हंजीरा गांव में श्री मद्भागवत कथा एवं दुर्लभ सत्संग के शुभांरभ पर निकाली कलश यात्रा

गांव हंजीरा में श्री कृष्ण प्राणामी गोशाला में स्व. रामप्यारी व स्व. हंसराम शर्मा की पावन पुण्य स्मृति में शांति समृद्ध्,ि गो हितार्थ को लेकर सोमवार को श्री मद् भागवत कथा एवं दुर्लभ सत्संग शुरू हुई। कथा शुभांरभ से पहले प्रथम दिन श्री कृष्ण मंदिर से गोशाला तक कलश यात्रा निकाली गई। कथा में कथा वाचक ब्रहाचारी संत गोविंद दास सुबह 11 बजे से दोपहर 3 बजे तक प्रतिदिन प्रचवन करेंगे।
कथा वाचक ब्रहाचारी संत गोविंद दास ने कथा के प्रथम दिन बताया कि भक्ती रानी व भक्ति ज्ञान वैराग्य की चर्चा करते हुए बताया कि महापुराण हमें आदर्श के साथ जीवन जीने के तरीके सिखाती है और श्रीमद् भागवत महापुराण हमें मरना कैसे है ये सिखाती है। भागवत महापुराण में भक्त को मरने से पहले क्या कर्म करे कि अपनी मुक्ति को प्राप्त कर कर सके उस सुगम मार्ग का मार्गदर्शन केवल भागवत महापुराण में मिलता है। भगवान की भक्ति से मोक्ष की प्राप्ति करने का सबसे सरल उपाय राम नाम संकीर्तन है।
भक्ति ज्ञान वैराग्य का बहुत ही सुन्दर वर्णन करते हुए कथा वाचक ब्रहाचारी संत गोविंद दास ने बताया कि इस कलयुग में केवल भगवान का नाम जपने भर मात्र से सहज ही भक्ति की प्राप्ति हो जाती है। इस अवसर पर गोशाला के प्रधान ओमप्रकाश शर्मा, कोषाध्यक्ष रामचंद्र शर्मा, दारा सिंह बैनीवाल, बंसीशर्मा व अन्य गांव के गणमान्य व्यक्तिमौजूद रहे।