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हरियाणवी भाषा विकास सैल का गठन करे विश्वविद्यालय, कुलपति को दिया ज्ञापन

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University should constitute Haryanvi Language Development Cell, memorandum given to the Vice Chancellor

mahendra india news, new delhi
भिवानी चौधरी बंसीलाल विश्वविद्यालय में हरियाणवी भाषा विकास सैल का गठन किया जाए ताकि हरियाणवी का उत्थान हो सके और संविधान की आठवीं अनुसूची में इसको स्थान मिलने में सहयोग मिल सके। यह अनुरोध एक ज्ञापन के माध्यम से आज विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो दीप्ति धर्माणी से हरियाणवी भाषा विकास मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ वीएम बेचैन द्वारा किया गया।

इस अवसर पर कुलपति धर्माणी ने आश्वासन दिया कि विश्वविद्यालय हरियाणवी के उत्थान के लिए अवश्य कोई साकारात्मक कदम उठाएगा। जारी प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से हरियाणवी भाषा विकास मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ वीएम बेचैन ने बताया कि नई शिक्षा नीति भी यह कहती हैं पांचवी कक्षा तक विधार्थियों को आंचलिक भाषा में पढ़ाया जाए। ऐसे में शिक्षा के सर्वोच्च संस्थान विश्वविद्यालय भी आगे बढ़कर यदि हरियाणवी कला संस्कृति और साहित्य को बढ़ावा देते हैं तो यह प्रदेश की सांस्कृतिक और सामाजिक व्यवस्था को मजबूत करने में कारगर क़दम साबित होगा।

डॉ बेचैन ने बताया कि हरियाणवी भाषा विकास मंच प्रदेश भर के विश्वविद्यालयों में ज्ञापन के माध्यम से सभी कुलपतियों से अनुरोध करेगा कि वे अपने अपने संस्थान में न केवल हरियाणवी भाषा विकास सैल का गठन करें बल्कि हरियाणवी कार्यक्रमों का वार्षिक कैलेंडर भी जारी करें और विधार्थियों में हरियाणवी के प्रति साकारात्मक रूझान पैदा करें। उन्होंने कहा कि जल्द ही मंच हरियाणवी को लेकर चल रही प्रदेश स्तरीय मुहिम में और तेजी लाएगा

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उन्होंने बताया कि हरियाणवी में भाषा बनने संबंधित जितनी भी जरूरी आवश्यकताएं हैं वो प्रदेश के साहित्यकारों द्वारा पूर्ण कर दी गई फिर भी हरियाणवी के प्रति सरकार की उदासीनता दिनों दिन बढ़ती जा रही है। हरियाणवी भाषा विकास मंच ने प्रदेश सरकार से भी अनुरोध किया है कि वे हरियाणवी के प्रति अपनत्व बरतें और सभी विश्वविद्यालयों में हरियाणवी भाषा विकास सैल का गठन करने का आदेश प्रदान करें।