सिरसा के DC शांतनु शर्मा, सिरसा एसपी दीपक सहारण व डबवाली एसपी निकिता खट्टर ने मीडिया से किया संवाद
Sirsa DC Shantanu Sharma, Sirsa SP Deepak Saharan and Dabwali SP Nikita Khattar interacted with the media
Mahendra india news, new delhi
भारत सरकार के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के प्रैस इंफोरमेशन ब्यूरो, चंडीगढ़ द्वारा वीरवार को हरियाणा के सिरसा में वंदे मातरम की 150वीं वर्षगांठ को समर्पित मीडिया कार्यशाला ‘वार्ता’ का आयोजन किया गया। कार्यशाला में नशा उन्मूलन, पर्यावरण संरक्षण और समाज में मीडिया की भूमिका आदि विषयों पर चर्चा की गई। इसका उद्देश्य इन विषयों पर विभिन्न आयामों पर सरकार और चौथे स्तंभ के बीच सार्थक संवाद और विचारों के उपयोगी आदान-प्रदान को बढ़ावा देना था। जिला प्रशासन की ओर से इस मीडिया कार्यशाला में उपायुक्त शांतनु शर्मा, पुलिस अधीक्षक सिरसा दीपक सहारण, पुलिस अधीक्षक डबवाली निकिता खट्टर सहित जिला प्रशासन के अधिकारी मौजूद रहे।

कार्यशाला में उपायुक्त शांतनु शर्मा ने कहा कि मीडिया की सकारात्मक भूमिका एवं किसानों और औद्योगिक संस्थानों के योगदान से अबकी बार पराली जलाने की घटनाओं में पिछले वर्ष के मुकाबले काफी कमी आई है। विभाग और किसानों के बीच में बेहतर सामंजस्य स्थापित हुआ है।
प्रशासन द्वारा विभिन्न मुहिम चलाकर पर्यावरण से संबंधित लोगों को जागरूक किया गया। सभी के सामूहिक प्रयासों से जिला में पराली जलाने की घटना में कमी आई है और फसल अवशेष प्रबंधन को लेकर कृषि विभाग द्वारा किसानों को जागरूक किया गया है। उन्होंने कहा कि नशे के प्रति जनता में जागरूकता लाने में मीडिया महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकता है। उन्होंने कहा कि आजकल नशा सभी के लिए एक चिंता का विषय है, इसके समाधान के लिए प्रशासन के साथ-साथ लोगों को भी अपनी सहभागिता निभाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि इसकी रोकथाम के लिए जिला प्रशासन द्वारा दवाइयों की दुकानों पर समय-समय पर चेकिंग की जाती है और कड़ी कार्रवाई की जा रही है।
सिरसा पुलिस अधीक्षक दीपक सहारण ने कहा कि मीडिया को संवेदनशीलता अपनाते हुए सही तथ्यों पर आधारित समाचारों को प्रस्तुत किया जाना चाहिए। मीडिया सकारात्मक समाचारों को भी प्राथमिकता से प्रदर्शित करें। यदि लोगों में यह बात प्रभावी ढंग से पहुंचाई जाए कि नशा से निजात पाई जा सकती है, जिससे नशे से ग्रस्त लोगों को मुख्यधारा में आने में सहायता मिलेगी। नशा पीडि़तों को नशा मुक्ति केंद्रों में जाने के लिए प्रेरित किया जा सकता है। इस मौके पर उन्होंने किसानों से अपील की कि वे सर्दी के मौसम में धुंध के दौरान अपने ट्रेक्टर-ट्रॉली पर रिफ्लेक्टर अवश्य लगवाएं, जिससे सडक़ दुर्घटनाओं से बचने में सहायता मिले।
डबवाली पुलिस अधीक्षक निकिता खट्टर ने कहा कि सीमावर्ती क्षेत्रों में नशा केवल एक अपराध नहीं है, बल्कि यह एक गहरी सामाजिक साजिश है जो परिवारों को तोड़ती और युवाओं के भविष्य को बर्बाद कर देती है। तस्करी का नेटवर्क अत्यंत संगठित है और समय-समय पर अपनी रणनीतियां बदलता रहता है, इसलिए केवल प्रशासन के प्रयास से नहीं बल्कि समाज के हर हिस्से को जागरूक होकर सहयोग करना होगा। उन्होंने कहा कि पत्रकार की भूमिका सिर्फ घटनाओं की रिपोर्टिंग तक सीमित नहीं रहनी चाहिए बल्कि पत्रकार समाज को नशे के खिलाफ जागरूक करने में अहम योगदान दें। उन्होंने कहा कि नशा अक्सर अंधेरे में पनपता है और पत्रकारिता का प्रकाश उसे कम करने में सहायक होता है। इसलिए समाचार प्रस्तुत करते समय सनसनीखेज से बचना चाहिए और तथ्यपरक, संवेदनशील तथा जवाबदेह भाषा का प्रयोग किया जाना चाहिए, नशे को मनोरंजन या मामूली विषय न बनाकर उसे अपराध एवं सामाजिक समस्या के रूप में प्रस्तुत किया जाना चाहिए।
इससे पहले, पीआईबी चंडीगढ़ के मीडिया एवं संचार अधिकारी अहमद खान ने वार्ता के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि वार्ता जन कल्याण योजनाओं को मीडिया के माध्यम से लोगों तक पहुंचाने का सार्थक प्रयास है। उन्होंने वर्कशॉप के दौरान सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के विभिन्न विभागों एवं इकाइयों के कामकाज पर प्रस्तुतिकरण दिया। श्री खान ने कार्यक्रम का संचालन किया और प्रशासन और मीडिया कर्मियों का धन्यवाद किया।
इस मौके पर सीडीएलयू सिरसा से डा. एम. काशिफ किदवई ने पर्यावरण संरक्षण व पराली प्रबंधन के क्षेत्र में किए जा रहे प्रयासों, वर्तमान स्थिति और भविष्य की जरूरतों पर व्याख्यान दिया। उन्होंने कहा कि किसान को कृषि की आधुनिक तकनीकों को अपना कर आर्थिक रूप से सुदृढ होने के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण में भी भागीदार बन सकते हैं। इसी तरह सीडीएलयू के जनसंचार विभाग से डा. अमित सांगवान ने ड्रग डी-एडिक्शन में मीडिया की भूमिका पर प्रकाश डाला और उन्होंने उपस्थित मीडिया कर्मियों से आह्वान किया कि जो लोग नशे की गर्त से बाहर निकल गए हैं, वे नशा पीड़ितों के लिए एक उदाहरण होते हैं। यदि उनकी सकारात्मक खबरें समाज में आए तो नशा पीड़ित भी उपचार के लिए प्रेरित होंगे। इस मौके पर विभिन्न मीडिया संस्थानों से आए मीडिया कर्मियों ने वार्ता जैसी वर्कशॉप को भविष्य में भी आयोजित करने का आह्वान किया और इसे मीडिया, जिला प्रशासन व सरकार के बीच समन्वय स्थापित करने के लिए एक महत्वपूर्ण कड़ी बताया।
