सिरसा सीडीएलयू में दो दिवसीय योगाभ्यास एवं षट्कर्म कार्यशाला, ये दिए टिप्स

हरियाणा के सिरसा में चौधरी देवीलाल विश्वविद्यालय, सिरसा के संस्कृत विभाग एवं संत शिरोमणि गुरु रविदास शोध पीठ के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला का बुधवार को समापन हुआ। इस कार्यशाला में योग और पातंजल योगदर्शन के विभिन्न आयामों पर गहन चर्चा और अभ्यास सत्र आयोजित किए गए।
कार्यशाला के अंतिम दिवस की शुरुआत डॉ अनुपमा चंदेल, शूलिनी यूनिवर्सिटी, सोलन द्वारा षटकर्म क्रियाओं के अभ्यास से हुई। डॉ चंदेल ने प्रतिभागियों को प्राचीन योगिक शुद्धि क्रियाओं का अभ्यास करवाया और उनके वैज्ञानिक एवं आध्यात्मिक महत्व को स्पष्ट किया। इसके पश्चात् उन्होंने 'पातंजल योग दर्शन : एक अध्ययनÓ विषय पर व्याख्यान दिया जिसमें उन्होंने यम, नियम, आसन, प्राणायाम, प्रत्याहार, धारणा, ध्यान एवं समाधि – अष्टांग योग के आठ अंगों की विस्तृत व्याख्या की।
कार्यशाला के दौरान स्क्वाड्रन लीडर एंड योगा ट्रेनर निष्ठा पाठक ने यौगिक क्रियाओं में ध्यान योग पर विशेष रूप से प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि ध्यान न केवल मानसिक एकाग्रता का माध्यम है, बल्कि आत्मचिंतन और आत्मबोध की ओर एक सशक्त कदम है। उनके व्याख्यान ने प्रतिभागियों को ध्यान की विधियों एवं प्रभावों को व्यावहारिक रूप से समझने में सहायता की।कार्यक्रम के अंत संस्कृत विभाग के प्राध्यापक डॉ राकेश कुमार ने सभी का धन्यवाद किया।