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मंडियों में किसानों को आ रही समस्याओं को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा ने सौंपा उपायुक्त को ज्ञापन

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  मंडियों में किसानों को आ रही समस्याओं को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा ने सौंपा उपायुक्त को ज्ञापन mandiyon mein kisaanon ko aa rahee samasyaon ko lekar sanyukt kisaan morcha ne saumpa upaayukt ko gyaapan The United Kisan Morcha submitted a memorandum to the Deputy Commissioner regarding the problems faced by farmers in the markets

mahendra india news, new delhi
 संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से अनाज मंडियों में किसानों को आने वाली समस्याओं को हल करवाने को लेकर जिला उपायुक्त को एक ज्ञापन सौंपा गया। ज्ञापन सौंपने आए सुखदेव सिंह जम्मू अखिल भारतीय किसान सभा, रघुबीर सिंह नकोड़ा बीकेयू एकता उग्राहां, भरत सिंह झाझड़ा बीकेयू टिकैत, बाबा गुरदीप सिंह झिड़ी हरियाणा किसान मंच, हरजिंदर सिंह राष्ट्रीय किसान मंच, कुलदीप सिंह पगड़ी सम्भाल जटट व राजेन्द्र सिंह एआईकेएस ने बताया कि जिला सिरसा की अनाज मण्डियों में धान, कपास वगैरा की आमद हो रही है, जिसमें फसल बेचते समय किसानों के साथ मण्डी में अनेक तरीकों से लूट की जा रही है।


धान बिक्री के समय नमी चैक करते समय प्रयोग की जाने वाली मशीनों में धांधली है तथा जो धान आज से कई साल पहले 22 प्रतिशत नमी के साथ बिना किसी काट के बिकता था, व्यापारियों ने धीरे-धीरे उसको बढ़ाते हुए 17 प्रतिशत पर ले आये हैं, जिससे नमी के नाम से किसानों की फसल में 6 किग्रा से लेकर 13 किग्रा तक की काट लगाई जा रही है। इस वजन की किसान के साथ तो लूट होती ही है,

साथ-साथ मार्किट कमेटी को भी उपरोक्त वजन का जो टैक्स मिलना था, उसकी लूट भी खरीददार द्वारा की जा रही है। जिसे रोका जाना अति जरूरी है। उन्होंने मांग की कि नमी का मानक 22 प्रतिशत तक किया जाये। मण्डी में फसल की तुलाई सरकार की हिदायतों के मुताबिक कम्प्यूटर कण्डा से होनी चाहिए, परन्तु सिरसा जिला में मण्डियों में ज्यादातर फरशी कण्डा से तुलाई होने से किसानों के साथ तुलाई में गड़बड़ी की जा रही है। सभी तरह की फसल नापतोल विभाग द्वारा पास किए गए कम्प्यूटर कण्डों द्वारा ही होनी चाहिए, ताकि किसान के साथ किसी तरह की तोल को लेकर धोखाधड़ी न हो। किसान को मण्डी में फसल लाने पर खर्चा लगता है, जो कि मजदूरी के रूप में होता है। सभी आढ़त की दुकानों पर उन खर्चों का विवरण चस्पा होना चाहिए, जो किसान को फसल बेचते समय देने बनते हैं, ताकि किसान के साथ खर्च के नाम पर धोखाधड़ी न हो सके ।

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हरियाणा राज्य से बाहर की फसलें भी मण्डियों में आकर बिक रही है, जिससे सिरसा के किसानों को नुक्सान उठाना पड़ता है। इसलिए राज्य से बाहर की किसी भी प्रकार की फसल को मण्डियों में बिकने से रोका जाए। किसान अपने खेत में अवशेष (पराली) को जलाने के लिए पूरी तरह से जागरूक है और कोई भी किसान पराली जलाने का इच्छुक नहीं है। पिछले किसान आन्दोलन में सरकार के साथ लिखित समझौते में यह बात यह हो गई थी कि किसान पर वायु प्रदूषण के नाम पर लगने वाली आपराधिक धाराओं से उसे वंचित रखा जाएगा। परंतु देखने में आया है कि सिरसा के किसानों पर वायु प्रदूषण के नाम से केस बनाए जा रहे हंै। जोकि उचित नहीं है।

जो भी केस किसानों पर बनाए गए हंै, उन्हें निरस्त किया जाए। इसके साथ-साथ खराब हुई फसलों का बीमा क्लेम व मुआवजा समय पर किसान को दिया जाए। डीएपी खाद किसानों को पूरी मात्रा में बिना किसी टैगिंग के उपलब्ध करवाई जाए। संयुक्त किसान मोर्चा के प्रतिनिधिमंडल ने उपायुक्त से मांग की कि इन तमाम समस्याओं पर तुरंत ध्यान दें, ताकि किसानों को किसी प्रकार की समस्या का सामना न करना पड़े।