सिरसा में 28 लाख रुपये का दहेज लेने से किया इंकार, दहेज के रूप में श्रीफल व एक रूपया किया स्वीकार

हरियाणा में सिरसा जिले के गांव शेरपुरा में एक दूल्हे ने बड़ी मिसाल पेश की है, जिसने समाज में सकारात्मक बदलाव का संदेश दिया। दहेज कुप्रथा को खत्म करने के लिए यह कदम प्रेरणादायक साबित होगा। 2 फरवरी की रात सतवीर जाखड़ के बेटे देवेंद्र जाखड़ क्षेत्र के गांव शेरपुरा में बारात लेकर पहुंचे थे। जहां उनका विवाह स्वर्गीय महावीर सिंवर की पुत्री मोनिका सिंवर के साथ हिंदू रीति रिवाजों के साथ संपन्न हुआ।
विवाह में दुल्हन पक्ष की ओर से 11 लाख रुपये नगद व कुल 28 लाख रुपये का दहेज दूल्हे पक्ष को दिए गया। जिसे दूल्हे देवेंद्र जाखड़ ने तथा उनके स्वजन ने दहेज को एक सामाजिक बुराई बताते हुए बड़ी ही विनम्रता के साथ दुल्हन पक्ष को वापस लौटा दिया। साथ ही दहेज में मात्र नारियल और एक रुपया लेकर समाज के समक्ष एक अनूठी मिसाल पेश की।
इस मौके पर दहेज लोभियों को संदेश देते हुए ऑस्ट्रेलिया में पढ़ाई कर रहे देवेंद्र जाखड़ ने दहेज के 11 लाख रुपये ठुकराते हुए कहा कि ससुराल पक्ष के लिए सबसे बड़ा धन बेटी का ही है, जो अपना घर छोड़कर अगले घर की बहू बनती है।
उन्होंने कहा कि समाज में फैली इस कुरीति को दूर करने के लिए युवाओं को स्वयं ही आगे आना होगा। दहेज की रकम वापस लौटाने पर दुल्हन के भाई साहिल सिंवर व परिवार के साथ पूरे शेरपुरा गांव ने दूल्हे पक्ष के इस कदम की सराहना करते हुए कहा कि उनकी बेटी एक अच्छे परिवार की बहू बन रही है। दूल्हे के पिता सतवीर जाखड़ ने कहा कि हमारे लिए पुत्रवधू ही बेटी के समान अनमोल उपहार है। उन्होंने बालिका शिक्षा और नशा मुक्त समाज को बढ़ावा देने का संदेश दिया। दोनों परिवारों के इस फैसले की समाज के गणमान्य व्यक्तियों ने सराहना की और इसे एक सकारात्मक कदम बताया।