विश्व कैंसर दिवस पर विशेष: दिनचर्या में लाएं बदलाव, कैंसर का खतरा करें कम: डॉ. वर्मा

हरियाणा के वरिष्ठ पैथालॉजिस्ट व कैंसर निदान विशेषज्ञ डॉ. जीएन वर्मा ने विश्व कैंसर दिवस पर आमजन को इस भयंकर रोग पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से महत्वपूर्ण सुझाव दिए हैं जिन्हें अपनाए जाने से काफी हद तक इस रोग के खतरे को कम किया जा सकता है। डॉ. वर्मा के मुताबिक मानवीय स्तर पर स्वयं जागरूक बनकर व दिनचर्या में बदलाव कर इस रोग के पनपने पर ही अंकुश लगाया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि आज, आधुनिक चिकित्सा विज्ञान में इतनी प्रगति हो चुकी है कि यदि कैंसर का समय पर पता चल जाए, तो इसे पूरी तरह नियंत्रित किया जा सकता है, लेकिन इसके लिए सबसे ज़रूरी है रोकथाम और प्रारंभिक पहचान। उन्होंने कहा कि अनेक ऐसी महत्वपूर्ण सावधानियां हैं जिन्हें अपनाकर कैंसर की रोकथाम की जा सकती है।
इनमें मुख्य रूप से तंबाकू और धूम्रपान से पूरी तरह बचना चाहिए क्योंकि तंबाकू और धूम्रपान से फेफड़ों, गले, मुंह और मूत्राशय का कैंसर संभव है। गुटखा, खैनी, पान मसाला और अन्य तंबाकू उत्पाद भी कैंसर को बढ़ावा देते हैं। रोग से बचाव के लिए संतुलित और पौष्टिक आहार लेना चाहिए। इस कड़ी में अधिक मात्रा में हरी सब्जियां, फल, साबुत अनाज और फाइबर युक्त आहार लें। अत्यधिक तले-भुने, प्रोसेस्ड फूड, अधिक चीनी और रेड मीट से बचें। इसके स्थान पर जैविक और प्राकृतिक खाद्य पदार्र्थों को प्राथमिकता दें, ताकि शरीर में हानिकारक रसायनों का असर कम हो। कैंसर रोग से बचाव के लिए शारीरिक रूप से सक्रिय रहने की भी जरूरत है। रोज़ाना कम से कम 30 से 45 मिनट की फिजिकल एक्टिविटी करें, जैसे तेज़ चलना, योग, साइकिलिंग, तैराकी या व्यायाम। नियमित व्यायाम से बॉडी में चय अपचय बेहतर होता है और कैंसर के खतरे को कम किया जा सकता है।
डॉ. जीएन वर्मा ने बताया कि मोटापा कई प्रकार के कैंसर (जैसे ब्रेस्ट, कोलन, प्रोस्टेट, और लिवर कैंसर) के खतरे को बढ़ा सकता है। नियमित समय पर सोना और तनावमुक्त रहना भी कैंसर से बचाव में मदद करता है। अत्यधिक शराब का सेवन लीवर, पेट, मुंह और स्तन कैंसर का कारण बन सकता है। यदि संभव हो तो इसे पूरी तरह छोड़ दें या बहुत सीमित मात्रा में लें। उन्होंने कहा कि एचपीवी वैक्सीन महिलाओं में गर्भाशय ग्रीवा को रोकने में मदद करता है। हेपेटाइटिस बी वैक्सीन लीवर कैंसर से बचाव करता है। किसी भी असामान्य संक्रमण को नजऱअंदाज़ न करें और समय पर इलाज कराएं। डॉ. वर्मा ने कहा कि त्वचा कैंसर से बचने के लिए धूप में निकलते समय सनस्क्रीन लगाएं और सुरक्षात्मक कपड़े पहनें। 35 वर्ष की आयु के बाद नियमित हेल्थ चेकअप कराएं। कैंसर का जल्दी पता चलना ही इसे नियंत्रित करने का सबसे प्रभावी तरीका है। 35 वर्ष के बाद हर व्यक्ति को नियमित रूप से कैंसर स्क्रीनिंग टेस्ट कराना चाहिए। उन्होंने कहा कि स्तन कैंसर, सर्वाइकल कैंसर, प्रोस्टेट कैंसर, कोलन कैंसर और फेफड़ों के कैंसर की जांच समय-समय पर करवानी चाहिए। डॉ. वर्मा ने कहा कि कैंसर का डर आपको समय पर जांच कराने से नहीं रोकना चाहिए। जल्दी पहचान होने से इलाज की संभावना 80-90 फीसदी तक बढ़ जाती है। उन्होंने
कहा कि आमजन को अपने परिवार की सेहत को प्राथमिकता दें, लक्षणों को नजऱअंदाज़ न करें और नियमित स्वास्थ्य जांच कराएं।