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Jagmalwali Dera: प्रतिनिधि मंडल के साथ डेरे जगमालवाली पहुंचे अमर सिंह बोले महात्मा बीरेंद्र के खिलाफ रची गयी थी साजिश उन्हें नहीं था आभास

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Jagmalwali Dera: Amar Singh reached Dera Jagmalwali with the delegation and said that he had no idea that a conspiracy was hatched against Mahatma Birendra
mahendra india news, new delhi
हरियाणा के सिरसा मेें डेरा जगमालवाली के गद्दीनशीन संत महाराज बीरेन्द्र सिंह के मुखर विरोधी अमर सिंह बिश्नोई ने पूरे विवाद में अपनी भूमिका के लिए माफ़ी मांग ली है और कहा है कि उनके कारण किसी सत्संगी जीव को ठेस पहुंची है तो वह इसके लिए माफ़ी चाहते है। 


 इससे पहले अमर सिंह बिश्नोई प्रतिनिधि मंडल के साथ डेरे में पहुंचे और उन्होंने पूज्य महाराज वकील साहब के इलाज से सम्बंधित सम्पूर्ण जानकारी हासिल की। साथ ही महाराज द्वारा खुद लिखी गयी वसीयत की डायरी को भी देखा जिसका जिक्र अक्सर सोशल मिडिया पर अमर सिंह बिश्नोई द्वारा किया गया था। 
अमर सिंह ने कहा कि महात्मा बीरेंद्र के खिलाफ साजिश की गयी थी, उन्हें इसका आभास नहीं था और वे विचलित हो गये थे। मीडिया से बातचीत में अमर सिंह ने कहा कि उन्हें आज डेरे मैनेजमेंट कमेटी की ओर से सबूत दिखाए गये जिससे वह पूर्ण रूप से संतुष्ट है। डेरे की ओर से डॉक्टरी रिपोर्ट, वसीयत सहित जो सबूत दिखये गये है इनमे किसी प्रकार कि कोई कमी नहीं है। जो आदमी यह कहता है कि इसमें कमी या झूठ है तो वह अपने सबूत लाकर यहाँ दिखा दे। मैनें जो देखा, इसमें कोई कमी नहीं है। अमर सिंह ने उन आरोपों को भी नकार दिया जिसमें कहा गया था कि संत ने जब चोला छोड़ा तो उनके शरीर पर नलकियां लगी थी, दाह संस्कार की जल्दबाजी करते हुए लकड़ियाँ मंगवाई गयी थी । 15 मिनट में ही संस्कार की तेयारी थी । अमर सिंह ने कहा कि ये सब बाते सुनी सुनाई थी, इसका एक कारण यह था कि कुछ लोग शरारती थे और पहले से ही शाजिश रचे हुए थे । जिसका शिकार वह भी हो गया । 
उन्होंने कहा कि कुछ लोगों ने अफवाह फैलाई थी कि बाबा जी को चोला छोड़े कई दिन हो गये । यह कुछ लोगों कि ही शरारत थी। उन्होंने कहा कि मैनें ऐसी बात कभी नहीं बोली । बिश्नोई ने कहा कि वसीयत को लेकर जो 2021 कि डायरी है, उसे आज तीन बार मैनें खुद चेक किया है, वह वही डायरी है जो बाबाजी ने उन्हें दिखाई थी । उसमे महात्मा बीरेंद्र का नाम वसीयत के लिए लिखा हुआ है ।जिसमें महाराज जी ने तब नाम कि जगह पर अंगूठा रख लिया था। अमर सिंह ने कहा कि उन्होंने महात्मा बीरेंद्र पर गद्दी को लेकर कभी भी आरोप नहीं लगाये । उन्होंने इस बात से भी इनकार किया कि साध-संगत डेरे में ना जाये ऐसी कोई पोस्ट उन्होंने कभी डाली हो ।
अमर सिंह ने कहा कि कोई व्यक्ति कन्फ्यूज्ड (गुमराह) होकर कुछ बोल दे तो वह सबूत देख कर संतुष्ट हो जाता है और किसी ने करना ही विरोध है उसे कुछ भी दिखा दो, उसकी मानसिकता विरोध की ही रहेगी ।उन्होंने कहा कि वह 1 अगस्त को 1 बजे के करीब डेरे में पंहुचा था उससे पहले झगड़ा हो चूका था । तब उन्होंने पूज्य महाराज के बारे में कुछ गलत बोला था जिसके बोलने का कारण एक पुराना साधू है जिसने 2 साल पहले यह बात बताई थी और मैनें उस बात पर यकीन कर लिया था । अब दो दिन पहले मुझे पता चला की वह साधू तो महात्मा बीरेंद्र का घोर विरोधी है। 
उन्होंने कहा कि डेरे के विरुद्ध साजिश में जुटे दूसरे पक्ष ने परमार्थ की राशि से गाड़ियों में तेल डलवाना शुरू कर रखा है । 10 हजार और 30 हजार के सबूत उसके पास है जबकि गरीब व्यक्ती भी परमार्थ में कुछ न कुछ देकर जाता है लेकर नहीं जाता। अमर सिंह ने पत्रकार वार्ता में यह भी कहा कि वह पहले भी डेरे में आना चाहता था लेकिन जिस समय पोस्ट डाली थी तो उसके घर पर करीबन 150 लोग आ गये थे और उसे कमरे से ही नहीं निकलने दिया था । इस बार उन्होंने फैसला कर लिया था कि कितना भी विरोध हो वह सबूत देखने जरुर जायेगा और वह अपनी बातों पर कायम रहते हुए डेरे में आया है। उन्होंने कहा कि अब उसकी निंदा करे, गालियाँ दे उन लोगों को सब छूट है, उसे उसकी चिंता नहीं है। 
अमर सिंह बिश्नोई ने कहा कि मैं पूरी तरह संतुष्ट हूँ और इतने सबूतों के बाद मुझे नहीं लगता कि कोई विवाद बचा है । उन्होंने संगत से अपील कि और कहा कि जिन्हें शंका है वो डेरे में आकर प्रूफ देखे और उन्हें सही लगे तो डेरे में आये । उन्होंने कहा कि वह पहले कि तरह डेरे में आयेंगे और सेवा करूंगा।