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इनेलो अध्यक्ष अभय चौटाला का बड़ा ऐलान- पंजाब के रास्ते बंद करेंगे:पंजाब से पानी रोकने से हरियाणा में संकट

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INLD President Abhay Chautala's big announcement- will close the routes of Punjab: Crisis in Haryana due to stopping water from Punjab
mahendra india news, new delhi

हरियाणा प्रदेश में पिछले कई दिनों से जल संकट हो गया है। इससे लोगों को परेशानी झेलनी पड़ रही है। पंजाब की आप सरकार ने भाखड़ा नहर से हरियाणा प्रदेश को मिलने वाले पानी में कटौती कर दी है। आपको बता दें कि साढ़े 8 हजार क्यूसिक की जगह अब सिर्फ 4 हजार क्यूसिक पानी ही दिया जा रहा है। इसको लेकर अब टकराव बढ़ता जा रहा है।

पानी का बंटवारा भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड करता है। हरियाणा सरकार ने बोर्ड से बीबीएमबी रूल्स 1974 की धारा 7 के तहत यह मामला केंद्र को भेजने की मांग की। जिसके बाद बीबीएमबी ने केंद्र सरकार को पत्र लिखा है। यह बोर्ड केंद्रीय बिजली मंत्रालय के अधीन आता है। जिसके मंत्री हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल हैं। इस पत्र का फैसला भी वही लेंगे।


इनेलो अध्यक्ष बोले- रास्ते बंद कर देंगे
इनेलो के राष्ट्रीय अध्यक्ष अभय चौटाला ने हरियाणा में जलसंकट पर चेतावनी दी कि अगर हरियाणा को उसके हिस्से का पानी पंजाब नहीं देता है तो हमें मजबूर होकर पंजाब से हरियाणा होकर जाने वाले सभी रास्ते बंद करने पड़ेंगे और यह कोरी धमकी नहीं है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक हरियाणा को एसवाईएल का पानी मिलना चाहिए था, जो कि आज तक नहीं दिया है। पंजाब के मुख्यमंत्री को यह भी नहीं पता कि वो क्या बोल रहे हैं और ऐसी ओछी बातें करके हरियाणा और पंजाब के किसानों को लड़ाने का प्रयास कर रहे हैं।

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सीएम नायब सैनी ने कहा- दिल्ली में भी असर पड़ेगा
वहीं हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि अगर हरियाणा में पानी कम आता है, तो दिल्ली में भी पेयजल आपूर्ति प्रभावित होगी। नायब सैनी ने जब तक दिल्ली में ्र्रआप की सरकार थी, तब तक दिल्ली जाने वाले पानी पर भगवंत मान की सरकार को कोई आपत्ति नहीं थी, अब सरकार नहीं है तो दिल्ली की जनता को सजा देने का काम किया जा रहा है।

सीएम नायब सिंह सैनी की 2 अहम बातें...

1. विषय सिर्फ पानी नहीं पेयजल का
हरियाणा के सीएम नायब सिंह सैनी ने कहा- सतलुज यमुना लिंक के पानी का विषय नहीं है, यह विषय पीने के पानी का है। हर वर्ष अप्रैल, मई और जून के माह में हरियाणा कॉन्टैक्ट पॉइंट पर 9 हजार क्यूसेक पानी भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड द्वारा दिया जाता है। हमारी संस्कृति में है कि अगर हमारे घर पर कोई भी व्यक्ति आता है तो पानी पिलाकर हम उसका स्वागत करते हैं।

2. पंजाब के अधिकारी बीबीएमबी का फैसला नहीं मान रहे, सीएम नायब सैनी ने कहा- 
बीबीएमबी की टेक्निकल कमेटी ने पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और राजस्थान को पानी छोड़ने का जो 23 अप्रैल को फैसला लिया था, उसे अमल में लाने के लिए पंजाब के अधिकारी आनाकानी कर रहे हैं। दलगत राजनीति से ऊपर उठकर हरियाणा को पीने का पानी उपलब्ध कराएं।

पंजाब की सरकार ने पानी रोकने पर फिर तर्क दिए...
आपको बता दें कि विवाद बढ़ने के बाद पंजाब सरकार ने बयान जारी किया कि हरियाणा ने पंजाब से 8500 क्यूसेक पानी मांगा है। पंजाब पहले ही मानवता के आधार पर 4 हजार क्यूसेक पानी दे रहा है। हरियाणा अपने हिस्से से ज्यादा कुल 103 फीसद पानी इस्तेमाल कर चुका है।

पंजाब को सिर्फ 89 फीसद पानी ही मिला है। नहरों की कुल क्षमता ही 10000 क्यूसेक की है। ऐसे में  8500 हजार क्यूसेक देना संभव नहीं है। पंजाब के बांधों का जलस्तर भी सामान्य से नीचे है और धान की बुआई के लिए पंजाब को पानी चाहिए।

पंजाब के सीएम मान ने कहा-
आपको बता दें कि पंजाब के सीएम ने कहा कि पानी पंजाब की जीवनरेखा है। किसी भी कीमत पर ज्यादा नहीं देंगे। पानी का बंटवारा वैज्ञानिक और न्यायसंगत होना चाहिए। हरियाणा की मांग क्या राजनीति से प्रेरित है। यह पानी की लड़ाई नहीं बल्कि अधिकार की रक्षा है।

किस जिले में क्या असर....
1. हिसार: 
हरियाणा प्रदेश के हिसार जिला की बात करें तो यहां बरवाला ब्रांच, बालसमंद सब ब्रांच और बालसमंद डिस्ट्रीब्यूटरी से पेयजल और सिंचाई के लिए आपूर्ति होती है। अभी तीनों नहरों में 3 हजार क्यूसेक की क्षमता के मुकाबले 670 क्यूसेक यानी 22 फीसद ही पानी मिल रहा है। 

2. रेवाड़ी: 
इस जिले मेंं तपती गर्मी के सीजन में करीबन 600 क्यूसेक पानी की डिमांड के मुकाबले 400 क्यूसेक पानी मिल रहा है। जिसकी सप्लाई भाखड़ा और पश्चिमी यमुना नहर से होती है। यमुना नहर में इन दिनों काम चल रहा है। भाखड़ा में पानी कटौती से रेवाड़ी में पेयजल सप्लाई किल्लत हो सकती है।


3. फतेहाबाद: 
हरियाणा प्रदेश के फतेहाबाद जिला में टोहाना में बलियाहेड से भाखड़ा नहर का प्रवेश होती है। सामान्य दिनों में साढ़े 8 हजार क्यूसिक पानी छोड़ने पर 4 हजार क्यूसिक पानी मिलता था लेकिन अब 2 हजार क्यूसेक ही आ रहा है। 

4. अंबाला: 
अंबाला जिला की बात करें तो पब्लिक विभाग के अधिकारी जतिंद्र सिंह ने बताया- अंबाला में डेली 5 करोड़ लीटर यानी 50 एमएलडी पानी की खपत है। अभी 54 एमएलडी पानी दे रहे हैं। यहां अभी कोई आदेश नहीं हैं। अंबाला में मारकंडा, टांगरी और घग्गर व उनकी सहायक नदियों से पानी मिलता है।

5. महेंद्रगढ़: 
महेंद्रगढ़ जिला की बात करें तो सिंचाई विभाग के कार्यकारी अभिंयता नितिन भार्गव ने बताया कि यहां यमुना का पानी आता है। अकेले नारनौल में कुल पानी की डिमांड 450 क्यूसेक होती है। जिसमें से 125 क्यूसेक पानी वाटर सप्लाई के लिए जन स्वास्थ्य विभाग को दिया जाता है। 

6. गुरुग्राम: कुल 680 एमएलडी पानी सप्लाई होता है। प्रति व्यक्ति के हिसाब से 200 लीटर पानी सप्लाई हो रहा है। यहां सारा पानी यमुना से आता है, इसलिए भाखड़ा से पानी का असर अभी नहीं होगा। जीएमडीए के कार्यकारी अभियंता अभिनव शर्मा ने कहा कि अभी स्थिति सामान्य है।

7. जींद: 
जींद जिला की बात करें तो यहां भाखड़ा ब्रांच, हांसी ब्रांच और सुंदर ब्रांच से पानी सप्लाई होता है। दो तिहाई आबादी भाखड़ा ब्रांच पर निर्भर है। शहर में 4 हजार क्यूसेक के मुकाबले डेढ़ हजार क्यूसेक पानी ही आ रहा है। यहां 20 से 25 दिन का स्टॉक है। 

8. कैथल: 
कैथल जिला के पब्लिक हेल्थ विभाग के एक्सईएन प्रशांत सिल्वानिया ने कहा- यहां 33 एमएलडी की खपत है। प्रति व्यक्ति 135 लीटर पानी सप्लाई कर रहे हैं। भाखड़ा नहर से पानी की कटौती का कैथल पर अधिक असर नहीं होगा।

9. करनाल: 
करनाल जिला की बात करें तो यहां पश्चिमी यमुना नहर का पानी आता है। जो हथिनीकुंड बैराज से आती है। यहां भाखड़ा नहर से पानी की सप्लाई नहीं है। फिलहाल यहां कोई संकट नहीं है।

10. सिरसा:
सिरसा जिला की बात करेंं तो यहां 5 नहरें आती हैं। इनकी क्षमता 2800 क्यूसेक की है लेकिन अभी 1800 क्यूसेक पानी ही पंजाब से मिल रहा है। ऐसे में यहां पानी का संकट बन रहा है।