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हरियाणा में होली पर्व पर होलिका दहन करना इस समय शुभ मुहूर्त, जानिए कब है पूर्णिया तिथि शुरू

सिरसा के पंडित नीरज शर्मा ने दी जानकारी 

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सिरसा के पंडित नीरज शर्मा ने दी जानकारी 

mahendra india news, new delhi

होली का पर्व फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि के दिन मनाया जाता है और रंगोत्सव अगले दिन चैत्र कृष्ण प्रतिपदा तिथि के दिन मनाया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, होलिका दहन बुराई पर अच्छाई की जीत का पर्व है। होलिका दहन पर इस साल चंद्रग्रहण के साथ साथ भद्रकाल का साया भी रहेगा। 


ज्योतिषाचार्य पंडित नीरज भारद्वाज के अनुसार 24 मार्च को पूर्णिमा तिथि का आरंभ सुबह 9 बजकर 56 मिनट से होगा और 25 तारीख में दोपहर 12 बजकर 30 मिनट पर पूर्णिमा तिथि समाप्त हो जाएगी  ज्योतिषाचार्य पंडित नीरज भारद्वाज के अनुसार पूर्णिमा तिथि में भद्रा सहित समय में ही होलिका दहन किया जाता है। इस बार होलिका दहन 24 मार्च और रंगोत्सव 25 मार्च को मनाया जाएगा। 24 मार्च को भद्रा पूर्णिमा तिथि के आरंभ होने के साथ ही लगी रही है और रात में 11 बजकर 13 मिनट तक भद्रा रहेगी। ऐसे में भद्राकाल समाप्त होने के बाद ही होलिका दहन करना शुभ रहेगा 

सिरसा के पंडित नीरज शर्मा ने दी जानकारी 


इसके अलावा 24 मार्च को भद्रामुखकाल 7 बजकर 54 मिनट से 10 बजकर 7 मिनट तक रहेगा और भद्रापुच्छकाल 6 बजकर 34 मिनट से 9 बजकर 54 मिनट तक रहेगा। इसलिए कुछ लोग भद्रामुख को त्याग कर भद्रापुच्छकाल में होलिका दहन कर सकते हैं। शास्त्रों के अनुसार, भद्रा रहित काल में ही होलिका दहन करना शुभ रहता है लेकिन, विशेष परिस्थितियों में भद्रा पुच्छ में होलिका दहन किया जा सकता है।

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होलिका दहन पर चंद्रग्रहण को लेकर भ्रम फैलाया जा रहा है कि चंद्रग्रहण लगने जा रहा है। जबकि इस बार होली पर कोई चंद्रग्रहण नहीं है। जो उपछाया चंद्रग्रहण लगने जा रहा है वह भारत में नहीं दिखाई देगा। इसलिए भारत में इसका सूतक काल भी मान्य नहीं रहेगा। इसलिए इसका दान आदि करने की भी विधान मान्य नहीं रहेगा। इसलिए होली पर ग्रहण दोष का भय मन से हटाकर रंगोत्सस्व का आनंद ले।