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महाराज के 134 वें पावन अवतार दिवस को देश-दुनिया में एमएसजी अवतार दिवस भंडारा के रूप में धूमधाम से मनाया

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Maharaj's 134th holy incarnation day was celebrated with great pomp and show in the form of MSG incarnation day feast across the country and the world
mahendra india news, new delhi
सिरसा। सर्वधर्म संगम डेरा सच्चा सौदा के संस्थापक बेपरवाह  साईं  शाह मस्ताना जी महाराज के 134वें पवित्र अवतार दिवस का भंडारा बुधवार को शाह सतनाम-शाह मस्ताना जी धाम, डेरा सच्चा सौदा सिरसा सहित देश-दुनिया में एमएसजी भंडारे के रूप में बड़ी धूमधाम और श्रद्धा के साथ मनाया गया। इस अवसर पर आयोजित नामचर्चा सत्संग कार्यक्रम में भारी संख्या में साध-संगत ने भाग लेकर  साईं  जी के अवतार महीने की खुशियां मनाईं। कार्यक्रम के दौरान साध-संगत ने पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां की पवित्र शिक्षाओं पर चलते हुए मानवता भलाई कार्यों में बढ़-चढ़कर भाग लिया। क्लाथ बैंक मुहिम के अंतर्गत 134 जरूरतमंद लोगों को कंबल वितरित किए गए।
वहीं शाह सतनाम जी स्पेशलिटी अस्पताल में निशुल्क जन कल्याण परमार्थी चिकित्सा जांच शिविर का आयोजन किया गया, जिसमें हृदय रोग सहित विभिन्न बीमारियों के विशेषज्ञ चिकित्सकों ने सेवाएं दीं। शिविर में मरीजों का फ्री चैकअप किया गया और दवाइयां भी निशुल्क वितरित की गईं। साथ ही अस्पताल में विभिन्न चिकित्सीय जांच पर विशेष छूट भी प्रदान की गई। नामचर्चा सत्संग कार्यक्रम की शुरुआत पवित्र नारे और अरदास के साथ हुई। इसके पश्चात कविराजों ने भजनवाणी के माध्यम से गुरु महिमा का गुणगान किया।
तत्पश्चात सत्संग पंडाल में लगाई गई बड़ी एलईडी स्क्रीनों के माध्यम से पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां ने साध-संगत को अपने पवित्र वचनों से लाभान्वित किया। इससे पूर्व समस्त साध-संगत ने धन-धन सतगुरु तेरा ही आसरा का इलाही नारा लगाकर पूज्य गुरु जी को एमएसजी अवतार भंडारे की बधाई दी। नामचर्चा सत्संग कार्यक्रम के दौरान साईं जी के जीवन से संबंधित एक डॉक्यूमेंट्री भी चलाई गई। जिसे देखकर साध-संगत भाव-विभोर हो गई।  
                   
पूज्य गुरु जी ने साध-संगत को संबोधित करते हुए फरमाया कि अरबों-खरबों बार मुबारक हो, आज का यह पावन दिन हमारे दाता रहबर,  साईं  शाह मस्ताना जी महाराज जी के 134वें पवित्र अवतार दिवस का शुभ अवसर है। परम पिता परमात्मा से यही अरदास करते हैं कि वे आप सब पर अपनी असीम कृपा बरसाएँ। जन्मों-जन्मों के कर्म काटें, संचित कर्मों को हल्का करें और जीवन में सच्चाई, प्रेम और भक्ति की रोशनी भर दें। साथ ही आज गुरु नानक देव जी महाराज के पवित्र गुरुपर्व की भी हार्दिक बधाई हो। पूज्य गुरु जी ने आगे फरमाया कि दाता रहबर  साईं  मस्ताना जी महाराज जी का पावन जन्म गांव कोटड़ा, बिलोचिस्तान में माता तुलसा बाई जी और पिता पिल्ला मल जी के घर हुआ। जैसा कहा गया है कि पूत के पांव पालने में ही दिख जाते हैं। वैसे ही बाल्यकाल से ही  साईं  शाह मस्ताना जी महाराज के दिव्य गुण प्रकट होने लगे थे। एक बार माता जी ने उन्हें कुछ बर्फी देकर कहा बाजार में जाकर यह बेच आओ। रास्ते में  साईं   जी को कुछ फकीर मिले। उन्होंने कहा बेटा, हम बहुत भूखे हैं।  साईं   जी का हृदय करुणा से भर गया। उन्होंने बर्फी उन्हें दे दी। अब मन में आया माता जी को क्या कहूँगा? फिर उन्होंने एक किसान के पास जाकर कहा मुझे मजदूरी करनी है। किसान ने कहा बेटा, तुम छोटे हो, यह काम कैसे करोगे?  साईं  जी बोले आप काम देकर देखिए और फिर उस नन्हे से बालक ने वह सब कर दिखाया जो बड़े-बड़े मजदूर भी नहीं कर पाते। किसान आश्चर्यचकित रह गया और बोला यह बालक कोई साधारण नहीं है। शाम को  साईं  जी ने मेहनत की दिहाड़ी ली और घर पहुंचे। माता जी ने पूछा बेटा, बर्फी का क्या हुआ?  साईं   जी ने कहा माता जी, आपने कहा था सौदा करके आओ। मैंने सौदा कर लिया। भूखे फकीरों को बर्फी दी, फिर मेहनत कर पैसा कमाया, यही है सच्चा सौदा। पूज्य गुरु जी ने आगे फरमाया कि  साईं   जी परमात्मा की खोज में सिद्धियों वाले साधुओं के पास गए, पर उन्होंने कहा हम उड़ना सिखा सकते हैं, पर मुक्ति नहीं दे सकते।  साईं   जी बोले मुझे न उड़ना है, न तैरना, मुझे तो मुक्ति का दाता चाहिए और अंतत: जब  साईं  जी ब्यास पहुँचे और हजूर बाबा सावण सिंह जी महाराज के दर्शन किए। बस, वहीं आत्मा को अपने मुक्ति दाता मिल गए। उस दिन से लेकर आज तक, सच्चा सौदा का यह पावन संदेश पूरी दुनिया में प्रेम, भाईचारे और सेवा का उजाला फैला रहा है।
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गौरतलब है कि डेरा सच्चा सौदा के संस्थापक बेपरवाह  साईं  शाह मस्ताना जी महाराज के विक्रमी सम्वत 1948 (सन 1891) को कार्तिक की पूर्णमासी को गांव कोटड़ा, तहसील गंधेय रियासत कलायत बिलोचिस्तान (जो अब पाकिस्तान में है) में पूजनीय माता तुृलसां बाई जी के घर अवतार धारण किया था।