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गुरु तेग बहादुर जी की जीवनी और दर्शन आज की युवा पीढ़ी के लिए मार्गदर्शक है: सरदार बलदेव सिंह

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The biography and philosophy of Guru Tegh Bahadur Ji is a guide for today's young generation: Sardar Baldev Singh
mahendra india news, new delhi

जननायक चौ. देवीलाल विद्यापीठ सिरसा में स्थित जननायक चौधरी देवीलाल शिक्षण महाविद्यालय के सभागार कक्ष में गुरु तेग बहादुर जी के 350वें शहीदी दिवस के उपलक्ष में गुरु तेग बहादुर जी के जीवन और दर्शन पर एक राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया गया, जिसमें मुख्य वक्ता सरदार बलदेव सिंह जी सेवानिवृत्त प्राचार्य एवं कार्यक्रम की अध्यक्षता विद्यापीठ के महानिदेशक प्राचार्य डॉ. जयप्रकाश ने की।

इस अवसर पर प्राचार्य डॉ. वीरेंद्र सिंह, प्राचार्य डॉ. मोहित कुमार, प्राचार्य रणजीत सिंह, इंचार्ज डॉ. रणदीप कौर, डॉ. राजेंद्र कुमार, डॉ. रमेश कुमार, डॉ. सुषमा, डॉ. मदन लाल, संदीप, बलविंदर कुमार, प्रीति, सरिता, लवलीन
सहित सभी प्राध्यापक एवं विद्यार्थी उपस्थित रहे। सर्वप्रथम मेमोरियल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. रणजीत सिंह जी ने आए हुए अतिथियों का स्वागत किया और मुख्य अतिथि और मुख्य वक्ता सरदार बलदेव सिंह जी का संक्षिप्त परिचय
दिया। मुख्य वक्ता बलदेव सिंह जी ने अपने वक्तव्य में विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि गुरु तेग बहादुर जी की जीवनी और दर्शन आज की युवा पीढ़ी के लिए मार्गदर्शक है उन्होंने विद्यार्थियों को अपने संदेश में कहा कि सच्ची शिक्षा वही है जो हक और सच्चाई के साथ खड़े रहे और अपने आप को हक और सच्चाई के लिए झोंक दें। गुरु तेग बहादुर जी की शिक्षाएं आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेंगी।

श्री गुरु तेग बहादुर का जीवन हमें बिना विचलित हुए हर स्थिति का सामना करने और पूरी तरह से शांति और दृढ़ता
के साथ जीना सिखाता है। उन्होंने अंधविश्वास, जाति आधारित भेदभाव और छुआछूत के खिलाफ लड़ाई लड़ी ताकि हर इंसान अपनी पसंद का आदर्श जीवन जी सके। एक सच्चा धर्म हमें समाज और लोगों की सर्वाेत्तम तरीके से सेवा करना
सिखाता है। श्री गुरु तेग बहादुर जी कमजोर और वंचितों की बेहतरी के लिए ड़े।

 डॉ. जयप्रकाश ने उपस्थित सभी जनों को संबोधित करते हुए कहा कि गुरु तेग बहादुर जी का जीवन एक महान योद्धा और आध्यात्मिक नेता का था, जिन्होंने अन्याय और दमन के खिलाफ खड़े होने के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी।
उनकी शिक्षाओं में समानता, सद्भाव, धार्मिक स्वतंत्रता और कमजोरों की रक्षा पर जोर दिया गया। उनका दर्शन मानवीय मूल्यों पर आधारित था, जो हमें सुख-दुख में स्थिर रहना सिखाता है और धर्म की रक्षा के लिए खड़े होने की प्रेरणा देता है। आज के विद्यार्थियों में विनम्रता, सहनशीलता और आत्मविश्वास अतिआवश्यक है आप किसी भी परिस्थितियों में हो किसी से भी डरना नहीं है, न किसी को डराना है।

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उन्होंने आज के विद्यार्थी को अनुशासन में रहने की प्रेरणा दी। डॉ. जयप्रकाश ने कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रम
का आयोजन करने का उद्देश्य विद्यार्थियों में न्याय, मानवीय मूल्यों और विविधता के प्रति सम्मान की भावना विकसित करना है। कार्यक्रम के अंत में इंजीनियरिंग कॉलेज की प्राचार्य डॉ. वीरेंद्र कुमार ने आए हुए सभी अतिथियों का धन्यवाद किया। मुख्य वक्ता सरदार बलदेव सिंह जी को स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया गया।