अमेरिका में अवैध प्रवासियों को मिल रही यातनाओं के लिए वास्तविक दोषी कौन: ठाकुर दलीप सिंह

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Who is the real culprit for the torture being faced by illegal immigrants in America: Thakur Dalip Singh
mahendra india news, new delhi
अमेरिका में घुस चुके अवैध प्रवासी नागरिकों को दंड देना, कारागार में डालना, यातनाएं देकर अमेरिका से निकालना, किसी और देश में भेज देना, जो भी ऐसे कार्य हो रहे हैं। क्या इस में ट्रंप सरकार की कोई गलती है, या नहीं? क्या अमेरिका की सरकार मानवीय अधिकारों का हनन कर रही है? ठाकुर दलीप सिंह ने कहा कि अवैध प्रवासियों को अमेरिका की ट्रंप सरकार, जिस प्रकार से यातनाएं देते हुए अपने देश से बाहर निकाल रही है। 
मानवीय अधिकारों की रक्षक कुछ संस्थाएं तथा कुछ लोग, ट्रंप सरकार के इस ढंग पर बहुत आपत्ति कर रहे हैं। इस आपत्ति में मानवीय संवेदना निस्संदेह प्रशंसनीय है, परंतु यह भी आवश्यक है कि हम इस समस्या की जड़ तक पहुंचें और उसके मूल कारणों को समझें। प्रश्न यह उठता है कि ऐसी स्थिति उत्पन्न ही क्यों हुई? क्या इस के लिए केवल ट्रंप सरकार दोषी है? या फिर वह लोग जो अवैध रूप से सीमाओं को पार करते हैं, नहीं वास्तविक दोष कहीं और छिपा है, जिस पर हम मुख्यत: ध्यान नहीं देते। वास्तव में, दोष उन माता-पिता का है, जिन्होंने अपने पास जीवन की प्रारंभिक आवश्यकताओं: रोटी, कपड़ा, मकान तथा रोजगार की व्यवस्था न होते हुए भी, संतान को जन्म दिया। 
उन्होंने उस देश की जनसंख्या बढ़ा दी, जहां वह स्वयं जीवन की मूलभूत सुविधाओं से वंचित थे। जिस के फलस्वरूप, बढ़ती जनसंख्या ने न केवल अपने देश की आर्थिक एवं सामाजिक संरचना पर बोझ डाला, अपितु दूसरे देशों की समाजिक एवं आर्थिक व्यवस्था के लिए भी गंभीर समस्याएं उत्पन्न कर दी। ठाकुर दलीप सिंह ने कहा कि माता-पिता की गलती के कारण ही, उन संतानों को अवैध ढंग से विदेशों में घुस कर, रोजगार ढूंढने के लिए बाध्य होना पड़ा, जहां उन्हें यातनाएं भुगतनी पड़ रही हैं। यदि ट्रंप सरकार या कोई भी सरकार, विदेशी प्रवासियों को यातनाएं या दंड देती है, तो उस सरकार के दंड से पहले तो, इन सभी प्रवासियों को जन्म दे कर,
उनके माता-पिता ने ही, उन्हें दे दंड दिया है एवं आगे भी दंड भोगने के लिए बाध्य कर दिया है। इस प्रकार से आज विश्व के अनेक भागों में, विशेष रूप से विकसित देशों मेंए उस अवांछित-अत्यधिक संतान के कारण अवैध प्रवास एक गंभीर संकट बन गया है। परंतु इस संकट का मूल कारण: न तो वह प्रवासी हैं, न ही वह सरकारें, जो कठोर कदम उठाने को विवश होती हैं। वास्तविक दोष तो उन अविवेकी माता-पिता का है, जिन्होंने बिना दीर्घकालिक सोच के संतान-उत्पति कर केय जनसंख्या में वृद्धि की। विदेशी प्रवासियों को जन्म दे करए उन के माता-पिता ने, उन्हें दंड भोगने के लिए बाध्य कर दिया है।
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इस लिए, यदि हमें वास्तव में समाधान चाहिए तो केवल नीतियों, विरोधों एवं यातनाओं से आगे बढ़ करय सभी देशों की सरकारों को, विशेष रूप से अमेरिका को, इस समस्या की जड़ों तक जाना चाहिए, जहां से यह संकट आरंभ हुआ। तभी हम इस मानवीय त्रासदी का समुचित समाधान कर पाएंगे। उन्होंने कहा कि शिक्षा एवं प्रचार के माध्यम से लोगों को कम संतान उत्पन्न करने के लिए प्रेरित करना। बड़े खेद की बात है: 
चीन जैसे अत्यधिक जनसंख्या वाले देश, एक बार अपनी जनसंख्या कम कर के अपने देश की जीडीपी बढ़ाने के चक्कर में अब दुबारा जनसंख्या वृद्धि करने के लिए, लोगों को केवल उत्साहित ही नहीं कर रहे, अपितु उन्हें प्रलोभन भी दे रहे हैं। यह पता होते हुए भी कि इतनी जनसंख्या को हम रोजगार उपलब्ध नहीं करवा सकते: भारतीय राजनेता, वोट एवं जीडीपी बढ़ाने के चक्कर में, जनसंख्या कम करने के लिए प्रयत्न करना तो दूर की बात है, इस विषय पर बात करना भी छोड़ गए हैं।
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