आयोजित 11वें भारत मक्का समिट-2025 का शुभारंभ किया। इस अवसर पर शिवराज सिंह ने मक्का उत्पादन के क्षेत्र में नवाचार एवं उत्कृष्ट योगदान देने वाले किसानों को सम्मानित किया। 

केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह ने यहां कहा कि कृषि आज भी भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है और किसान उसकी आत्मा, उसके प्राण व किसानों की सेवा मेरे लिए भगवान की पूजा है, ये मेरे लिए मूल मंत्र है। इसलिए, जब यहां कहा जा रहा था कि मक्के को एक ताकत के रूप में स्थापित करना है, मुझे तो किसान को एक ताकत के रूप में स्थापित करना है,

 उसमें मक्का भी सहयोगी हो। INDIA PM नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हमारी नीति है- देश की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करना, किसानों की आमदनी बढ़ाना, खेती को लाभ का धंधा बनाना, पोषणयुक्त आहार कैसे हमारी जनता को मिले, उसकी कोशिश करना तथा एक और लक्ष्य है हमारा कि ये धरती केवल हमारे लिए नहीं है, आने वाली पीढ़ियों का भी इस पर हक है, इसलिए हम कोशिश ये करें कि आने वाली पीढ़ियों के लिए धरती अन्न पैदा करती रहे। कहीं ऐसा न हो कि हम अधिकतम उत्पादन के चक्कर में इसका इतना शोषण कर लें कि बाद में वो बंजर होने की दिशा में बढ़ जाएं। आने वाली पीढ़ियों का भी ख़याल रखना है

WhatsApp Group Join Now

INDIA केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मक्का में अभी कई चीजों की ज़रूरत है। मक्का तीसरी सबसे बड़ी क्रॉप हो गई है, पर प्रोडक्टिविटी बढ़ाना हैं। स्टार्च कम है, कई तरह के शोध की ज़रूरत है। अमेरिका, ब्राज़ील में कितना मक्का उत्पादन होता है। हम जीएम सीड्स का इस्तेमाल नहीं करते, इसके बावजूद उत्पादन बढ़ाया जा सकता है। हमने वैज्ञानिकों को निर्देश दिए हैं कि मक्का में उत्पादन कैसे बढ़े, क्योंकि 1990 के दशक में केवल 10 मिलियन टन उत्पादन था, अब ये बढ़कर लगभग 42.3 मिलियन टन तक पहुंच गया है और आगे ये 86  मिलियन टन पहुंच सकता है 2027 तक। अभी हमारी जो एवरेज प्रोडक्टिविटी है 3.78 टन प्रति हेक्टेयर, कुछ राज्यों- बंगाल, बिहार में प्रोडक्टिविटी एवरेज से ज़्यादा है। ओवरऑल अभी और बढ़ाने की ज़रूरत है। ये अलग बात है कि कुछ किसान बहुत अच्छा काम कर रहे हैं, जिनसे शिवराज सिंह ने अन्यों को भी शिक्षित करने में मदद का अनुरोध किया।

INDIA केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि हमें भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद को भी धन्यवाद देना चाहिए कि मक्का की कई नई किस्में-265 वैरायटी विकसित की हैं, जिनमें से 77 हाइब्रिड किस्में भी हैं, जिसमें स्पेशलिटी कॉर्न शामिल है और करीब 30 बायोफॉर्टिफाइड भी हैं, यानी काम हुआ है, लेकिन मुझे लगता है काम और करने की ज़रूरत है। शिवराज सिंह ने कहा कि PM नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में सरकार ने भी कसर नहीं छोड़ी है। बीच में मक्का के रेट काफ़ी गिर गए थे, लेकिन MSP, एथनॉल लक्ष्य सहित सरकार की नीतियों से दाम फिर बढ़े हैं। मक्का के किसानों को ठीक दाम मिले, इसकी हम कोशिश करते रहेंगे। उत्पादन लागत कैसे घटे, इसके भी निर्देश दिए हैं। रिसर्च करके प्रति हेक्टेयर हम कैसे लागत घटा सकते हैं,  इस दिशा में भी काम करना पड़ेगा।

INDIA केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि ग्लोबल वॉर्मिंग, जलवायु परिवर्तन आज के बड़े मुद्दे हैं। इन खतरों से निपटने वाली फसलें भी हमें चाहिए। हमारे रेनफेड इलाक़े में मक्के का उत्पादन कैसे बढ़े, जहां ज़्यादा पानी गिरता है, वहां फसल कैसे टिकी रहे और इसलिए उस तरह की किस्मों के लिए भी हम लोग लगातार काम करते रहेंगे। पंजाब, हरियाणा में फसल विविधीकरण जरूरी है, इसलिए धान की जगह कुछ किसान मक्का में शिफ्ट हो जाएं, इसका हम प्रयत्न कर रहे हैं, वैसे मध्य प्रदेश सहित कई राज्यों में मक्का का उत्पादन तेजी से बढ़ रहा है। श्री चौहान ने कहा कि देश को तिलहन-तेल की भी जरूरत है, लेकिन कुछ चीजें हमें और करना पड़ेगी, DDGS जो एक सहायक उत्पाद है उसमें प्रोटीन काफी होता है लेकिन मक्के से ज्यादा चावल में होता है, मक्के में अगर 25% से 30% है तो चावल में 40% से 45% है, ये प्रोटीन मक्का में कैसे बढ़े, इसकी हम चिंता कर रहे हैं। स्वीट कॉर्न, बेबी कॉर्न ये ऐसी फसलें हैं, जिससे किसान को तत्काल लाभ मिलता है और 3-3, 4-4 बार हम ये फसल पैदा कर सकते हैं। उनकी भी और अच्छी किस्में कैसे आएं, इस बात की हम कोशिश करते रहेंगे।

News Hub