सिरसा में शिव महापुराण कथा में पहुंचे देश भर के श्रद्धालु, शिव तत्व विशेषज्ञ पंडित प्रदीप मिश्रा कर रहे कथा

हरियाणा के सिरसा में श्री तारा बाबा कुटिया में सीहोरवाले कथावाचक-आध्यात्मिक गुरू पंडित प्रदीप मिश्रा महाराज ने कहा कि शिव को आस्था और श्रद्धा का समर्पण चाहिए, आडंबर नहीं। अहंकार, क्रोध, तृष्णा, और वासना की अग्रि में जलने वाले व्यक्ति को गुरू की संत की वाणी का श्रवण करना चाहिए, आपका कल्याण हो जाएगा। कोई भी गुरू, संत, साधु, साधक, उपासक, सतगुरू अपने भक्त को भिखारी नहीं बनाता, वे अपनी तिजोरी में से भक्त को धन भी नहीं देते पर ऐसा रास्ता जरूर दिखाते है जहां पर जीवन का हर सुख और सफलता मिलती है। जो असली संत या गुरू होगा वह आपको कभी भी रुपया पैसा नहीं देगा, गुरू पर भरोसा करना वो बिना मांगे सब कुछ दे देगा।
पंडित प्रदीप मिश्रा श्री बाबा तारा जी कुटिया परिसर में सत्संग पंडाल में आयोजित श्री शिव पुराण कथा के चौथे दिन देशभर से आए लाखों श्रद्धालुओं को संबोधित कर रहे थे। सबसे पहले पंडित प्रदीप मिश्रा महाराज, पूर्व मंत्री गोपाल कांडा, कुटिया के मुख्य सेवक गोबिंद कांडा और परिवारजनों ने पूजा अर्चना की। पूजा करने वालों में गोपाल कांडा, सरस्वती कांडा, गोबिंद कांडा, सरिता कांडा, संगीता कांडा, सुमन कंदोई, सुशीला कांडा नारंग, सुभाष गोयल दिल्ली, हर्षा कांडा, धवल कांडा, नंदिता कांडा, संस्कृति कांडा, धैर्य कांडा आदि शामिल थे। विशेष रूप से आज की कथा में फ्लाइट बाबा जी के नाम से प्रसिद्ध संत भी मौजूद रहे। फ्लाइट बाबा 24 घंटे से अधिक एक स्थान पर नहीं रुकते।
कांडा बंधुओं और परिजनों ने पंडित प्रदीप मिश्रा महाराज जी से आशीर्वाद लिया। गोपाल कांडा ने कथा स्थल पर पहुंचे सभी श्रद्धालुओं का स्वागत करते हुए उनका आभार व्यक्त किया। उन्होंने प्रयागराज से जुड़े प्रसंग को श्रद्धालुओं से साझा किया।
इससे पूर्व भजन मंडली ने श्री गणेश वंदना की। शिव तत्व विशेषज्ञ पंडित प्रदीप मिश्रा महाराज ने कहा कि जब कथा सुनने आओ तो भूलकर भी व्यासपीठ पर पैसा मत चढ़ाना, कोई भेंट मत चढ़ाना, भगवान शिव से कभी भी कोई वस्तु मत मांगना, अगर मांगना तो उनसे एक बेलपत्र जरूर मांगना, शिवलिंग पर चढ़े बेलपत्र की कीमत का पता बाद में चलेगा। ईश्वर के दरवाजे से कोई खाली नहीं जाता, गुरूघर से कोई भूखा नहीं जा सकता।
एक लोटा जल और बेलपत्र करता है मनोकामना पूर्ण
उन्होंने कहा कि शिवलिंग पर एक लोटा जल और बेल पत्र चढ़ाने वाले को शिव एक दिन सेठ जरूर बनाता है किसी को लाभ जल्द मिलता है तो किसी को देर से। उन्होंने कहा कि जो भी फल आपको मिलेगा वह देवों के देव महादेव ही देंगे। जो शंकर भगवान को जान गया भगवान उसे स्वयं जान लेते है। उन्होंने ज्योतिर्लिंग की स्थापना पर चर्चा करते हुए कहा कि ज्योतिर्लिंग में सदैव शिव और शक्ति विराजमान रहते हैं।
जन्म, मरण, परण केवल ईश्वर जानते हैं।
उन्होंने कहा कि शिव में आस्था रखो विश्वास रखो। कथा सुनने वाला कोई भी श्रद्धालु खाली हाथ नहीं जाएगा। शिव त्रिकालदर्शी है पर उनको जानना कठिन है। जो भी सात दिन की कथा का श्रवण करता है उसके कष्ट जरूर कटते हैं। उनके मनोरथ पूर्ण होते हैं।
शिव भक्त को भी और पापी को भी तारते है
उन्होंने कहा कि देवों के देव महादेव शिव ऐसे है जो भक्त को भी तारते है और पापी को भी तारते हैं। रावण की शादी से पहले जब मंदोदरी से भेंट हुई तो रावण ने एक सवाल किया था कि ऐसा कौन है जो भक्त को भी और पापी को तारता है तब मंदोदरी ने जबाव दिया था कि ऐसे तो देवों के देव महादेव है। मंदोदरी ने रावण से पूछा था कि वह भक्त या पापी तो रावण ने कहा था कि इस मृत्युलोक में हर व्यक्ति कभी न कभी झूठ जरूर बोलता है उससे पाप जरूर होता है।
शादी के समय लडक़ा और लडक़ी के अवगुण छिपाये जाते है
उन्होंने कहा कि जब लडक़ा और लडक़ी का रिश्ता होता है तो दोनों ओर से एक दूसरे के गुणों का बखान किया जाता है अवगुण कोई नहीं बताता, इसलिए शादी के बाद परिवार में कलह होती है। लडक़ी एक ही बात कहती है घर को स्वर्ग बना दूंगी पर वही लडक़ी शादी के बाद इतना परेशान करती है कि घर को स्वर्ग बनाने के बजाए लोगों को ही स्वर्गवासी बना देती है। जो लडक़ा कहता है कि आपकी बेटी को रानी बनाकर रखुंगा वहीं शादी के बाद उसे नौकरानी बनाकर रखता है। उन्होंने कहा कि इस संसार का कोई सार नहीं हैै, शिव की भक्ति करो वही कल्याण करेगा पशुओं को तारने वाले इन्ही शिव को पशुपति नाथ भी कहते हैं।
जहां सत्य है वहां शिव है
उन्होंने कहा कि एक बात समझ लेना कि जहां पर सत्य है वहां पर शिव है, जहां शिव है वहीं सुंदर है। उन्होंने कहा कि जब भी शिवालय में जाओ तो किसी से पैसा मांगकर मत चढ़ाना ऐसा करोगे तो भोलनाथ को बुरा लगेगा, जब तेरा बाप सामने बैठा है तो दुनियां से मांगने की क्या जरूरत है। उन्होंने कहा कि वाणी का मूल ही विश्वास है शिव पर विश्वास करो सारे कष्ट कट जाएंगे। उन्होंने कहा कि शिव की आरती में ज्योति के दर्शन जरूर करना। जन्म के समय जीव को जो ज्योति मिलती है वह शिव ही देता है और मरण के बाद वहीं ज्योति शिव के पास चली जाती है इसलिए शिव को ज्योतिर्लिंग भी कहा जाता है।
पितृदोष दूर करना है तो आरती के बाद दीपक मटके के पास रखो
उन्होंने कहा कि अगर किसी को पितृदोष है तो इससे घबराने की जरूरत नहीं हैं। घर में जब भी भगवान शिव की आरती करो तो दीपक की ज्योति के दर्शना करना और आरती के बाद दीपक मंदिर में मत रखना उसे रसोई में उस मटके के पास रखना जिसका आप पानी पीते हो, अगर मटका नहीं है तो आरओ के पास रख देना पितृदोष समाप्त हो जाएगा। इसके बाद आरती का आयोजन किया गया।