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सिरसा सीडीएलयू में रणनीतिक प्रबंधन और विश्वविद्यालय का महत्व विषय पर व्याख्यान आयोजित

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Lecture organized on strategic management and importance of university in Sirsa CDLU
mahendra india news, new delhi

हरियाणा के सिरसा में स्थित चौधरी देवीलाल विश्वविद्यालय, सिरसा के डीन अकादमिक अफेयर्स कार्यालय द्वारा विश्वविद्यालय ऑडिटोरियम में "रणनीतिक प्रबंधन और विश्वविद्यालय का महत्व" विषय पर एक विशेष व्याख्यान आयोजित किया गया।


इस अवसर पर मोनाश विश्वविद्यालय, ऑस्ट्रेलिया के प्रबंधन विभाग के प्रोफेसर एडवर्ड स्टुअर्ट बकिंघम ने बतौर मुख्य वक्ता व्याख्यान प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि "रणनीतिक प्रबंधन किसी भी संस्थान की प्रगति की रीढ़ होता है। एक विश्वविद्यालय को दीर्घकालिक सफलता प्राप्त करने के लिए प्रभावी रणनीतियों को अपनाना आवश्यक है। यह न केवल शैक्षणिक गुणवत्ता को बेहतर बनाता है, बल्कि संस्थान को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी भी बनाता है। प्रो. एडवर्ड स्टुअर्ट बकिंघम ने इस संदर्भ में जोर दिया कि उच्च शिक्षण संस्थानों को अपने प्रशासन और अकादमिक कार्यक्रमों में लचीलेपन और नवीनता को अपनाते हुए निरंतर विकास के लिए कार्य करना चाहिए। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को लक्ष्य निर्धारित करके जीवन में आगे बढ़ना चाहिए।  उन्होंने अनेक राष्ट्रों की केस स्टडीज का जिक्र किया और बताया कि किस प्रकार निरंतर प्रगति के पथ पर चल कर राष्ट्र का विकास सुनिश्चित किया जा सकता है।

इस कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए डीन अकादमिक अफेयर्स प्रोफेसर सुरेश गहलावत ने कहा कि मोनाश यूनिवर्सिटी विश्व के सर्वश्रेष्ठ यूनिवर्सिटियो की सूचि में आती है और हमारे लिए गर्व की बात है कि उस यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर हमारे बीच है। उन्होंने कहा कि इस विश्वविद्यालय के साथ स्टूडेंट एक्सचेंज प्रोग्राम विकसित करने के उद्देश्य से भी दोनों विश्वविद्यालय के प्रशासनिक अधिकारियो से चर्चा की जाएगी।  
सीडीएलयू के कुलसचिव डॉ. राजेश बंसल ने प्रो. बकिंघम का स्वागत किया और उनके बहुमूल्य विचारों के लिए आभार व्यक्त किया और कहा कि विश्वविद्यालय कुलपति प्रोफेसर नरसी राम बिश्नोई के दिशा निर्देशन में गुणवत्ता परक शिक्षा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया है।

कार्यक्रम के अंत में डीन इंटरनेशनल रिलेशन्स एंड फॉरेन अफेयर्स प्रोफेसर आरती गौड़ ने सभी प्रतिभागियों को धन्यवाद किया और इस ज्ञानवर्धक सत्र के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि वर्तमान युग रिसोर्स शेयरिंग का युग है और उच्चतर शिक्षा संस्थानों को शोध एवं नवाचार पर ध्यान देना चाहिए। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के प्राध्यापक एवं विद्यार्थी उपस्थित थे।  

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