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दड़बा कलां गांव में श्री मद्भागवत कथा के शुभांरभ पर निकाली कलश यात्रा

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Kalash Yatra taken out in Darba Kalan village on the beginning of Shri Madbhagwat Katha
mahendra india news, new delhi

गांव दड़बा कलां स्थित अखाड़ा में रविवार को श्री मद् भागवत कथा अमृत ज्ञान गंगा शुरू हुई। कथा शुभांरभ से पहले  प्रथम दिन रविवार को श्री कृष्ण मंदिर से अखाड़ा तक कलश यात्रा निकाली गई। कथा में कथा वाचक पंडित सुनील कृष्ण शास्त्री सुबह 11.15 बजे से 2.15 बजे तक प्रतिदिन प्रचवन करेंगे। 

कथा वाचक पंडित सुनील कृष्ण शास्त्री ने कथा के प्रथम दिन बताया कि भक्ती रानी व भक्ति ज्ञान वैराग्य की चर्चा करते हुए बताया कि महापुराण हमें आदर्श के साथ जीवन जीने के तरीके सिखाती है और श्रीमद् भागवत महापुराण हमें मरना कैसे है ये सिखाती है। भागवत महापुराण में भक्त को मरने से पहले क्या कर्म करे कि अपनी मुक्ति को प्राप्त कर कर सके उस सुगम मार्ग का मार्गदर्शन केवल भागवत महापुराण में मिलता है। भगवान की भक्ति से मोक्ष की प्राप्ति करने का सबसे सरल उपाय राम नाम संकीर्तन है। 
भक्ति ज्ञान वैराग्य का बहुत ही सुन्दर वर्णन करते हुए कथा वाचक पंडित सुनील कृष्ण शास्त्री ने बताया कि इस कलयुग में केवल भगवान का नाम जपने भर मात्र से सहज ही भक्ति की प्राप्ति हो जाती है।

इस सर्दी के मौसम में लोंगों का घरों से निकलना मुश्किल हो रहा है। इस ठंड के इस मौसम में सिरसा जिले के गांव दड़बा कलां स्थित अखाड़ा में बाबा योगी जिन्दर नाथ ठंडे पानी की धारा में तपस्या कर रहे हैं। उनकी तपस्या के चलते दिनभर श्रद्धालुओं का तांता तपस्या स्थल पर लगा रहता है। बाबा योगी जिन्दर ने दिनांक 22 दिसंबर 2024 से सुबह 8 मटकों में भरे गए ठंडे पानी की धारा लगाकर उसके नीचे तपस्या कर रहे हैं। इसके बाद प्रतिदिन पांच मटक बढ़ रहे हैं। शनिवार को उन्होंने 83 ठंडे पानी के मटकों की जलघारा के नीचे तपस्या की। गांव में सुख शांति के लिए उनकी तपस्या 21 दिनों तक तपस्या चलेगी। तपस्या के अंतिम दिन 108 पानी के मटकों के नीचे तस्पस्या करेंगे।

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गांव में सुख शांति के लिए 11 जनवरी तक चलेगी
अखाड़ा में 11 जनवरी के दिन जलधारा की समाप्ति पर मंदिर परिसर में विशेष पूजा होगी तथा हवन यज्ञ के साथ भंडारा भी लगाया जाऐगा। बाबा योगी जिंद्रनाथ की तपस्या के लिए सांय के समय साफ व नये मटकों में ठंडा पानी भरा जाता है। रात भर खुले आसमान के नीचे मटकों को रखा जाता है तथा सुबह मटके के नीचे से निकलने वाली पानी की धारा में बाबा योगी जिंद्रनाथ बैठ जाते हैं। मटकों में भरे पानी की धारा जब तक चलती है तब तक महंत उसके नीचे बैठकर ध्यान में रहते हैं।

अखाड़ा से लोगों की काफी आस्था
दड़बा कलां के अखाड़ा से लोगों की काफी आस्था है। यहां पर शीशनाथ, बधाईनाथ व सुकराई नाथ की सामधी बनी हुई हैंं। जहां पर सुबह शाम लोग माथा टेकने के लिए पहुंचते हैं। गांव के लोगो की अपार श्रद्धा है और खुद गांव के लोगो का मानना है यहां पर माथा टेकने से उनके काम सफल हुए हैं।


5 धूनों के बीच गर्मी में की थी तपस्या
बाबा योगी जिंद्रनाथ ने बताया कि हमेशा उनके ऊपर गुरु शीलनाथ का आशीर्वाद बना रहता है। इसी के चलते ठंडे पानी की जलधारा में स्नान कर रहे हैं। गांव में ठंडे पानी की धारा के नीचे बैठकर तपस्या करके समाज में सुख शांति लाना चाहते हैं। उन्होंने बताया कि भीषण गर्मी में 5 धूनों के बीच तपस्या कर रहे हैं। गांव में सुख शांति के लिए 41 दिन तक धूनों के बीच बैठकर तपस्या की थी।