नाथूसरी चौपटा ब्लॉक में जलभराव से एक दर्जन से अधिक गांवों में फसलों को नुकसान, लेकिन क्षतिपूर्ति पोर्टल मात्र दो गांवों के लिए खुला
हरियाणा सरकार द्वारा जलभराव से हुई फसलों के नुकसान के आंकलन के लिए क्षतिपूर्ति पोर्टल खोला गया है। जिसमें सिरसा जिले के नाथूसरी चौपटा ब्लॉक में एक दर्जन 10 से अधिक गांवों में जल भराव से फसलें नष्ट हुई है। लेकिन सरकार द्वारा मात्र दो गांव शक्कर मंदोरी और शाहपुरिया गांवों के लिए क्षतिपूर्ति पोर्टल को खोला गया है। इसको लेकर अन्य गांव के किसानों में भारी रोष व्याप्त है।
गांव रुपाणा गंजा के किसानों ने इस बाबत सिरसा जिला उपयुक्त को ज्ञापन सौंपा है जिसमें उन्होंने अपने गांव में जल भराव से हुई फसलों के नुकसान के लिए क्षतिपूर्ति पोर्टल खोलने की मांग की है। डीसी को ज्ञापन सपना के बाद गांजा रुपाणा के सरपंच मंजू रानी, किसान राम सिंह, भगत सिंह, रतिराम, संदीप कुमार, अजय कुमार, शेर सिंह ने बताया कि उनके गांव में पिछले दिनों हुई बारिश से फसलों में जल भराव के कारण सैकड़ो एकड़ फसल नष्ट हो गई। कृषि विभाग द्वारा आकलन किया गया तो उनके गांव में करीब 500 एकड़ से अधिक जमीन में जल भराव दर्शाया गया था। लेकिन अब राजस्व विभाग द्वारा क्षतिपूर्ति पोर्टल खोला गया है जिसमें उनके गांव का नाम नहीं है। चोपटा खंड के मात्र दो गांव शाहपुरिया और शक्कर मंदोरी के किसानों के लिए क्षतिपूर्ति पोर्टल खोला गया है। इनका कहना है कि कृषि विभाग के आकलन और राजस्व विभाग के आकलन में कितना फर्क कैसे हो सकता है। इन्होंने जिला उपायुक्त से मांग किया कि उनके गांव में जल भराव वाली फसलों का सही आकलन करवा कर क्षतिपूर्ति पोर्टल खोला जाए।
इन गांवों में फसलें हुई जलमग्न
बरसात से नाथूसरी चौपटा खंड के करीब 10 गांवों में 2608 एकड़ से अधिक कृषि भूमि जलभराव की चपेट में आ चुकी है। कृषि विभाग के अनुसार, इनमें से 1110 एकड़ में 50 से 75 प्रतिशत तक फसल खराब हो चुकी है, जबकि 1500 एकड़ भूमि पर 100 प्रतिशत फसल नष्ट हो गई है। प्रभावित गांवों में तरकांवाली, शाहपुरिया, शक्कर मंदोरी, गंजा रुपाणा, रुपाणा बिश्नोईयां, माखोसरानी, नाथूसरी कला, दड़बा कलां, गुड़िया खेड़ा, चाहरवाला आदि प्रमुख हैं।
