Mukhtar Ansari: 786 नंबर गाड़ियों के काफिला के साथ चलता था मुख्तार अंसारी, इस गाड़ी का शौक रह गया अधूरा
Mukhtar Ansari: मुख्तार अंसारी इस दुनिया से चला गया है। उनके महंगे शौक जानकर आप हैरान हो जाएंगे। अंसारी का नाम आते ही, इसकी चर्चा होते ही बाहुबली और माफिया डॉन की छवि मन में आ जाती थी। लेकिन बहुत कम व्यक्तियों को ही एक बात का पता होगा कि माफिया डॉन बनने से पहले कॉलेज के समय में मुख्तार क्रिकेट का अच्छा खिलाड़ी था। इसी के साथ ही जबरदस्त निशानेबाज भी था।
एक बता और बता दें कि मुख्तार अंसारी मुख्तार को महंगी गाड़िया का बहुत अच्छा शौक था, कॉलेज के दिनों में मुख्तार दोस्तों के साथ बुलेट और जीप की सवारी करते हुए मोहमदाबाद और गाजीपुर के रोड पर अक्सर दिख जाता था।
महंगी गाड़ियों का शौक
आपको बता दें कि मुख्तार जब गैंगस्टर से विधायक बना तो गाड़ियों का यह शौक उसके साथ काफिले की शक्ल में चलता था। बता दें कि बदलते दौर के साथ मुख्तार के मारुति जिप्सी के अलावा बीएमडब्ल्यू टाटा सफारी, फोर्ड एंडेवर, पजेरो स्पोर्ट, ऑडी, जैसी गाड़ियों का कलेक्शन खूब रहा, उन्होंने 80 और 90 के दशक में जब मुख्तार के भाई अफजाल विधायक हो चुके थे, बता दें कि उस समय मुख्तार अंसारी को बुलेट मोटर साइकिल, एंबेसडर कार और जीप से शिकार खेलने का शौक था।
786 नंबर थी पहचान
आपको बता दें कि उस समय में वो दौर था जब मार्केट में मारुति जिप्सी, मारुति कार और वैन जैसी गाड़ियों ने अच्छे तरीके से दस्तक दी थी,इन्हें मुख्तार बड़े ही शौक से चलाता था, 1986 में हरिहरपुर के सच्चिदानंद राय हत्याकांड के बाद जब मुख्तार अंसारी प्रथम बार जेल से बाहर आया तो उसके काफिले में उस समय की लक्जरी गाड़ियों का काफिला था। बता दें कि मुख्यतार अंसारी के काफिले में चलने वाली सभी गाड़ियों का नंबर भी 786 ही रहता था.
इस गाड़ी का शौक रह गया अधूरा
बताया जा रहा है कि जैसे उस समय में टाटा सफारी का बहुत क्रेज था, अंसारी के काफिले में एक सफेद खुली जिप्सी और 5 से 6 एक रंग की टाटा सफारी और सभी पर 786 का नंबर प्लेट था। जेल में बंद अंसारी की चाहत थी कि जब वो बाहर जेल से आएगा तो उसके काफिले में अंतर्राष्ट्रीय बाजार में बिकने वाली एस यू वी हमर भी शामिल हो, लेकिन ये शौक अभी तक पूरा ना हो सका।