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पीएम मोदी ने पहले डमरू बजाया फिर शंख भी बजाया, पार्वतीकुंड स्थित मंदिर में पूरे विधिविधान से पीएम ने की पूजा

कैलाश धाम के दर्शन के लिए चीन के कब्जे वाले तिब्बत जाने की जरूरत नहीं होगी
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 कैलाश धाम के दर्शन के लिए चीन के कब्जे वाले तिब्बत जाने की जरूरत नहीं होगी

mahendra india news, new delhi
उत्तराखंड में पिथौरागढ़ स्थित पार्वतीकुंड स्थित मंदिर में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूरे विधिविधान से पूजा की। इस दौरान प्रधानमंत्री दंडवत हुए, डमरू बजाया, फिर शंख बजाया। पीएम ने कैलाश व्यू पॉइंट से आदि कैलाश के दर्शन किए। 

आपको बता दें कि यह व्यू पॉइंट जोलिंगकोंग एरिया में है जहां से कैलाश पर्वत साफ नजर आता है। यानी अब कैलाश धाम के दर्शन के लिए चीन के कब्जे वाले तिब्बत जाने की जरूरत नहीं होगी। इसके साथ ही पीएम ने पार्वती कुंड में पूजा-अर्चना की।

आपको बता दें कि यहां से बीस  किलोमीटर दूर चीन की सीमा शुरू हो जाती है। पीएम नरेंद्र मोदी देश के पहले प्रधानमत्री हैं, जिन्होंने उत्तराखंड से लगी भारत-चीन सीमा पर आदि कैलाश पर्वत का दर्शन किया। 

यहां पर प्रधानमंत्री मोदी ने शंख बजाकर भक्ति के तारों को जोड़ा और सभी ईश्वरीय शक्तियों का आह्वान किया, यहां बड़े यात्री निवास, होटल बनेंगे। इसी धाम के आस-पास और पूरे स्थानों पर इंडियन टेलीकॉम कंपनियों का नेटवर्क मिलेगा गांव में होम स्टे बढ़ाए जाएंगे।


यह क्षेत्र पूरी तरह से धार्मिक तीर्थाटन के अनुरूप तैयार हो जाएगा। प्रधानमंत्री शिवभक्ति. अभी नवरात्रि आने वाले हैं. शक्ति उपासना के पर्व में भी प्रधानमंत्री मोदी अपने व्यस्त कार्यक्रमों के बीच साधनारत रहेंगे। इस पवित्र क्षेत्र के आस-पास रहने वालों से भी पीएम मोदी ने मुलाकात की। यह क्षेत्र अगले दो वर्ष में बड़े धर्म नगर शिव धाम के रूप में विकसित हो जाएगा। यहां पर कैलाश व्यू प्वाइंट, ओम पर्वत और आदि कैलाश के दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं का धारचूला के बाद यही सबसे बड़ा और अहम पड़ाव होगा।

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 भगवान के सामने मस्तिस्क पर टीका लगवाने से सौभाग्य की प्राप्ति होती है,  वैदिक मंत्र में लिखा है- ॐ चन्दनस्य महत्पुण्यं पवित्रं पापनाशनम, आपदां हरते नित्यं लक्ष्मी: तिष्ठति सर्वदा।