नकारात्मकता को मिटा देता है यज्ञ अग्नि का पवित्र धुआं: साध्वी संतोष भारती
Mahendra india news, new delhi
सिरसा। दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान द्वारा हुडा स्थित शाखा मकान नंबर-1544 में हवन यज्ञ का विशेष आयोजन किया गया। भक्तों ने अपने विकारों रूपी आहुति को इस महायज्ञ में डालकर स्वाहा किया और सकारात्मक ऊर्जा को ग्रहण किया। यह यज्ञ आशुतोष महाराज के जागृत ब्रह्मज्ञानी शिष्यों द्वारा किया गया ।
महाराज जी के समर्पित शिष्यों द्वारा पवित्र यज्ञ अग्नि के साथ वैदिक मंत्रों के उच्चारण से एक शांत वातावरण बना। इस विशेष यज्ञ के महत्व को बताते हुए संस्थान से साध्वी संतोष भारती ने कहा यज्ञ भारत की सांस्कृतिक धरोहर है। इस धरोहर को समाज में संजोय रखने और जन-जन तक पहुंचाने के लिए दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान के द्वारा समय-समय पर यज्ञ पूजन किए जाते हैं। एक ब्रह्मज्ञानी शिष्य द्वारा किया गया यज्ञ सार्थक माना जाता है। यज्ञ शब्द यज से लिया गया है, जिसका अर्थ है एकजुट होना और पूजा करना है। हमारे वैदिक साहित्य यानी यजुर्वेद में यज्ञ के महत्व का वर्णन किया गया है।
इसका उद्देश्य वांछित शारीरिक, मनोवैज्ञानिक और आध्यात्मिक लाभ प्राप्त करना है और साथ ही, हमें एक ऐसी जीवनशैली सिखाना है, जो उच्च मानवीय मूल्यों को बढ़ावा देती है। उन्होंने बताया कि यज्ञ अग्नि से पवित्र जो धुआं निकलता है, यह आसपास से सभी बुरे प्रभावों एवं नकारात्मकता को मिटा देता है और शांति, खुशी, समृद्धि, संतोष भी लाता है। ये यज्ञ तनाव से मुक्ति, मां प्रकृति का पोषण करने का एक तरीका है और आज की अराजक दुनिया में आशा की किरण के रूप में कार्य करते हैं।
इस महायज्ञ में उपस्थित प्रभु भक्तों को धार्मिक प्रवृत्तियों को अपनाने के लिए प्रेरित किया गया। इस यज्ञ में सभी भक्तों ने प्रभु के आगे समाज हित प्राथना की। और ईश्वर का विशेष धन्यवाद किया। आत्मिक शांति की प्रार्थना की। उपस्थित सभी भक्तजन पूरी तरह से भगवान की भक्ति में लीन दिखे। इस प्रकार, ब्रह्मज्ञान के माध्यम से आत्म-जागृति का दिव्य संदेश सफलतापूर्वक दिया और उन्हें ईश्वर कृपा को प्राप्त करने का अवसर मिले।
