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सिरसा की तारा बाबा कुटिया में शिवमहापुराण कथा 25 फरवरी से, कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा सीहोर वाले करेंगे कथा-प्रवचन

अपनी देखरेख में गोबिंद कांडा दिन-रात कुटिया में करवा रहे हैं जीर्णोद्धार और निर्माण कार्य
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अपनी देखरेख में गोबिंद कांडा दिन-रात कुटिया में करवा रहे हैं जीर्णोद्धार और निर्माण कार्य

mahendra india news, new delhi

हरियाणा के SIRSA में स्थित श्रीतारा बाबा कुटिया में महाशिवरात्रि के उपलक्ष्य में श्री बाबा तारा जी चेरिटेबल ट्रस्ट SIRSA की ओर से 25 फरवरी से दो मार्च में महाशिवपुराण कथा का  आयोजन किया जाएगा। कथा प्रतिदिन बाद दोपहर 2 बजे से शाम 5 बजे तक आयोजित की जाएगी। विश्व विख्यात कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा सीहोर वाले कथा-प्रवचन करेंंगे। कुटिया में विख्यात कथा वाचक, विश्व विख्यात भजन गायक भक्तिरस से श्रद्धालुओं को अनेक बार सराबोर कर चुके है।


आपको बता दें कि बालीवुड के बड़े बड़े फित्म सितारे यहां आ चुके हैं। फिल्म अभिनेत्री एवं सांसद हेमामालिनी और जयाप्रदा  शिव नाटिका प्रस्तुत कर चुकी हैं। इस बार भी कुटिया में शिवमहापुराण कथा को लेकर एक ओर जहां जीर्णोद्धार चल रहा है वही कुछ  निर्माण कार्य युद्ध स्तर पर जारी है। जहां पर श्रद्धालुओं की आस्था एक नया कीर्तिमान स्थानित करेगी।

किसी भी स्थल की श्रेष्ठता और पवित्रता और उसका इतिहास वहां होने वाले धार्मिक और सामाजिक कार्यो और वहां के लोगों की रगों में बसे संस्कारों पर आधारित होती है। धार्मिक और सामाजिक कार्यो के क्षेत्र में  SIRSA की अपनी अलग ही पहचान होती है। सिरसा को धर्मनगरी भी कहा जाता है।  सिरसा को डेरों की भूमि है, चारो ओर कोई न कोई धार्मिक डेरा है जहां से आध्यात्म की खुश्बू और भक्तिरस की धारा प्रवाहित होती रहती है।  संतों, महात्माओंं, फकीरों और महापुरूषों की चरणरज से सिरसा की  भूमि पवित्र होती रही है। 

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आपको बता दें कि संतों का आशीर्वाद सदैव भक्तों पर  बना हुआ है। ऐसे ही संत है ब्रहमांडनायक, योगीराज ब्रह्मलीन शिवभक्त सदगुरू श्री बाबा तारा जी। जिनकी कृपा सदैव लोगों पर बनी रहती है। SIRSA के विधायक गोपाल कांडा और उनके अनुज गोबिंद कांडा ने श्री बाबा तारा की तप और कर्म स्थली को भव्यता प्रदान की है जिसे  श्री बाबा तारा जी की कुटिया  और श्री तारकेश्वर धाम कहा जाता है। श्री बाबा तारा जी की कुटिया आज विश्व में सिरसा की पहचान बन चुकी है। जूनापीठाधीश्वर आचार्य, महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरी महाराज के सांनिध्य में कुटिया परिसर में अति महारूद्र महायज्ञ का आयोजन हो चुका है, ऐसा माना जाता है विश्व में यह महायज्ञ पहली बार हुआ।

शिवमहापुराण कथा को लेकर तैयारियां जोरो पर
कुटिया में अब तक जितनी भी कथाएं हुई है उनमें से 25 फरवरी से 2 मार्च तक आयोजित होने वाली शिवमहापुराण कथा एक अलग ही कीर्तिमान स्थापित करेगी। इस बात का दावा कांडा बंधु ही नहीं हर श्रद्धालु कर रहा है, HARYANA में पहली बार धर्म नगरी SIRSA में पंडित प्रदीप मिश्रा जी कथा करेंगे। विश्वभर में उनके श्रद्धालुओं की संख्या करीब 10 करोड़ है। ऐसा माना जा रहा है कि सिरसा में भी कम से कम तीन लाख श्रद्धालु जुटेंगे। श्रद्धालुओं की इस अनुमानित संख्या को लेकर कुटिया में विधायक गोपाल कांंडा के निर्देशन में उनके अनुज वरिष्ठ भाजपा नेता गोबिंद कांडा तैयारियों की कमान संभाले हुए है। सत्संग हॉल को विस्तार दिया जा रहा है, जिसे डेढ़ लाख वर्ग फुट तक फैलाया जा रहा है। आसपास के पार्को में वाटरप्रूफ टैंट लगाए जा रहे हैं। कुटिया के आसपास,  खाली पड़ी भूमि और स्कूल परिसर में तंबुओं का शहर सा बसाया जाएगा। श्रद्धालुओं की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए दस हजार से अधिक गद्दे और इतने ही कंबल खरीदे गए हैं।

श्रद्धालुओं को न हो कोई परेशानी रखा जाएगा पूरा ध्यान
SIRSA कुटिया परिसर में करीब दो सौ शौचालयों, सैैकडों स्नानागार का निर्माण कार्य किया जा रहा है, पीने के पानी का ध्यान रखते हुए कुटिया परिसर में एक और टयूबवैल लगाया गया है, कुटिया में बिछी सीवर लाइन को उखाडक़र बडी लाइन बिछाई जा रही है। कुटिया परिसर की सडक़ों और गलियों की मरम्मत की जा रही है या उनक ा जीर्णोद्धार किया जा रहा है। संत निवास जहां पर कथा वाचक, संत विराजते है उसका जीर्णोद्धार युद्ध स्तर पर जारी है। एकांत में स्थित संत निवास को भव्यता प्रदान की जा रही है। जूताघर को विस्तार दिया जा रहा है, बिजली की लंडियों से पूरे कुटिया परिसर को सजाया गया है रात को कुटिया का श्रृंगार देखते ही बनता है। ये सभी प्रबंध गोबिंद कांडा की देखरेख में किए जा रहे हैं। इसके साथ ही एमडी पूनम सेठी व्यवस्था संभाले हुए हैं। दूसरी ओर गुफा का भी जीर्णोद्वार किया जा रहा है गुफा को पहले से अधिक भव्यता प्रदान की जा रही है, ओडिसा के मूर्तिकार इस कार्य में दिन रात लगे हुए हैं।

रसोईघर का किया जा रहा है विस्तार
SIRSA सत्संग स्थल के पीेछे स्थित रसोईघर का विस्तार किया जा रहा है। बाहर से आने वाले करीब 25 हजार श्रद्धालु ऐसे होंगे जो सातों दिन सिरसा में रहेंगे और कथा श्रवण करेंगे। उनको ध्यान में रखते हुए रसोईघर में सुबह-शाम 26 हजार श्रद्धालुओं के लिए खाना तैयार किया जाएगा, उनके नाश्ते और चाय-पानी का भी प्रबंध किया जाएगा। इसके लिए भी श्रद्धालुओं के बैठने की अलग से व्यवस्था की जा रही है। इतना ही नहीं कथा के दौरान सातों दिन एंंबूलेंस और दमकल की गाडियां तैनात रहेगी। सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए जाएंगे। पुलिस बल के साथ साथ निजी सुरक्षाकर्मी भी तैनात रखे जाएंगे।

कुटिया से दूर बनाया जाएगा पार्किंग स्थल
श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए SIRSA कुटिया से दूर पार्किंग स्थल बनाया जाएगा, यातायात नियंत्रण को लेकर सडक़ पर चप्पे चप्पे पर सेवादार तैना किए जाएंगे जो यातायात पुलिस की मदद करते रहेंगे। कम से कम तीन चार स्थानों पर पार्किंग स्थल बनाए जाएंगे। सडक़ों पर और कुटिया परिसर में बैरीकेड्स लगाए जाएंगें जिनका निर्माण कार्य भी कुटिया में युद्ध स्तर पर किया जा रहा है।

श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए लगाई जाएंगी 75 बड़ी स्क्रीन
श्रद्धालुओं के बैठने की व्यवस्था अलग अलग की जाएगी। मुख्य पंडाल और आसपास बनाए गए पंडाल तथा कुटिया परिसर में अलग अलग स्थानों पर करीब 75 बड़ी स्क्रीन लगाई जाएंगी ताकि श्रद्धालु बिना किसी परेशान के कथा श्रवण कर सके। हर बड़े पंडाल में ये व्यवस्था की जा रही है।

कुटिया में जो  श्रद्धालु पहली बार आता है वह बाद में बार-बार आता है
कुटिया में  मुख्य आकर्षण का केंद्र 108 फु ट ऊंची खड़ी विश्व की पहली शिव प्रतिमा है शिवालय, नंदीश्वर और गुफा हैं। शिवालय 71 फुट ऊंचा है, जहां पर स्थापित शिवलिंग महाराजा विक्रमादित्य की राजधानी उज्जैन से लाया गया है। जिसका उदगम स्थल नंदेश्वर ओंकारेश्वर से नर्मदा नदी है। यह त्रिशूल युक्त शिवलिंग है। भगवान शिव की सवारी नंदी के लिए बड़ा प्लेटफार्म बना हुआ है जिस पर नंदी महाराज विराजमान है।  भगवान शिव की प्रतिमा का निर्माण पिलानी के प्रख्यात मूर्तिकार मातूराम द्वारा बनाया गया है। इस पर तांबा की पालिश है। मूर्ति के तिलक, नाभी, कुंडल, कड़े सोने के है। इसके साथ ही पांच हजार फुट लंबी गुफा बनी हुई है। जिसमें श्री बाबा तारा जी के जीवन से जुड़ी झांकियां है, बाबा अमरनाथ बर्फानी है तो साथ ही 12 ज्योर्तिलिंग है। बाहर समुंद्र मंथन का दृश्य है। गुफा के प्रवेश द्वार पर भगवान शिव और हनुमान जी की विशाल प्रतिमा है।