हरियाणा किसान मजदूर संघर्ष मोर्चे के बैनर तले डीसी दफ्तर सिरसा में 8 अगस्त को मोदी और ट्रंप का फूंका जाएगा पुतला: लखविंदर सिंह औलख
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सिरसा। भारतीय किसान एकता बीकेई प्रदेशाध्यक्ष लखविंदर सिंह औलख ने सोमवार को गांव घुक्कांवाली, बनवाला, खाईशेरगढ़, खारिया, जोधपुरिया, पीरखेड़ा, भागसर, साहुवाला में पहुंचकर किसानों को हरियाणा किसान मजदूर संघर्ष मोर्चे द्वारा 8 अगस्त को जिला मुख्यालयों पर होने वाले विरोध प्रदर्शन व किसानों-मजदूरों की मांगों को लेकर सौंपे जाने वाले मांग पत्र के लिए लघु सचिवालय सिरसा पहुंचने की अपील की।
औलख ने ग्रामीणों को संबोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दबाव में आकर फ्री ट्रेड एग्रीमेंट करने जा रहा है। इस समझौते से किसान, मजदूर, छोटा व्यापारी, डेयरी व्यवसाय के साथ-साथ किसानी से जुड़े हुए सभी व्यापार बर्बाद हो जाएंगे। फ्री ट्रेड एग्रीमेंट के विरोध में शुक्रवार 8 अगस्त को लघु सचिवालय सिरसा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वह डोनाल्ड ट्रंप के पुतले फूंके जाएंगे।
हरियाणा के किसानों व मजदूरों की मांगों को लेकर हरियाणा के मुख्यमंत्री के नाम उपायुक्त को ज्ञापन सौंपा जाएगा, जिसमें भारी बरसात से हुए जल भराव, फसलों की खराबे की स्पेशल गिरदावरी करवा कर किसानों को उचित मुआवजा दिया जाए, किसानों को समय पर यूरिया व डीएपी खाद की उपलब्धता, नकली खाद, बीज, बायोफर्टिलाइजर पर नकेल कसने के लिए तत्काल प्रभाव से संशोधन किया गया एक्ट लागू किया जाए, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में सुधार किया जाए, किसानों का बैंक खातों से जबरन बीमा प्रीमियम काटना बंद किया जाए, बकाया बीमा क्लेम जारी किया जाए, धान की सरकारी खरीद 15 सितंबर से शुरू की जाए, बासमती धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारण करके सरकारी खरीद सुनिश्चित की जाए, अनाज मंडियों में फसल की तुलाई पारदर्शिता से हो,
मंदिरों के बाहर फसलों के तुलाई, सुखाई, उतराई, झराई संबंधित सभी खर्चों का विवरण फ्लेक्स बोर्ड लगाकर प्रदर्शित किया जाए, नए ट्यूबल कनेक्शन पर काडा रिपोर्ट की अनिवार्यता समाप्त की जाए, 2025 बिजली शोध बिल को रद्द किया जाए, उपभोक्ताओं की लूट के लिए लगने जा रहे स्मार्ट मीटर की योजना को रद्द किया जाए, आवारा पशुओं, नीलगाय व हिंसक जंगली सुअरों से किसानों को सुरक्षा प्रदान की जाए इनसे फसलों को होने वाले नुकसान से बचाया जाए, पराली जलाने पर कठोर दण्ड की नीति को समाप्त किया जाए,
सरकार किसानों को मशीनरी सब्सिडी पर उपलब्ध कराए और पराली प्रबंधन के लिए दी जा रही राशि को बढ़ाया जाएए जुमला, मुश्तरका, शामलात, पट्टेदार, आबादकार आदि श्रेणियां की भूमि पर जो किसान पीढिय़ों से खेती करते आ रहे हैंए उन्हें मालिकाना हक प्रदान किया जाए, मनरेगा मजदूरी को किसानी के साथ जोड़ा जाए और साल में मजदूरों को 200 दिन काम दिया जाए। इस मौके पर बीकेई महासचिव अंग्रेज सिंह कोटली, नवदीप सिंह सिद्धू, सरबजीत सिंह कंबोज, कुलतार सिंह कंवर, हरविंदर सिंह, मनजीत सिंह, हरबंस सिंह, लीलाधर, राजवीर सिंह, बलवंत सिंह, प्रदीप, बजरंग, अमनदीप सिंह, मनीष कुमार, सोनू उपस्थित थे।
