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गुरु के वचन में रहना सिख लो आप स्वयं तो क्या दूसरों का भी कल्याण कर जाओगे: सतगुरु कंवर साहेब जी महाराज

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Learn to live by the words of the Guru, you will not only do good to yourself but also to others: Satguru Kanwar Saheb Ji Maharaj
mahendra india news, new delhi

परमसंत सतगुरु कंवर साहेब जी महाराज ने कहा कि तन की पवित्रता सेवा से धन की पवित्रता दान से और मन की पवित्रता हरि भजन से ही संभव है।गुरु के वचन में रहना सिख लो आप स्वयं तो क्या दूसरों का भी कल्याण कर जाओगे।लगन लगाओ क्योंकि जिसको लगन लगी वो युगों युगों अमर हो गए। बाना नहीं बान यानी आदत से भगत बनो परमात्मा के आसरे हो जाओ हर तरफ से निर्भय हो जाओगे।जो नेक होगा वो धैर्यवान और सहनशील भी होगा।यह सत्संग वचन परमसंत सतगुरु कंवर साहेब जी महाराज ने रूपावास गांव में स्थित राधास्वामी आश्रम में जन्माष्टमी के अवसर पर आयोजित सत्संग में उमड़ी साध संगत को फरमाए। 


जन्माष्टमी की शुभकामना देते हुए हुजूर कंवर साहेब जी महाराज जी ने कहा कि आज का शुभ दिन है क्योंकि जहां आज हम अवतारी पुरुष श्री कृष्ण का जन्म उत्सव मना रहे हैं वहीं आज सत्संग का भी लाभ उठा रहे हैं।सत्संग से बड़ा कोई त्योहार और कोई आयोजन नहीं है।सत्संग रूह का कल्याण करता है।हमारी रूह इस संसार में रच बस कर इसके पदार्थो में ग़ाफ़िल हो गई है।इस गफलत में हम संतोष रूपी धन को नष्ट कर रहे हैं।इज्जत मान बडाई इंसान को गिरावट की और लेकर जाते हैं।इस झंझावात से संतो का सत्संग निकालता है।


उन्होंने कहा कि इंसान ये तो मानता है कि कोई परमसत्ता है जो सब कुछ चला रही है परंतु यकीन नहीं करता।वह अभिमान में आकर स्वयं को ही भगवान समझ बैठता है।इस अभिमान में वह अच्छे बुरे में फर्क खत्म कर देता है।उन्होंने कहा कि 84 लाख योनियों में सबसे उत्तम यौनी का धारक इंसान से हम गफलत की अपेक्षा नहीं कर सकते हैं।इंसानी यौनी में यदि कुछ कमी है तो वो इसके पिछले जन्म के कर्मों का फल है।कर्म पीछा नहीं छोड़ता चाहे लाख जन्म ले लो।इंसान को यही चेतावनी देने परमात्मा ने अपने संदेश वाहक के रूप में संतो को देह रूप में इस धरा पर भेजा।उन्होंने फरमाया कि यह कर्मबंदी संसार है।जैसे कर्म करोगे वैसा ही फल मिलेगा लेकिन हम ग़लत काम के लिए परमात्मा को दोष देते हैं ।संसार की लुभावनी चीजें हमें आकर्षक जरूर करती हैं लेकिन उनमें सार कुछ नहीं है।उन्होंने कहा कि यह संसार संभल के फूल के समान हैं और हम उस तोते की भांति हैं जो उस फूल को फल समझ कर चोंच मारता है लेकिन उसे मिलता केवल फूस है।

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गुरु महाराज जी ने कहा कि इस जगत में सारे के सारे पदार्थ हैं लेकिन जो कर्म हीन होते हैं उन्हें ये नहीं मिलते।कंवर साहेब जी ने कहा कि नारी के गलत संग से आपका जोबन जाता है।द्रव के सेवन से आपका धन जाता है और कुसंग से आपका सब कुछ चला जाता है।विषयों के गुलाम इंसान का चरित्र नहीं रहता।जिसके पास चरित्र है उसके पास सबकुछ है।उन्होंने कहा कि जुए की जीत भी अच्छी नहीं और हार भी अच्छी नहीं।उन्होंने कहा कि संतो का संग आपको इन तीनों की परछाई से बचाता है।सचेत रहो और सजग रहो।उन्होंने कहा कि हम कृषि प्रधान देश के वासी हैं।कुछ समय पहले तक किसान हाल जोतता था तो पहले धरती माता की वंदना करता था।धरती माता की वंदना इसलिए कि वो एक दाने के बदले लाखों दाने देती थी।उन्होंने कहा कि आप भी प्रभु में अपनी आस्था को मजबूत करो क्योंकि अगर उसके भरोसे रहोगे तो आपके कारज  सिद्ध होंगे।इतिहास गवाह है कि जिसने उसको हाजिर नाजिर माना उसके लिए तो परमात्मा नौकर भी बना,रथवान भी बना।उसके लिए वो नारी भी बना और हज्जाम भी बना।वो सबकी सुनता है।उसके आगे ना रिश्वत चलती है ना चालाकी।


गुरु महाराज जी ने कहा कि शुद्ध अन्न से ही शुद्ध मन होगा इसलिए सबसे पहले खान पान सुधारो और दूसरे अपना संग ठीक रखो।उन्होंने कहा कि बुराई सिखाने का कोई स्कूल नहीं है फिर भी वो हमारे अंदर आ जाती हैं क्योंकि सकारात्मकता को बार बार जगाने की आवश्यकता है।बार बात अपनी संतान को चेताओं।संतान की इच्छा नहीं केवल जरूरत पूरी करो।इच्छा कभी रुकती नहीं हैं बल्कि वे तो समुद्र के लहरों की भांति हिलोर मारती हैं।उनकी इच्छाओं पर बांध बनाओ।हम दुनिया को तो सुधारना चाहते हैं लेकिन अपनी संतान को नहीं सुधारते।हुजूर कंवर साहेब जी ने कहा कि जीवन उस पक्षी की भांति है जो कुछ वक्त के लिए आया बैठा चहचहाया और फिर उड़ गया इसलिए पदार्थो को उतना ही भोगों जितने की आवश्यकता है।


उन्होंने कहा कि आज समाज के लिए सबसे बड़ी चिंता युवा पीढ़ी का नशे की तरफ जाने की है।दिन प्रतिदिन घर बर्बाद होते हैं।जाने जा रही हैं लेकिन हम चेत नहीं रहे।उन्होंने कहा कि संतान को अफसर बनाने की चाह मत रखो उसे अच्छा इंसान बना दो।एक नशे के कारण इंसान चोर,जार,बेईमान, झूठा बन जाता है।इंसान और परमात्मा में ज्यादा अंतर नहीं है।मानव और दानव बनना आपके अपने हाथ में है।मत भूलो अच्छाई अच्छाई फैलाएगी और बुराई केवल बुराई। इस अवसर पर समाजसेवी कप्तान मीनू बैनीवाल व अन्य गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे।