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आईपीएस अधिकारी की मौत पर अजा संगठनों ने किया प्रदर्शन, राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपकर की उचित कार्रवाई की मांग

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SC organizations protested against the death of an IPS officer, submitted a memorandum to the Governor and demanded appropriate action

 mahendra india news, new delhi
सिरसा। हरियाणा प्रदेश के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी वाई. पूरन कुमार की आत्महत्या प्रकरण की चण्डीगढ़ में दर्ज हुई एफ.आई.आर. में दिए गए दोषियों को तुरन्त प्रभाव से निलम्बित कर उन्हें गिफ्तार करने तथा निष्पक्ष एवं उच्चस्तरीय जांच करवाने को लेकर जिलेभर के अनुसूचित जाति से संंबंधित संगठनों ने लघु सचिवालय में प्रदर्शन किया और अधिकारियों को राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन की कॉपी महामहिम राज्यपाल पंजाब सरकार, पंजाब राज भवन चण्ड़ीगढ़, मुख्य मंत्री, पंजाब सरकार, राष्ट्रीय अध्यक्ष, राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग, मुख्य न्यायाधीश सर्वोच्च न्यायालय नई दिल्ली को भी प्रेषित की गई है।


अखिल भारतीय चमार समाज महासभा सिरसा, बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर सभा सिरसा, संत शिरोमणि गुरु रविदास सभा, डा. भीमराव अम्बेडकर कल्याण संघ रानियां, भीम आर्मी सिरसा, जनता अधिकार मोर्चा, भारत मुक्ति मोर्चा, हजरस, वाल्मीकि सभा, ऑल इंडिया मजहबी सिख वेलफेयर एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने बताया कि 7 अक्टूबर 2025 को हरियाणा कैडर के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी वाई. पूरन कुमार जी द्वारा चंडीगढ़ स्थित अपने सरकारी आवास में संस्थागत हत्या होने की घटना ने पूरे प्रशासनिक तंत्र और पूरे अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति व पिछड़ी वर्ग के साथ साथ अल्पसंख्यक समाज को बहुत ही गंभीर रूप से व्यथित किया है।

यह शर्मनाक घटना केवल एक व्यक्तिगत त्रासदी ही नहीं, अपितू हमारे प्रशासनिक ढांचे में व्याप्त मानसिक एवं जातिगत उत्पीडऩ की चिंताजनक स्थिति का संकेत है। सूत्रों के अनुसार, उनके सुसाइड नोट में व्यक्त विचार प्रशासनिक तंत्र में उच्चस्तर पर बैठे अधिकारियों की कार्यप्रणाली में व्याप्त जातिवाद तथा उससे जुड़ी जातिवादी घृणा से किए कार्य जा रहे उत्पीडऩ की मौजूद गहरी समस्याओं की ओर इशारा करते हैं। इससे भी बढक़र शर्मनाक बात तो हरियाणा सरकार की कार्यशैली पर भी गंभीर प्रश्नचिन्ह लगता है कि किस प्रकार इस सरकार ने एक वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी परिनिबुत वाई. पूरन कुमार के पार्थिव शरीर को मरने के बाद भी अपमानित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। आज भी उनका पार्थिव शरीर न्याय की उम्मीद में चण्डीगढ़ में मोर्चरी में वर्तमान सरकार को दुहाई दे रहा है। जब परिनिबुत वाई. पूरन कुमार के परिवार तथा हरियाणा राज्य के समस्त अनुसूचित जातियों के संगठनों व न्यायप्रिय वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों के अनुरोध को दरकिनार करते हुए दोषियों पर कोई कार्यवाही नहीं करते हुए अपनी दलित विरोधी मानसिकता का ेपरिचय देने का कार्य कर रही है। सभा इस ज्ञापन के माध्यम से निवेदन करती है

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कि सर्वप्रथम तो वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी परिनिबुत वाई. पूरन कुमार के सुनियोजित संस्थागत हत्यारे शत्रुजीत सिंह कपूर डी.जी.पी. हरियाणा व नरेन्द्र बिजराणिया एस.पी. को तुरन्त प्रभाव से कं्रमश: डिसमिस तथा निलम्बित कर उन्हे गिफ्तार किया जाए, क्योंकि यह प्रभावशाली दोषी तथ्यों के साथ छेड़छाड़ करके जांच को प्रभावित कर सकते हैं। इसके साथ-साथ परिनिबुत वाई. पूरन कुमार के फाइनल नोट में उजागर किए गए दोषियों के विरूद्ध भी कड़ी कानूनी कार्यवाही अतिशीघ्र की जाए। यह मामला न केवल हरियाणा राज्य, बल्कि पूरे देश की प्रतिष्ठा एवं संवैधानिक मूल्यों से जुड़ा है। इसलिए यह अत्यावश्यक है कि इस संवेदनशील मामले में त्वरित, पारदर्शी एवं उच्चस्तरीय जांच की जाए, ताकि सत्य उजागर हो और न्याय सुनिश्चित हो सके।

इस मौके पर हंसराज, अजय पातलान, मोहनलाल, रामदास, भूषण बरोड़, रविन्द्र बाल्याण, करनैल सिंह औढ़ां, सतपाल गौड़, सुनील नागवंशी, सुरेश रंगा, सुरेश चौहान, संदीप रंगरेटा, शिमला देवी, सरोज मानव, विद्या बौद्ध भगवान दास, हनुमान सिंह, बलदेव मराड़, रामचन्द्र पनिहारी, कश्मीर मुंडे, बलवंतसिंह, जसबीर बागड़ी, हंसराज बौद्ध, योगेश ढोसीवाल उपस्थित थे।