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किसानों की मांगों को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा, हरियाणा ने सीएम के नाम सौंपा ज्ञापन

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Samyukt Kisan Morcha, Haryana submitted a memorandum to the CM regarding the demands of the farmers

mahendra india news, new delhi
सिरसा। प्रदेश के किसानों के मुद्दों के समाधान को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा हरियाणा की तरफ  से धरना देते हुए उपायुक्त को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा गया। अखिल भारतीय किसान सभा, हरियाणा किसान मंच, राष्ट्रीय किसान मंच, बीकेयू एकता उग्राहां, पगड़ी सम्भाल जट्टा इत्यादि किसान संगठनों से डा. सुखदेव सिंह जम्मू, भजन लाल बाजेकां, इकबाल नेजा डेला कलां, तिलक राज विनायक, बाबा गुरदीप सिंह झिड़ी, नायब सिंह नंबरदार, लखा सिंह अलीकां, कुलदीप सिंह सुखचैन, रघुबीर सिंह नकोड़ा, भोला सिंह, सुरेंद्र हैबुआना


ने बताया कि आज प्रदेश भर में सरकार की कुनीतियों के कारण किसान आक्रोषित है। अगर जल्द किसानों की समस्याओं का समाधान नहीं किया गया तो आने वाले समय में संयुक्त किसान मोर्चा बड़े आंदोलन को मजबूर होगा और उसके लिए सरकार एवं प्रशासन जिम्मेदार होगा।


ये है किसानों की मुख्य मांगें:
अत्यधिक बारिश, जलभराव/बाढ़ से बर्बाद हुई खरीफ -2025 की फसलों का मुआवजा, बोनी जीरी और वायरस से संक्रमित फसल का भी मुआवजा दिया जाए। साथ ही बाढ़ से हुए आर्थिक और मानवीय नुकसान का मुआवजा भी जारी किया जाए। 2023 की बाढ़ से टूटी हुई सडक़ों को पहल के आधार पर बनाया जाए।
जिन गावों में जलभराव की समस्या है, उनके लिए विशेष बजट जारी करते हुए पानी की निकासी के स्थाई प्रबंध किए जाएं। इसके साथ बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों/इलाकों में बाढ़ की तबाही से बचाने के लिए मास्टर प्लान तैयार किया जाएं और समयबद्ध ढंग से इन इलाकों में लागू किया जाएं। धान की फसल में हुई किसानों की लूट/बाहर से आने वाले धान की उच्च स्तरीय जांच करवाई जाए। खरीफ  फसलों पर किसानों को सरकार द्वारा घोषित एमएसपी भी न मिलने से किसानों को हुए नुकसान की भरपाई के लिए किसानों को आर्थिक मदद/बोनस आदि दिया जाए। धान की फसल में नमी प्रतिशत को 17 प्रतिशत की बजाय 22 प्रतिशत किया जाए।

पिछले समय के प्रदेश के कई जिलों के बारिश, ओलावृष्टि, जलभराव, पाले, आगजनी आदि के लंबित मुआवजे जारी किए जाएं। जैसे रबी 2023-खरीफ  2023, रबी 2024 आदि। बीमा कंपनियों की मनमानी पर रोक लगाई जाएं, जैसे गांव को इकाई मानने की शर्तें हटे। अभी खरीफ -2025 की फसलों में कई जिलों में बीमा कम्पनियों द्वारा बीमा क्लेम किसानों को ना देना ना पड़े इसके लिए गांवों पर लगाए गए ऑब्जेक्शन हटाएं जाएं। साथ ही प्राइवेट बीमा कंपनियों की बजाय सरकारी कंपनियों को फसल बीमा योजना में जोड़ा जाएं। खाद की कालाबाजरी पर रोक लगाई जाए। किसानों को खाद देने के लिए शुरू किए गए पोर्टल/ऑनलाइन आदि की शर्त को हटाया जाए। किसानों को पर्याप्त मात्रा में खाद उपलब्ध करवाई जाएं। खाद के साथ जबरन नैनों, जिंक एसल्फर, बीज जैसे अन्य सामग्री साथ देने वाले विक्रेताओं के खिलाफ सख्त कानून कार्यवाही की जाएं और इसकी जांच के लिए अनुरूनी प्रशासनिक टीमों का गठन किया जाएं। भिवानी-दादरी जिले का खरीफ 2023 का बकाया 350 करोड़ एऔर रबी 2023 के 85 करोड़ का बकाया बीमा क्लेम किसानों को दिलाया जाएं। दोनों जिलों में धरने पर बैठे किसानों की अन्य मांगों का समाधान किया जाएं। अन्य जिलों के लंबित बीमा क्लेम भी जारी किए जाए। रोजका मेव के 9 गांवों की आई एम टी सोहना में हुई जमीन अधिग्रहण के मामले में  धरने पर बैठे किसानों की धोखे से करवाए गए एग्रीमेंट को रद्द करने समेत अन्य मुद्दों को हल किया जाए।

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पराली के नाम पर किसानों पर बनाए जा रहे मुकदमे रद्द किए जाएं। पराली प्रबंध का जिम्मा या तो सरकार ले अन्यथा किसानों को 200 रुपए प्रति क्विंटल/7000 प्रति एकड़ का खर्चा किसानों को दिया जाए। किसानों का पिछले साल और इस वर्ष का पराली प्रबंधन का 1200 रुपए प्रति एकड़ और धान के सीधी बिजाई (डीएसआर) का बकाया 4500 रुपए प्रति एकड़ जो बकाया है, वो जल्द दिया जाए। प्रदेश भर में रोके गए मनरेगा के काम को शुरू किया जाए। मनरेगा मजदूरों की दिहाड़ी और दिनों को बढ़ाया जाए। प्रदेश के किसानों और मजदूरों को कर्जा मुक्त करो। भूमि अधिग्रहण, पुनर्वास और पुन:स्थापन (हरियाणा संशोधन) विधेयक, 2021 को रद्द किया जाएं और केंद्र के 2013 के कानून में किसानों के हितों के प्रावधानों को जोड़ कर लागू किया जाएं। आवारा पशुओं की समस्या पर रोक लगाई जाएं। पशु मेले खोले जाए। बिजली के लंबित ट्यूबवेल कनेक्शन जल्द जारी किए जाएं। बिजली बिल 2025 और स्मार्ट मीटर योजना को रद्द किया जाएं। गन्ने का रेट बढ़ाया जाए और बकाया पेमेंट जारी की जाए। सहकारी समितियों में नए एमसीएल बनाए जाएं। सभी किसानों और खेत मजदूरों को पेंशन दो।


बढ़ते नशे पर रोक लगाई जाए। कालांवाली क्षेत्र के गांवों मे हाल ही में हुई ओलावृष्टि व आंधी तूफ़ान के कारण बिजली आपूर्ति में आई बाधा को ठीक किया जाए और इससे खराब हुई फसलों की स्पेशल गिरदावरी करवाकर मुआवजा दिया जाए। सरकार द्वारा किसानों को पराली प्रबंधन व धान की सीधी बिजाई की सहायता राशि जो सरकार द्वारा घोषित की गयी है, वो गत वर्ष व इस वर्ष की किसानों के खातों में भेजी जाए।