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आनंद सरोवर सिरसा : माताएं ही है जो घर को स्वर्ग बना सकती है और परिवार को जोडऩे की ताकत भी रखती है - राजयोगिनी कविता

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 आनंद सरोवर सिरसा : माताएं ही है जो घर को स्वर्ग बना सकती है और परिवार को जोडऩे की  ताकत भी रखती है - राजयोगिनी कविता               
mahendra india news, new delhi                                  

हरियाणा के सिरसा में हिसार रोड पर स्थित आनंद सरोवर में मातृ दिवस के उपलक्ष्य में कार्यक्र म का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में सिरसा महिला थाने की एस.एच. ओ. घनश्याम देवी जी ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की और चण्डीगढ़ से राजयोगिनी कबिता दीदी मुख्य वक्ता रही।
मुख्य अतिथि ने मां को सृजन शक्ति बताया और कहा कि मातृत्व में इतनी शक्ति है कि वो जैसा चाहे वैसा अपनी सन्तान को बना सकती है और मां ही अपने स्वार्थ का त्याग कर बच्चों को देश सेवा के लिए समर्पित कर देती है। 

 आनंद सरोवर सिरसा : माताएं ही है जो घर को स्वर्ग बना सकती है और परिवार को जोडऩे की  ताकत भी रखती है - राजयोगिनी कविता               

 
राजयोगिनी कविता ने कहा कि माताएं ही है जो घर को स्वर्ग बना सकती है और परिवार को जोडऩे की  ताकत भी रखती है। उन्होंने कहा कि मां में देने की भावना होने के कारण वो अपने बच्चों की कमजोरियों को अनदेखा कर निरन्तर अपना आशीर्वाद और शुभ भावना देती रहती है। 

उन्होंने उपस्थित मातृ शक्ति से यह भी अपील की कि अपने भीतर विद्यमान अलौकिक शक्तियों को पहचानें और इन्हे छोटी छोटी बातों में नष्ट होने से बचाएं ताकि इन शक्तियों से अपने बच्चों में  श्रेष्ठï संस्कार और आदर्श चरित्र का निर्माण हो सके ।

 आनंद सरोवर सिरसा : माताएं ही है जो घर को स्वर्ग बना सकती है और परिवार को जोडऩे की  ताकत भी रखती है - राजयोगिनी कविता               

 आनंद सरोवर कि मुख्य संचालिका राजयोगिनी बिंदू दीदी जी ने आत्मा और शरीर दोनो के मात -पिता का परिचय दिया और कहा कि जितना शरीर के मात पिता का सम्मान  जरूरी है उतना ही जरूरी है आत्मा के मात पिता के लिए समय निकाले और उनका भी सत्कार करें। 

माउंट  आबू से पहुचे बीके कमल ने कहा कि मातृ दिवस केवल एक दिन मनाने का  नहीं  है बल्कि हर रोज ही माँ का शुक्रिया करना चाहिए, जो हमें जन्म देकर इतनी पालना देती है। उन्होने बताया कि एक मां के अन्दर त्याग की भवना सबसे ज्यादा होती है इसीलिए मन्दिरों में उनके शक्ति स्वरूप कि आज पूजा होती है

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 बी.के. रामनिवास ने एक कविता के माध्यम से माताओं का सम्मान किया और माता को सहनशक्ति की देवी बताया।  
इस मौके बी.के.विनीता दीदी ने मेडिटेशन  के अभ्यास द्वारा माताओं को उनकी आंतरिक दिव्य शक्तियों का अनु5ाव करवाया। इनरव्हील क्लब की  पी.डी.सी बहन नीता पुरी जी ने कहा कि महिला सशक्त होगी  तो देश सश्1त बनेगा। 
कार्यक्रम में बाल कलाकारों नें सांस्कृतिक नृत्य द्वारा माताओं कि महिमा  का  गुणगान  किया।