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संस्कृत विभाग एवं संत शिरोमणि गुरु रविदास शोध पीठ के संयुक्त तत्वावधान में महर्षि वाल्मीकि जयंती पर ऑनलाइन व्याख्यान का आयोजन

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Online lecture organized on Maharishi Valmiki Jayanti under the joint aegis of Sanskrit Department and Sant Shiromani Guru Ravidas Research Centre

 mahendra india news, new delhi

 चौधरी देवी लाल विश्वविद्यालय, CDLU सिरसा के संस्कृत विभाग एवं संत शिरोमणि गुरु रविदास शोध पीठ के संयुक्त तत्वावधान में विश्वविद्यालय  के कुलपति प्रोफेसर विजय कुमार के दिशा  निर्देशन में  महर्षि वाल्मीकि जयंती के पावन अवसर पर एक ऑनलाइन  व्याख्यान का आयोजन किया गया। इस व्याख्यान का विषय "आदि कवि महर्षि वाल्मीकि विरचित रामायण में जीवन दर्शन" रखा था, जिसमें मुख्य वक्ता के रूप में बंसीलाल राजकीय महिला महाविद्यालय, तोशाम (भिवानी) के सहायक आचार्य डॉ. जयपाल शास्त्री ने अपने विचार प्रस्तुत किए ।

इस कार्यक्रम का उद्देश्य महर्षि वाल्मीकि द्वारा रचित रामायण के माध्यम से भारतीय संस्कृति, नैतिकता, कर्तव्यबोध और आदर्श जीवन शैली जैसे मूल्यों को जन-जन तक पहुँचाना था। सुधीजन का मानना था कि रामायण मात्र एक धार्मिक ग्रंथ नहीं, बल्कि जीवन जीने की एक उत्तम कला है, जिसमें श्रीराम के आदर्श चरित्र के माध्यम से नैतिक आचरण, सहनशीलता, सत्यनिष्ठा एवं आत्मबल जैसे जीवन मूल्यों का संदेश समाहित रहा।


संस्कृत विभाग के अध्यक्ष डॉ. रोहतास और संत शिरोमणि गुरु रविदास शोध पीठ के प्रभारी डॉ. राकेश कुमार ने बताया था कि यह व्याख्यान विद्यार्थियों, शोधार्थियों एवं आम नागरिकों को वाल्मीकि रामायण की प्रासंगिकता से अवगत कराने के उद्देश्य से आयोजित किया गया है। उन्होंने कहा कि महर्षि वाल्मीकि जी द्वारा वर्णित प्रसंग आज भी समाज को दिशा देने में सक्षम हैं। इस प्रकार के आयोजन आज के युवाओं को न केवल अपने सांस्कृतिक गौरव से जोड़ते हैँ, बल्कि उनके व्यक्तित्व विकास में भी सहायक सिद्ध होते हैँ।


डॉ. रोहतास ने विश्वविद्यालय प्रशासन से इस व्याख्यान के सफल आयोजन हेतु औपचारिक अनुमति प्रदान करने का अनुरोध किया था। उन्होंने आशा व्यक्त की थी कि प्रशासन इस प्रयास को भारतीय सांस्कृतिक विरासत के प्रचार-प्रसार की दिशा में एक सार्थक पहल मानते हुए शीघ्र स्वीकृति प्रदान करेगा। इस प्रकार का आयोजन विद्यार्थियों को भारत की प्राचीन ज्ञान परंपरा से जोड़ने के साथ-साथ उन्हें नैतिकता और मानवीय मूल्यों के प्रति जागरूक करने की दिशा में एक प्रेरणास्रोत सिद्ध होगा। 

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