आजादी के लिए क्रांति वीरों ने त्याग, बलिदानों की ऐतिहासिक गाथाएं रची: स्वामी प्रेम प्रकाशानंद

mahendra india news, new delhi
जो शहीद हुए हैं, उनकी जरा याद करो कुर्बानी...दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान की ओर से शनिवार संध्या फेरी कारगिल युद्ध के शहीदों को समर्पित की गई। आज की संध्या फेरी श्री राधा कृष्ण मंदिर चोपड़ा वाली गली से प्रारंभ की गई। इस श्रृंखला की यह सातवीं संध्या फेरी निकाली गई। रोजाना की तरह संध्या फेरी का आरंभ प्रभु के पूजन और नारियल फोड़ कर किया गया। प्रभु भक्तों ने प्रभु का गुणगान किया।
आज दिव्या ज्योति जाग्रति संस्थान के प्रवक्ता स्वामी प्रेम प्रकाशानंद ने बताया कि आशुतोष महाराज का कहना है कि क्रांति या आंदोलन कब हुआ था, जब भारत अंग्रेजों की दास्तान में जकड़ा हुआ था। उस समय के क्रांति वीरों ने त्याग, बलिदानों की ऐतिहासिक गाथाएं रची थी।
ब्रिटिश पार्लियामेंट हाउस ऑफ कॉमर्स के रिकाड्र्स बताते हैं कि एक-दो बलिदानों के बाद हमें आजादी नहीं मिली। शहीद भगत सिंह, चंद्र शेखर आजाद, सुभाष चंद्र बोस, रानी लक्ष्मीबाई, उधम सिंह, तात्या टोपे ऐसे लगभग लाखों क्रांति वीरों ने स्वतंत्रता की वेदी पर शहीदी दी थी। यही नहीं उस समय की जो आम जनता, वीर, वीरांगनाओं ने कंधे से कंधा मिलाकर साथ दिया और मां भारती के चरणों में अपने प्राणों के फूल चढ़ा दिए। उनकी संख्या तो करोड़ों में बताई जाती है। इतनी बड़ी कीमत देकर हमें आजादी मिली है।
इस आजादी को हम सभी संभाल कर रखें, इसकी बहुत बड़ी कीमत अदा की है, हमारे पूर्वजों ने। आज भी हमारे वीर जवान देश की सरहदों की दिन-रात रक्षा कर रहे हैं, ताकि हम अपने घरों के अंदर चैन के साथ सो सके। इसलिए उन वीरों को हमारा कोटि-कोटि नमन है। ऐसे ही देश भक्ति से ओत प्रोत प्रसंग को लेकर हमारे बीच आशुतोष महाराज की शिष्या साध्वी कालिंदी भारती पधार रही है। आप सभी शहारवासी इस कथा में आमंत्रित हैं। इस संध्या फेरी का समापन प्रभु की पावन आरती से किया गया।