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एआई के युग में शिक्षक की अहम भूमिका: डॉ. मौसमी

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एआई के युग में शिक्षक की अहम भूमिका: डॉ. मौसमी
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बेंlhiगलुरु। राजा राजेश्वरी नगर स्थित एनएचवीपीएस परिसर में प्रख्यात धार्मिक शख्सियत सदगुरु जग्गी वासुदेव के साथ एक ज्ञानवर्धक शाम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में शिक्षक उपस्थित थे। क्राइस्ट डीम्ड यूनिवर्सिटी की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. मौसमी (एआईएमएल और डेटा साइंस विभाग) ने बताया कि वह पिछले 12 वर्षों से समग्र शिक्षा के क्षेत्र में सक्रिय योगदान दे रही हैं। उन्होंने कहा कि सदगुरु के साथ शिक्षक दिवस का उत्सव उनके जीवन के सर्वश्रेष्ठ अनुभवों में से एक है।

इस कार्यक्रम का मुख्य विषय था -आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के युग में शिक्षकों की बदलती भूमिका। उन्होंने कहा कि आज की दुनिया में प्रेरणा जानकारी से अधिक महत्वपूर्ण है। उन्होंने स्पष्ट किया कि तकनीक ऐसी दिशा में जा रही है जहाँ केवल जानकारी का कोई मूल्य नहीं रह जाएगा। उन्होंने कहा कि शिक्षक की भूमिका केवल तथ्यों का भंडार होना नहीं, बल्कि प्रेरणा का स्रोत बनना है। उन्होंने बताया कि मनुष्य का 10% स्वभाव जन्मजात होता है, जबकि शेष 90% कर्मों से निर्मित होता है।

सद्गुरु ने जीवन को यात्री की तरह अनुभव करने की सलाह दी उन्होंने कहा कि हमारा शरीर भोजन का संग्रह है, मन जानकारी का ढेर है और मनोविज्ञान हमारा अपना निर्माण है। हमारे विचार और भावनाएं हमारे लिए सुखद होनी चाहिए। कार्यक्रम का समापन इस आह्वान के साथ हुआ कि शिक्षक केवल निर्देश देने तक सीमित न रहें, बल्कि छात्रों को प्रेरित करें और उनके समग्र विकास को बढ़ावा दें। यह स्पष्ट किया गया कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता के युग में शिक्षा का उद्देश्य केवल सूचना देना नहीं, बल्कि आत्म-जागरूकता, भावनात्मक संतुलन और वैश्विक दृष्टिकोण से संपन्न पीढ़ी तैयार करना है।

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