हरियाणा, पंजाब, राजस्थान में बदलेगा मौसम, होगी झमाझम बरसात

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Weather will change in Haryana, Punjab, Rajasthan, there will be heavy rain
mahendra india news, new delhi

मौसम में कल से बदलाव होगा। मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक पंजाब और हरियाणा के तराई क्षेत्रों एवं आसपास के इलाकों में मौसम में बदलाव की शुरुआत होगी। इसी के साथ ही 10 अप्रैल को यह गतिविधि पश्चिम और उत्तर राजस्थान तक फैल जाएगी। 11 अप्रैल को इसका असर अपने चरम पर होगा और पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई हिस्सों को एक साथ कवर करेगा। 12 अप्रैल को यह सिस्टम पंजाब, हरियाणा और राजस्थान से निकल जाएगा लेकिन दिल्ली, उत्तर प्रदेश और उत्तर मध्य प्रदेश में बारिश जारी रहेगी।


उत्तर भारत के इन राज्यों में भारी बरसात
11 और 12 अप्रैल को पंजाब के अमृतसर, पठानकोट, बठिंडा, फिरोजपुर, जालंधर, लुधियाना, पटियाला में गरज-चमक के साथ बारिश होगी। पंजाब के अमृतसर, पठानकोट, बठिंडा, फिरोजपुर, जालंधर, लुधियाना, पटियाला मे भी बिजली गर्जन के साथ बारिश होगी। इसके साथ ही हरियाणा के अंबाला, हिसार, रोहतक, सिरसा, करनाल और दिल्ली हृष्टक्र के दिल्ली, गुरुग्राम, फरीदाबाद, नोएडा, गाज़ियाबाद में बारिश होगी। उत्तर प्रदेश के मेरठ, मुरादाबाद, बरेली, बुलंदशहर में कई क्षेत्रों में 11 अप्रैल की शाम और रात को ओलावृष्टि की भी आशंका है।

मौसम में एक बार फिर से बदलाव होने वाला है। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार उत्तरी भारत में भारी बरसात का अलर्ट जारी किया गया है। उत्तर भारत के मैदानी एरिया में गर्मी ने तेज़ी पकड़ ली है। राजस्थान के अधिकतर हिस्सों में मध्यम से लेकर तीव्र लू की स्थिति बनी हुई है। हरियाणा के रोहतक, हिसार, सिरसा और नारनौल जैसे स्थानों पर दिन का तापमान 41 डिग्री सेल्सियस के पार पहुंच गया है। 

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इसी के साथ ही पंजाब के अमृतसर, लुधियाना और पटियाला में भी पारा 38 से 39 डिग्री के बीच रिकॉर्ड किया गया। बठिंडा ने 41.9एष्ट के साथ पंजाब में सबसे अधिक तापमान दर्ज किया।


प्री-मानसून गतिविधियों के संकेत
मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार उत्तर भारत में बढ़ती गर्मी और तापमान में लगातार बढ़ोतरी प्री-मानसून गतिविधियों की ओर इशारा कर रही है। इन हालातों के बीच एक पश्चिमी विक्षोभ उत्तर भारत के पहाड़ी इलाकों पर सक्रिय हो चुका है। इसके साथ ही 9 अप्रैल को उत्तर पंजाब और राजस्थान के सीमा क्षेत्रों पर एक प्रेरित चक्रवाती परिसंचरण बनने की संभावना है। इन दोनों सिस्टमों के संयुक्त प्रभाव से दस से 12 अप्रैल के बीच उत्तर भारत के मैदानी हिस्सों में गरज-चमक के साथ बारिश देखने को मिलेगी। कुछ स्थानों पर ओलावृष्टि भी हो सकती है।

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