आई सी एस कोचिंग सेंटर SIRSA, जीवन में लक्ष्य निश्चित हो तो उत्साह और समर्पण अपने आप जाग उठते हैं: साध्वी राजविंद्र भारती
Mahendra india news, new delhi
सिरसा। दिव्या ज्योति जाग्रति संस्थान की ओर से आई सी एस कोचिंग सेंटर में छात्रों को संबोधन देते हुए आशुतोष महाराज की शिष्या साध्वी राजविंदर भारती ने बताया कि जीवन में लक्ष्य का महत्व क्या है। उन्होंने बताया कि जीवन में यदि लक्ष्य निश्चित हो तो उत्साह और समर्पण अपने आप जाग उठते हैं।
इतिहास गवाह है कि जब क्रांतिकारी भगत सिंह जैसे युवाओं ने स्वतंत्रता को अपना सर्वोच्च लक्ष्य बनाया, तब उनके हृदय में आंतरिक क्रांति और राष्ट्र के लिए बलिदान की भावना स्वत: प्रज्ज्वलित हुई। यही लक्ष्य उनके जीवन का मार्गदर्शन बना और देश को आज़ादी दिलाने में निर्णायक साबित हुआ। इसके विपरीत, जब जीवन में कोई स्पष्ट लक्ष्य नहीं होता तो न उत्साह जीवित रहता है और न ही समर्पण। वर्तमान समय का युवा अक्सर अपने समय और ऊर्जा का अधिकांश भाग दूसरों से तुलना करने में व्यर्थ करता है। इस प्रवृत्ति के कारण वह अपनी वास्तविक क्षमताओं और गुणों को पहचानने से वंचित रह जाता है।
सांस्कृतिक मूल्यों से जुडऩे की आवश्यकता:
हमारे शास्त्र कहते हैं उद्धरेदात्मनात्मानं अर्थात मनुष्य को अपने गुणों और शक्तियों के माध्यम से स्वयं को ऊपर उठाना चाहिए। यदि युवा अपनी जड़ों, अपनी संस्कृति और नैतिक मूल्यों से जुड़े रहेंगे तो वे जीवन में स्थिरता, आत्मबल और स्पष्ट दिशा प्राप्त कर पाएंगे। यही मूल्य उन्हें लक्ष्य-प्राप्ति के मार्ग पर दृढ़ बनाएंगे।
आज आवश्यकता इस बात की है कि युवा दूसरों से तुलना करने के बजाय अपने गुणों और ताकतों को पहचानें, उन्हें निखारे और समाज में सकारात्मक योगदान दें। जब हर युवा अपने भीतर की क्षमता को पहचानकर समाज में श्रेष्ठ प्रदर्शन करेगा, तभी राष्ट्र प्रगति की ओर बढ़ेगा। इस अवसर पर आई सी एस सिरसा ब्रांच के हेड विनोद भी मौजूद रहे।
