सहकारिता मंत्री के आवास पर गरजे पैक्स कर्मचारी
mahendra india new delhi
महासंघ के फैसले अनुसार प्रदेशभर के पक्स कर्मचारियों ने गोहाना स्थित सहकारिता मंत्री आवास का घेराव किया। राज्य महासचिव भगवंत शर्मा ने बताया कि प्रदेशभर से हजारों की संख्या में कर्मचारी गोहाना के ताऊ देवीलाल स्टेडियम में इकड्डे हुए। सभी इकट्ठे होने के बाद पूरे गोहाना में नारेबाजी करते हुए सहकारिता मंत्री आवास का घेराव करने पहुंचे, लेकिन शासन व प्रशासन ने बैरिकेट लगाकर कर्मचारियों को रोक दिया।
लम्बे समय तक शासन व प्रशासन के बीच बातचीत चलती रही व नारेबाजी होती रही। आखिर में मंत्री के निजी सहायक सुनील व शासन प्रशासन के अधिकारियों के बीच-बचाव के बाद शाम को लिखित रूप में समझौता हुआ की मंत्री की अध्यक्षता में सचिव सहकारिता विभाग, रजिस्ट्रार सहकारी समिति पंचकूला व हरको बैंक एमडी के साथ बैठक 23 दिसंबर 2025 को लिखित रूप में बैठक निर्धारित की गई।
उसके बाद राज्य कमेटी सदस्य देविंदर राणा, अमृतलाल नैन, भगवंत शर्मा, सुरजीत सिंह, फुला राम, सुखवीर पंचकूला, अनिल तुषीर सोनीपत ने मिलकर महासंघ की रणनीति अनुसार फैसला लिया की 22, 23 दिसम्बर को जिला सहकारी बैंक के दो दिन प्रदर्शन होगा। अगर 23 दिसम्बर की बैठक में कोई ठोस आश्वासन या तथ्य मांग बारे नहीं मिला तो उसके बाद अगली कड़ी में 29, 30, 31 दिसंबर तीन दिन पैक्स स्तर पर कलम छोड़ हड़ताल जारी रहेगी। फिर भी मांग व मुद्दों का हल नहीं निकलता है तो उसके बाद राज्य कमेटी की बैठक बुलाकर अगला फैसला कड़ा व बड़ा लिया जायेगा।
उन्होंने बताया कि पैक्स कर्मचारी महासंघ हरियाणा लम्बे समय से वेतनमान खामी, पदोनत्ति व पिछले 12 वर्षों से किसानों के पैक्सों से नए हद कर्जे न बनाना, पैक्सों में नियुक्त कच्चे कर्मचारियों को नियमित करने बारे या तब तक कौशल के सामान नियम लागू बारे, ग्रेचुटी सीमा 20 लाख करना, मेडिकल सुविधा में परिवार शामिल करना करना आधी मांगों को लेकर महासंघ लम्बे समय से आंदोलन कर रहा है।
इन आंदोलन की बदौलत मुख्यमंत्री हरियाणा द्वारा 2019 में वेतनखामी आदेश जारी करने बारे घोषणा की गई थी, लेकिन आज 5 वर्ष बीत जाने के बाद भी आदेश लंबित है। 2019 की घोषणा के बाद लगभग 70 प्रतिशत कर्मचारी सेवानिवृत हो चुके हैं, जिससे कर्मचारियों में भारी रोष है। इस रोष को देखते हुए महासंघ ने कड़ा फैसला लेते हुए पहले चरण में सहकारिता दिवस के बहिष्कार का फैसला लिया, जोकि सफल रहा। विभाग के साथ बैठक हुई, लेकिन आश्वासन के अलावा कुछ हासिल नहीं हुआ।
