भगवान राम चौदह वर्ष का बनवास काट कर अयोध्या लौटे थे : कासनियां

नाथूसरी चौपटा स्थित संत कबीर स्कूल में दीवाली का त्योहार धूमधाम से मनाया गया। स्कूल के छात्रों, शिक्षकों और कर्मचारियों ने मिलकर इस त्योहार को मनाया। कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्ज्वलन से हुई, जिसमें स्कूल के प्रधानाचार्य अंबेडकर कासनियां ने शुरुआत की। इसके बाद छात्रों ने दीवाली से जुड़े विभिन्न कार्यक्रम प्रस्तुत किए। इसके बाद बच्चों ने दिवाली के त्यौहार के उपलक्ष्य पर भव्य रंगोली ,ड्राइंग, व्यर्थ के समान निर्मित वस्तुएं तैयार करना ,कविता ,भाषण आदि अन्य गतिविधियों में भाग लिया ।इस सुअवसर पर विद्यालय के प्रधानाचार्य श्री अंबेडकर कासनिया ने बच्चों को हार्दिक शुभकामनाएं दी व बच्चों के उज्जवल भविष्य की कामना की। प्रधानाचार्य जी और उप प्रधानाचार्या सुनीता (रिया पुटेला ) ने बच्चों को श्री रामचंद्र जी के जीवन से जुड़ी घटनाओं के बारे में बताया।
इस अवसर पर स्कूल के प्रधानाचार्य अंबेडकर कासनियां ने कहा कि दीवाली का त्योहार हमें अच्छाई और बुराई के बीच के संघर्ष की याद दिलाता है। हमें इस त्योहार के माध्यम से अच्छाई के मार्ग पर चलने की प्रेरणा मिलती है। इसी दिन भगवान राम चौदह वर्ष का बनवास काट कर अयोध्या लौटे थे और सिक्खों के छटे गुरु श्री हरगोबिंद साहिब सहित अनेक राजाओं को मुगलों की जेल से मुक्ति मिली थी। अत: इस दिन को बंदी छोड़ दिवस के रूप में भी मनाया जाता है। प्रधानाचार्य ने सभी प्रतिभागियों को पुरुस्कृत किया और दीवाली की शुभकामनाएं दी और स्कूल के छात्रों को इस त्योहार के महत्व को समझने के लिए प्रेरित किया।