गलती से भी अर्पित न करें ये 5 चीज भगवान शिव की पूजा में, वरना होगा जाएगा बड़ा नुकसान

mahendra india news, new delhi
कुछ ही दिनों के बाद सावन माह शुरू हो जाएगा। इस सावन माह में शिव की पूजा का विशेष महत्व है। वैसे शिव पूजा हर दिन की जाती है। भगवान शिव को देवों का देव कहा जाते जाता है. उनका स्वभाव बहुत सरल है, इसी को लेकर भगवान शिव को भोलेनाथ भी कहा जाता है।
आपको बता दे कि सावन माह में भोलेनाथ की आराधना करने से जातक की तमाम इच्छाएं पूरी होने लगती हैं और जिंदगी को घेरे हुए तमाम मुश्किलों से निजात मिल जाती हैं। इस बार सावन का माह 22 जुलाई से शुरू होने वाला है, इस दौरान भगवान शिव का जलाभिषेक करने के लिए मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रहती है। भगवान शिव को लेकर पूजा के दौरान 5 कार्यों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्हें भूलकर भी सावन में न करें वर्ना भगवान भोलेनाथ के क्रोध से आपको कोई नहीं बचा सकेगा.
भगवान भोलेनाथ की पूजा में क्या न करें
आपको बता दें कि भगवान शिव की पूजा करने के दौरान भूलकर भी उन्हें नारियल या नारियल पानी अर्पित नहीं करना चाहिए। क्योंकि नारियल को मां लक्ष्मी का स्वरूप माना जाता है.
जब आप भोलेनाथ की आराधना करें तो गलती से भी सिंदूर या कुमकुम न चढ़ाए. ये सब चीजें सुहाग की निशानी होती हैं, जबकि भोलेनाथ आदियोगी हैं, ऐसे में इन चीजों के अर्पण से वे नाराज हो सकते हैं।
इसी के साथ ही आपको बता दें कि चाहे सावन हो या कोई और माह, उसमें भगवान शंकर की पूजा करते समय तुलसी की पत्तियों का प्रयोग करना वर्जित है। असल में तुलसी को मां लक्ष्मी का पर्याय माना जाता है, इसका भोलेनाथ को अर्पण करने से फायदे के बजाय नुकसान हो जाता है।
इसी के साथ ही आपको बता दें कि धार्मिक विद्वानों के अनुसार भगवान शिव की स्तुति के दौरान उन्हें केतकी या कमल के फूल नहीं चढ़ाएं. ये दोनों ही फूल भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी को प्रिय माने जाते हैं। इसके बजाय उन्हें सफेद रंग के फूल अर्पित कर सकते हैं।
नोट: ये सामान्य जानकारी मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है, हम इसकी पुष्टि नहीं करते हैं।