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पूरन मुद्गल आख्यान माला-5 आयोजित: सच्चाई की बजाय सुविधानुसार हो रहा है इतिहास का प्रयोग: डीन पंकज शर्मा

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Puran Mudgal Narrative Series-5 organized: History is being used as per convenience instead of truth: Dean Pankaj Sharma
mahendra india news, new delhi

हरियाणा के सिरसा में भगत सिंह संस्थान सिरसा द्वारा पूरन मुद्गल स्मृति आख्यान माला-5 का आयोजन स्थानीय पटवार में आयोजित किया गया। कार्यक्रम में चौधरी देवीलाला विश्वविद्यालय के मानविकी विभाग के डीन पंकज शर्मा ने आ यान माला की 5वीं कड़ी के रूप में उत्त्तर यर्थाथवादी की नजर में इतिहास समालोचना विषय पर अपने विचार रखे। 


उन्होंने कहा कि वर्तमान में इतिहास के साथ छेड़छाड़ हो रही है। कहीं इसके पुनलेखन की कोशिशें भी हो रही है। इतिहास सच्चाई की जगह सुविधा के अनुसार प्रयोग किया जा रहा है। इसके गंभीर परिणाम हो सकते हंै। कार्यक्रम की शुरूआत में संस्थान के कोषाध्यक्ष इंद्रजीत सेतिया ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि भगत सिंह के 100वें जन्मदिवस पर संस्थान की स्थापना हुई और इसके द्वारा भगत सिंह के विचारों का प्रचार-प्रसार व मेधावी किंतु साधनहीन विद्यार्थियों को छात्रवृत्त्ति का कार्य अनवरत रूप से किया था। विगत वर्षों में 500 से अधिक विद्यार्थियों को बीस लाख की राशि वितरित की जा चुकी है। भगत सिंह की पुस्तकें, फिल्म आदि को प्रकाशित एवं प्रदर्शित किया गया है। सुरेश बर्नवाल ने बताया कि कार्यक्रम में मु यअतिथि के रूप में वरिष्ठ नेत्र रोग विशेषज्ञ डा. प्रवीन अरोड़ा, शील कौशिक साहित्यकार, अध्यक्ष रमेश गोयल, जलस्टार एवं आयकर वं संस्थान के उपप्रधान घनश्याम मेहता ने शिरकत की।

पूरन मुद्गल ने मेरी नजर में इस श्रृंखला की कड़ी के रूप में शील कौशिक ने अपने उद्गार प्रकट किए। उन्होंने न केवल उनके साथ व्यतीत किए समय को याद किया, बल्कि साहित्यिक अवदान पर भी विस्तार से अपनी बात रखी। नरेंद्र ग्रोवर की गीत प्रस्तुति व हिसार से पधारे भारत भूषण के निष्कर्ष विशेष आकर्षण का केंद्र रहे। मु यातिथि डा. प्रवीन अरोड़ा ने कहा कि वे आरंभ से ही संस्थान से जुड़े हैं। शिक्षा व भगत सिंह की महत्त्ता को गतिशील बनाए रखने में संस्थान का प्रयास सराहनीय है। प्रो. हरभगवान चावला ने पूरन मुद्गल की कविता का पाठ किया। अध्यक्षीय भाषण में रमेश गोयल ने कहा कि मैं सौभाग्यशाली हूं कि मैं संस्थान के संस्थापक पूरन मुद्गल का शिष्य रहा हूं। मुझे कर्तव्यनिष्ठ बनाने में उनका विशेष योगदान है। मंच संचालन विशाल वत्स ने किया। इस मौके पर हिसार से मिड टाऊन ग्रांड के संचालक राकेश अग्रवाल अपनी धर्मपत्नी कविता के साथ पहुंचे।

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इस अवसर पर डा. शमीम शर्मा, भारत भूषण प्रधान, अजीज प्रधान पधारे। सिरसा से हरभगवान चावला, परमानंद शास्त्री, हरविंद्र सिंह, प्रो. रूप देवगुण, राजकुमार निजात, सीमा वत्स, ज्योति सेतिया, विशेष वशिष्ठ, सुरूचि, सुनीता शर्मा, हरीश सेठी, सुरेश शालिहास, मेजर शक्तिराज कौशिक, बृजेश मिश्रा, शिवराज पुरी, रमेश साहुवाला, प्रवीण मिगलानी, संगीता ग्रोवर, एडवोकेट कपिल बामनिया, सुरजीत सिरड़ी सहित, राजेश अरोड़ा, दिल्ली से विपुल शर्मा, भूमिका सहित अनेक साहित्यकार व गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।