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Devshayani Ekadashi: अब देव उठनी एकादशी तक नहीं होंगे मांगलिक कार्य, देवशयनी एकादशी आज

23 नवंबर को देव उठनी एकादशी पर समाप्त होगी, मांगलिक कार्यक्रम होंगे शुरू 
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file photo

mahendra india news, sirsa 

देवशयनी एकादशी पर आज यानि वीरवार को श्रद्धालु व्रत रख कर भगवान विष्णु और शिव की पूजा-पाठ करेंगे। इस दिन से देव यानी विष्णु भगवान चार माह के लिए विश्राम करेंगे। इसकी अब अवधि 23 नवंबर को देव उठनी एकादशी पर समाप्त हो जाएगी। उसी दिन से मांगलिक काम भी शुरू हो जाएंगे।


बता दें कि इस दौरान भक्ति, भजन, प्रवचन आदि अनुष्ठान तो किए जा सकते हैं। जबकि इस दौरान सगाई, शादी विवाह, जनेऊ, मुंडन, देव प्रतिमा प्राण प्रतिष्ठा जैसे मांगलिक कार्य नहीं जा सकते हैं। इस अवधि में सावन, हरियाली अमावस्या, गुरु पूर्णिमा, रक्षा बंधन, श्रीकृष्ण जन्माष्टमी, गणेशोत्सव कई पर्व आएंगे, जिन पर पूजा-पाठ किया जा सकता है।  

आपको यह भी बता दें कि इस वर्ष देवशयनी एकादशी 29 जून को और देव उठनी एकादशी 23 नवंबर को है। इस हिसाब से भगवान 148 दिन यानी करीब पांच माह योग निद्रा में रहेंगे। इसका कारण अधिकमास का होना है, जिसकी वजह से इस साल एक माह बड़ा गया है।


सिरसा के ज्योतिषचार्य पंडित नीजर शर्मा ने बताया कि देवशयनी एकादशी शुरू हो गई है। भगवान विष्णु को जगत का पालनहार माना जाता है। शुभ और मांगलिक कामों के लिए उनका जागृत अवस्था में होना जरूरी होता है। इसलिए देव शयनी एकादशी से देव उठनी एकादशी तक मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं। 
 

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