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कल ऐसा रहेगा मौसम, अलर्ट जारी, जानिए मौसम को लेकर ताजा अपडेट

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This will be the weather tomorrow, alert issued, know the latest update about the weather
mahendra india news, new delhi

हरियाणा और राजस्थान समेत अन्य प्रदेशों मौसम में एक बार फिर से बदलाव हुआ है। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार इन प्रदेशों में कल बरसात होगी। इसके लिए कृषि मौसम विज्ञान विभाग चौधरी चरणसिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार (एचएयू) ने मौसम पूर्वानुमान जारी किया है। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार आज सोमवार 17 फरवरी को बरसात होने की उम्मीद है।

चौधरी चरणसिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय (एचएयू) हिसार कृषि मौसम विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष डा. मदनलाल खिचड़ ने बताया कि हरियाणा राज्य में मौसम आमतौर पर खुश्क रहेगा। इस दौरान पश्चिमी विक्षोभ के आंशिक प्रभाव से 16 फरवरी के दौरान बीच-बीच में हवाओं में बदलाव आने से राज्य के ज्यादातर क्षेत्रों में बीच बीच में आंशिक बादलवाई रहने परंतु 16 फरवरी को पश्चिमी विक्षोभ के आंशिक प्रभाव से दक्षिण पश्चिमी क्षेत्रों में कुछ एक स्थानों पर छिटपुट बूंदाबांदी संभावित जिससे दिन के तापमान में हल्की गिरावट आने की संभावना है।


मौसम की संभावित गतिविधि
मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार अगले 24 घंटे के दौरान, अरुणाचल प्रदेश में हल्की से मध्यम बारिश और बर्फबारी के साथ एक-दो स्थानों पर भारी बारिश या बर्फबारी हो सकती है। गिलगित बाल्टिस्तान, मुजफ्फराबाद, लद्दाख, जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश और बर्फबारी संभव है। असम, सिक्किम और उत्तराखंड में हल्की बारिश हो सकती है। पूर्वी भारत के न्यूनतम तापमान में अगले 24 घंटों के दौरान वृद्धि होगी, लेकिन उसके बाद गिरावट हो सकती है। उत्तर पश्चिमी और मध्य भारत के न्यूनतम तापमान में कोई खास बदलाव नहीं होगा।

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देश भर में कल ऐसा रहेगा मौसम
मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार पश्चिमी विक्षोभ उत्तरी अफगानिस्तान और उससे सटे पाकिस्तान के ऊपर 3.1 से 5.8 किमी की ऊंचाई पर चक्रवाती परिसंचरण के रूप में दिखाई दे रहा है। दक्षिण-पश्चिम राजस्थान के ऊपर प्रेरित चक्रवाती परिसंचरण बना हुआ है। पूर्वोत्तर असम और आसपास के क्षेत्रों में एक चक्रवाती परिसंचरण सक्रिय है।

एक अन्य चक्रवाती परिसंचरण पूर्वोत्तर बांग्लादेश के ऊपर बना हुआ है। उप-उष्णकटिबंधीय पश्चिमी जेट स्ट्रीम की मुख्य हवाएं 12.6 किमी की ऊंचाई पर उत्तर पश्चिमी भारत के मैदानी एरिया में 125 नॉट की गति से प्रवाहित हो रही हैं।